पाठक, हितचिंतक एवं धर्मप्रेमियों को नम्र विनती !
हिन्दुत्व के कार्य में सम्मिलित होने के लिए धर्मप्रेमियों को आवाहन !
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- ‘सौरऊर्जा परियोजना’ के निर्माण में धन अथवा वस्तुरूप में सहायता करें !
- महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय’द्वारा संग्रहित अमूल्य वस्तुओं का जतन करने हेतु तथा भव्य संग्रहालय (म्युजियम) बनाने हेतु सहायता करें !महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय’द्वारा संग्रहित अमूल्य वस्तुओं का जतन करने हेतु तथा भव्य संग्रहालय (म्युजियम) बनाने हेतु सहायता करें !
- सनातन के देवद आश्रम में Thin Client एवं टेलीफोन की आवश्यकता !सनातन के देवद आश्रम में Thin Client एवं टेलीफोन की आवश्यकता !
- रिसर्च के माध्यम से संपूर्ण मनुष्यजीवों को अनमोल क्षण उपलब्ध कर देनेवाले ‘महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय’ के लिए ‘फोटो कॅमेरा’ओं की आवश्यकता !
- रामनाथी आश्रम के नवीनतम आश्रम के निर्माण कार्य हेतु नेटवर्किंग की वस्तुएं अर्पण कर धर्मकार्य में सहायता करें !
- सनातन के लिए वातानुकूलित यंत्र देकर अथवा उसके लिए धन के रूप में सहायता कर धर्मकार्य में अपना योगदान दें !
- सनातन के आश्रम के लिए ‘जेरॉक्स (xerox)’ यंत्र की खरीद के लिए धन के रूप में सहायता करें !
- सनातन के आश्रमों का पुर्ननिर्माणकार्य, साथ ही नूतनीकरण करना आरंभ है । अतः पंखों की (फॅन की) शीघ्र आवश्यकता !
- राष्ट्ररक्षा एवं धर्मजागृति के व्यापक उद्देश्य से आयोजित किए जानेवाले विविध कार्यक्रमों के लिए सभागार अथवा प्रांगण की उपलब्धता कराएं !
- सामाजिक संकेतस्थलों (Social Media) पर धर्मप्रसार करने के लिए विविध विषयों के पोस्ट सिद्ध करने की सेवा में सम्मिलित रहें !
- सनातन की अमूल्य ग्रंथसंपदा तथा सनातन प्रभात नियतकालिकों की सेवा करने हेतु गुजराथी भाषा का ज्ञान होनेवालों की आवश्यकता !
- फेसबुक, ट्विटर आदि सामाजिक प्रसारमाध्यमों द्वारा धर्मप्रसार कर घरबैठे आंतरराष्ट्रीय स्तर की व्यापक सेवा कीजिए !
- महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय की विविध कलाओं के अनुसंधान हेतु ग्रंथों की आवश्यकता !
- संकेतस्थल (वेबसार्इट) से संबंधित प्रौद्योगिकी की विविध सेवाओं हेतु जानकारों की तुरंत आवश्यकता
- विविध भारतीय भाषाओं का ज्ञान होनेवाले साधक, वाचक, हितचिंतक एवं धर्मप्रेमियों के लिए ज्ञानदान के कार्य में सम्मिलित होने का बहुमूल्य अवसर !
- हिन्दू धर्मप्रसार एवं हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए पूर्णकाल धर्मसेवा करने हेतु सिद्ध हों !
‘सौरऊर्जा परियोजना’ के निर्माण में धन अथवा वस्तुरूप में सहायता करें !
सर्वत्र के पाठकों, हितचिंतकों एवं धर्मप्रेमियों से विनम्र अनुरोध सनातन संस्था के विविध आश्रम तथा सेवाकेंद्रों में प्रस्तावित
पूरे भारत के सौरऊर्जा व्यवसायी १ ‘किलोवाट’ से लेकर २५ ‘किलोवाट’ तक की क्षमतावाले स्वतंत्र सौरतंत्र आश्रम में निःशुल्क अथवा अल्प मूल्य में स्थापित (‘इन्स्टॉल’) कराकर सनातन के राष्ट्र एवं धर्म के कार्य में योगदान कर सकते हैं ।
१. सनातन संस्था का संकटकाल की पूर्वतैयारी के रूप में पूरे भारत के आश्रम एवं सेवाकेंद्रों में ‘सौरऊर्जा परियोजना’ बनाने का मानस !
