धर्म-परिवर्तन अनुचित क्यों है ?
हिंदुओंको यह ध्यानमें रखना चाहिए कि ‘जिस प्रकार पानीमें रहनेवाली मछली घीमें गई, फिर भी उसका मरण निश्चित है, उसी प्रकार स्वधर्म छोडकर अन्य धर्ममें जाना भी मृत्युके निकट जानेके समान ही है’ । प्रस्तूत लेखद्वारा ‘धर्म-परिवर्तन अनुचित क्यों है’, ये देखते है । Read more »