धर्म-परिवर्तन अनुचित क्यों है ?

हिंदुओंको यह ध्यानमें रखना चाहिए कि ‘जिस प्रकार पानीमें रहनेवाली मछली घीमें गई, फिर भी उसका मरण निश्चित है, उसी प्रकार स्वधर्म छोडकर अन्य धर्ममें जाना भी मृत्युके निकट जानेके समान ही है’ । प्रस्तूत लेखद्वारा ‘धर्म-परिवर्तन अनुचित क्यों है’, ये देखते है । Read more »

धर्म-परिवर्तनके संदर्भमें हिंदुओंको आवाहन

हिंदुओंके तीव्र गतीसे हो रहे धर्म-परिवर्तन के विरुद्ध आज हिंदुओंको सभी स्तरसे संघटित होना अत्यावश्यक बन गया है । इस दृष्टीसे हिंदु समाज तथा हिंदुत्वनिष्ठ संघटनाओंने वैâसे प्रयत्न करने चाहिए इस बारेमें प्रस्तूत लेखद्वारा दिशादर्शन किया गया है । Read more »

धर्मांतरणके कारणभूत हिंदुओंके दोष

हिंदुओंके भी कुछ दोष और अन्य कारणोंसे भी हिंदुस्थानमें सहस्रों वर्षोंसे धर्मांतरणकी समस्या बढ रही है । धर्मांतरणकी समस्या समाप्त करने हेतु हिंदु समाजको इन दोषोंके विषयमें अंतर्मुख होकर उनका निर्मूलन करना आवश्यक है । Read more »

धर्म-परिवर्तन रोकने हेतु प्रभावी उपाय !

जिहादी ‘लव जिहाद’के माध्यमसे राष्ट्रको खोखला बना रहे हैं, तो एक ओर ईसाई धर्म-परिवर्तनके द्वारा हिंदु धर्मको खोखला बना रहे हैं तथा धर्मशिक्षा न मिलनेके कारण धर्माभिमानशून्य हिंदु समाज बडी मात्रामें इसका बली बन रहा है । धर्म-परिवर्तनको रोकने हेतु प्रभावी उपाय करने आवश्यक हैं । Read more »

शुद्धीकरण के विषय में धर्मशास्त्र का कथन

स्वधर्मको त्याग परधर्म स्वीकारना, हिंदु धर्ममें पाप माना गया है । धर्मशास्त्रके रचनाकारोंने यह नहीं कहा कि, ‘कोई हिंदु परधर्ममें जानेपर हिंदु धर्मसे सदाके लिए वंचित हो जाता है ।’ प्रायश्चित लेकर महापापसे भी मुक्त होनेकी सुविधा धर्मशास्त्रके निर्माताओंने उपलब्ध करवाई है । Read more »

धर्म-परिवर्तनका समर्थन करनेवाले अनुचित विचारों व आलोचनाओंका खंडन

अनेक हिंदुत्वनिष्ठ संघटनाएं तथा धर्माभिमानी व्यक्तियां धर्म-परिवर्तनके विरुद्ध कार्य कर धर्मरक्षण के लिए तत्पर रहते हैं । प्रस्तुत लेखमें आलोचनाओं का ये संघटनाएं किस प्रकारसे खंडन कर सकती हैं, इसके बारेमें अवगत होंगे । Read more »

वैलेंटाईन डे की पश्‍चिमी कुप्रथा छोडें !

विभिन्न डेद्वारा वासना, कामांधता, विकृति, अश्लीलता एवं अनैतिकताका दर्शन होता है । ये सभी सुख क्षणिक हैं । इस प्रकारका अधर्माचरण करनेसे चरित्रका हनन होता है; भोगवाद.. Read more »