‘बिजली’ मनुष्य जीवन का अत्यावश्यक घटक है । संकटकालीन स्थिति में बिजली के अभाव में सभी को असुविधा होती है । ऐसे समय में सौरऊर्जा पर चलनेवाले उपकरणों का उपयोग करना आवश्यक होता है । संकटकालीन स्थिति कब उत्पन्न हो जाए, कहा नहीं जा सकता । इसलिए संकटकाल की पूर्वतैयारी के रूप में सनातन के पूरे भारत के आश्रम और सेवाकेंद्रों में ‘सौरऊर्जा परियोजना’ बनाने का संस्था का मानस है । उपलब्ध छत का उपयोग कर तत्परता से यह व्यवस्था की जानेवाली है ।
२. सौरऊर्जा के उपयोग से मिलनेवाले लाभ
सौरऊर्जा परियोजना एक प्रकार से जीवनभर का निवेश (‘लाइफ टाइम इनवेस्टमेंट’) है । इस ऊर्जा के कारण बडी मात्रा में बिजली की बचत होती है । यह व्यवस्था कर संकटकाल की दृष्टि से आत्मनिर्भर बनने का संस्था का प्रयास है । इससे आनेवाले समय में संस्था का राष्ट्ररक्षा एवं धर्मजागृति का कार्य बिना किसी बाधा के चलता रहेगा ।
३. सनातन के आश्रमों में सौरऊर्जा की परियोजना २ चरणों में खडी की जाएगी और उसके लिए अनुमानित २.५ करोड रुपए का व्यय होगा !
कुछ हितचिंतकों ने इससे पहले ही इस परियोजना को बनाने में सहायता करने की इच्छा व्यक्त की है । कुल मिलाकर सर्वत्र के आश्रम और सेवाकेंद्रों में आवश्यक छोटी-बडी प्रस्तावित परियोजना के विस्तार को ध्यान में लेते हुए इसके लिए बडी मात्रा में धनराशि की आवश्यकता होगी । पहले चरण में कुल १५० ‘किलोवाट’ क्षमता तक की सौरऊर्जा परियोजना खडी की जानेवाली है । ये परियोजनाएं ‘हाईब्रिड’ (बैटरी पर संचालित, साथ ही सूर्यप्रकाश न होने से बिजली पर चलनेवाली परियोजना) पद्धति से खडी की जाएगी और उसका अनुमानित व्यय १.५ करोड रुपए है ।
दूसरे चरण में भूमि की उपलब्धता के अनुसार १०० ‘किलोवाट’ क्षमतावाली परियोजना बनानी है तथा उसके लिए १ करोड रुपए का व्यय होगा । जितने ‘किलोवाट’ क्षमता की व्यवस्था करनी होती है, उतने लाख रुपए का व्यय लगता है । इसका अर्थ १ ‘किलोवाट’ क्षमता की परियोजना बनानी हो, तो उसके लिए १ लाख रुपए का व्यय लगेगा । पाठक, हितचिंंतक और धर्मप्रेमी उक्त दोनों चरणों के लिए बनाई जानेवाली ‘सौरऊर्जा परियोजनाओं’ के लिए अपनी क्षमता के अनुरूप धन के रूप में सहायता कर सकते हैं ।
४. ‘सौरऊर्जा परियोजनाओं’ के लिए सौर उपकरणों की भी आवश्यकता !
इन परियोजनाओं को बनाने में ‘विक्रम’ (Vikram), ‘वारी’ (WAAREE), ‘अदानी’ (Adani), ‘सोलरेज’ (Solaredge), ‘टाटा पॉवर सोलर’ (Tata Power Solar) आदि मान्यता प्राप्त प्रतिष्ठानों के उपकरणों की भी (‘पैनल्स’ , ‘इनवर्टर’, ‘बैटरी’, केबल्स इत्यादि की) आवश्यकता है ।
जो पाठक, हितचिंंतक और धर्मप्रेमी ‘सौरऊर्जा परियोजनाएं’ बनाने हेतु सौर उपकरण उपलब्ध करवा सकते हैं अथवा धन के रूप में सहायता कर सकते हैं, वे निम्नांकित क्रमांक पर संपर्क करें ।
नाम एवं संपर्क क्रमांक :
श्रीमती भाग्यश्री सावंत – 7058885610
संगणकीय पता : [email protected]
डाक के लिए पता : श्रीमती भाग्यश्री सावंत, द्वारा ‘सनातन आश्रम’, २४/बी, रामनाथी, बांदिवडे, फोंडा, गोवा पिन – ४०३ ४०१
इसके लिए धनादेश देना हो, तो ‘सनातन संस्था’ नाम से दें ।
राष्ट्ररक्षा एवं धर्मजागृति के कार्य हेतु निःस्वार्थ भाव से कार्य करनेवाली सनातन संस्था के आश्रमों में ‘सौरऊर्जा परियोजना’ बनाने हेतु कृपया सहायता कर इस कार्य में यथाशक्ति योगदान करें !’
– श्री. वीरेंद्र मराठे, व्यवस्थापकीय न्यासी, सनातन संस्था. (१३.७.२०२०)
१ जनवरी २०२०
वस्तु संग्रहालय विशेषज्ञ एवं वास्तु विशारदों के लिए धर्मकार्य में सहभागी होने का स्वर्णिम अवसर !
‘महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय’द्वारा संग्रहित अमूल्य वस्तुओं का जतन करने हेतु तथा भव्य संग्रहालय (म्युजियम) बनाने हेतु सहायता करें !
सहस्रों वर्ष पूर्व ऋषियों द्वारा दिया गया ज्ञान (वेद-पुराण), संतों की जीवनी, साथ ही तीर्थस्थानों को आजतक के अनेक पीढीयों ने संजोकर रखा है । उसके कारण ही आज सभी को इस ज्ञान का सर्वव्यापी लाभ मिल रहा है । महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालयकी ओर से हिन्दू धर्म, साथ ही संस्कृति से संबंधित, साथ ही तीर्थस्थानोंपर मिलनेवाली दुर्लभ वस्तुएं, संतों द्वारा उपयोगित वस्तुएं, उनके अक्षर, मुद्राएं और छायाचित्र आदि का संग्रह किया जा रहा है । इसके साथ ही अनिष्ट शक्तियों द्वारा सूक्ष्म से आक्रमण की गई अनेक वस्तुएं भी संग्रह में हैं । अध्यात्मशास्त्र का अध्ययन करने हेतु यह अमूल्य धरोहर आनेवाले सहस्रों वर्षोंतक मार्गदर्शक सिद्ध होगी ।
१. संग्रहालय क्षेत्र के जानकारों की आवश्यकता ! : वस्तुओं का जतन करने हेतु क्युरेटर (वस्तु संग्रहालय में विद्यमान वस्तुओं का ध्यान रखनेवाला, जिसके संदर्भ में विशिष्ट शिक्षा दी जाती है), वस्तुसंग्रहालय विशेषज्ञ (म्युजियोलॉजिस्ट) आदि के निम्नांकित सहायता की आवश्यकता है ।
अ. जतन प्रक्रिया के संदर्भ में जानकारी का अध्ययन करना, उस विषय में साधकों का मार्गदर्शन करना तथा उन्हें वह प्रक्रिया सिखाना
आ. वस्तुओं का संग्रह बनाने हेतु कैसा वातावरण होना चाहिए ? कक्षों में कैसे व्यवस्था होनी चाहिए ? अलमारियां कैसी होनी चाहिएं ?, इस संदर्भ में मार्गदर्शन करना
इ. इसके लिए आवश्यक सामग्री, रसायन आदि की उपलब्धता कराना
ई. जतन प्रक्रिया के कार्य में सहभागी होना
२. भव्य संग्रहालय (म्युजियम) बनाने हेतु वास्तुविशेषज्ञों के मार्गदर्शन की आवश्यकता ! : महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालयाने अभीतक सहस्रों विशेषतापूर्ण वस्तुओं का संग्रह किया है । इन संग्रहयोग्य वस्तुओं की संख्या प्रतिदिन बढ रही है तथा उसके लिए भव्य संग्रहालय (म्युजियम) बनाने का विश्वविद्यालय का मानस है । इस भावी वास्तु के निर्माण का मार्गदर्शन करने हेतु वास्तुविशारद (आर्किटेक्ट) एवं वास्तुविशेषज्ञों की सहायता की भी आवश्यकता है ।
महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालयाद्वारा भावी पीढी हेतु आरंभित इस कार्य में सहभागी होना, तो राष्ट्र एवं धर्म के कार्य में सहभागी होने जैसा ही है । इस क्षेत्र के जानकार इस सेवा में सहभागी होने के इच्छुक हों, तो वे अपनी जानकारी जनपदसेवक के माध्यम से श्रीमती भाग्यश्री सावंत को ७०५८८८५६१० इस क्रमांकपर दें । सेवाके रूप में अथवा सेवामूल्य लेकर इस कार्य में सहभागी होना हो, तो वैसे भी सूचित करें ।
संपर्क हेतु ई-मेल पता : [email protected]
डाक के लिए पता :
श्रीमती भाग्यश्री सावंत, भगवतिकृपा अपार्टमेंट्स, एस्-१, दूसरी मंजिल, बिल्डिंग ए, ढवळी, फोंडा, गोवा. ४०३४०१.
सनातन के देवद आश्रम में Thin Client एवं टेलीफोन की आवश्यकता !
अखिल विश्व में शीघ्रातिशीघ्र हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हो, इस उदात्त लक्ष्य को लेकर सनातन संस्था के साधक एवं धर्मप्रेमी धर्मप्रसार का कार्य कर रहे हैं । काल के अनुसार इस कार्य की आवश्यकता को ध्यान में लेकर सैकडों साधक समर्पित भाव से धर्मसेवा कर रहे हैं, साथ ही अनेक साधक पूर्णकालीन साधना करने के इच्छुक हैं । अतः इस कारण पूर्णकालीन साधना करनेवाले साधक एवं धर्मप्रेमियों की संख्या प्रतिदिन बढती जा रही है । इस कार्य के लिए निम्नांकित सामग्री की तुरंत आवश्यकता है ।
१. संगणक एवं अन्य सामग्री
२. टेलिफोन
जो पाठक, हितचिंतक एवं धर्मप्रेमी खरीद के लिए धनरूप में सहायता दे सकते हैं, वे निम्नांकित क्रमांकपर संपर्क करें ।
नाम एवं संपर्क क्रमांक : श्रीमती भाग्यश्री सावंत – ७०५८८८५६१०
संगणकीय पता : [email protected]
डाक के लिए पता : श्रीमती भाग्यश्री सावंत, द्वारा सनातन आश्रम, २४/बी, रामनाथी, बांदिवडे, फोंडा, गोवा. पीन – ४०३४०१
इसके लिए धनादेश देना हो, तो उसे ‘सनातन संस्था’ नाम से निकालें ।
– श्री. वीरेंद्र मराठे, कार्यकारी न्यासी, सनातन संस्था. (२४.१२.२०१९)
रिसर्च के माध्यम से संपूर्ण मनुष्यजीवों को अनमोल क्षण उपलब्ध कर देनेवाले ‘महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय’ के लिए ‘फोटो कॅमेरा’ओं की आवश्यकता !
‘महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय’ वैज्ञानिक भाषा में आध्यात्मिक शोध करने का एकमेवाद्वितीय तथा ऐतिहासिक कार्य कर रहा है । इस विश्वविद्यालय के कुछ साधक संताें के मार्गदर्शनानुसार विविध स्थानों पर यात्रा कर महान भारतीय संस्कृती के अनमोल क्षण संग्रह कर रहे है । विविध उपकरणों की सहायता से शूटींग तथा फोटो शूटींग द्वारा यह डेटा आगे अनेक पीढीयों को उपलब्ध हाेनेवाला है ।
सनातन के रामनाथी (गोवा) के आश्रम में फर्श पर ‘ॐ’ उभरना, आश्रम तथा उसके परिसर की भूमि चिकनी होकर उसकी चमक बढना, संतों के निवास कक्ष में खिडकीयों की काच अधिक पारदर्शक होना आदी दैवी परिवर्तन हो रहे है । ‘महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय’की आेर से समय समय पर इन परिवर्तनों का शूटींग एवं संशोधनात्मक अभ्यास किया जा रहा है ।
अब तक इस शोध कार्य के लिए हितचिंतकाें द्वारा उपलब्ध करवाकर दिए हुए उपकरणों का उपयोग किया गया है । इसलिए बडी मात्रा में इसका संग्रह हो सका है । इससे आगे अत्याधुनिक तंत्रज्ञान की सहायता से किया गया शूटींग तथा फोटो शूटींग आगे के काल में अधिक उपयोगी सिद्ध होनेवाला है । इस दृष्टी से आगे दिए हुए नए उपकरणों की आवश्यकता है ।
जो अर्पणकर्ता उपर्युक्त नए उपकरण दे सकते हैं अथवा उन्हें खरीदने के लिए धन के रूप में सहायता करने के इच्छुक हों, वे निम्न क्रमांक पर संपर्क करें ।
श्री. रूपेश रेडकर – ९५६१५७४९७२
इमेल पता : [email protected]
पोस्ट का पता : ‘भगवतीकृपा अपार्टमेंट्स’, एस्-१, दुसरा माला,
बिल्डिंग ए, ढवळी, फोंडा, गोवा ४०३४०१’
रामनाथी आश्रम के नवीनतम आश्रम के निर्माण कार्य हेतु नेटवर्किंग की वस्तुएं अर्पण कर धर्मकार्य में सहायता करें !
‘संपूर्ण विश्व में शीघ्रता से हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करना’, इस व्यापक ध्येय को साध्य करने हेतु सनातन संस्था के साधक तथा धर्मप्रेमी धर्मप्रसार का कार्य कर रहे है । काल के अनुसार इस कार्य की आवश्यकता ध्यान में लेकर सैंकडों साधक तन,मन, धन का त्याग कर धर्मसेवा कर रहे है, साथ ही अनेक साधक पूर्णकालीन साधना करने के लिए इच्छुक है । इस कारण पूर्णकालीन साधक तथा धर्मप्रेमीयों की संख्या दिन-ब-दिन बढती जा रही है ।
‘साधक तथा धर्मप्रेमी आश्रम में रहकर धर्मकार्य में सहभागी हो’, इसलिए रामनाथी (गोवा) में नए आश्रम का निर्माणकार्य शुरु है । इसके लिए नेटवर्किंग के संदर्भ में आगे दिए हुए साहित्य की शीघ्रता से आवश्यकता है ।
जो पाठक, हितचिंतक या धर्मप्रेमी उपर्युक्त वस्तुुएं खरीदने के लिए अपनी क्षमता के अनुरूप यथाशक्ति आर्थिक सहायता कर अथवा सुस्थिति में प्रोजेक्टर अथवा उसका परदा अर्पण के रूप में देकर इस कार्य में अपना योगदान देने के इच्छुक हैं, वे निम्नांकित पते पर संपर्क करें ।
नाम तथा संपर्क क्रमांक : श्रीमती भाग्यश्री सावंत – ७०५८८८५६१०
संगणकीय पता : sanatan.sanstha२०२५@gmail.com
डाक के लिए पता : श्रीमती भाग्यश्री सावंत, द्वारा सनातन आश्रम,
२४/बी, रामनाथी, बांदिवडे, फोंडा, गोवा ४०३ ४०१.
सर्वत्र के पाठक, हितचिंतक तथा धर्मप्रेमियों से विनम्र अनुरोध
सनातन के लिए वातानुकूलित यंत्र देकर अथवा उसके लिए धन के रूप में सहायता कर धर्मकार्य में अपना योगदान दें !
‘राष्ट्ररक्षा एवं धर्मजागृति के लिए कटिबद्ध और प्रभावशाली पद्धति से कार्य करनेवाली सनातन संस्था एकमात्र संगठन है । विविध स्थानों पर संस्था के आश्रम तथा सेवाकेंद्र हैं तथा वहां रहकर सैकडों साधक धर्मप्रसार की पूर्णकालीन साधना कर रहे हैं । राष्ट्र एवं धर्म कार्य के लिए अधिकाधिक समय देनेवाले साधक तथा धर्मप्रेमियों की संख्या प्रतिदिन बढ रही है । अतः अब आश्रम तथा सेवाकेंद्रों का नए सिरे से निर्माणकार्य तथा नवीकरण (रिनोवेशन) चल रहा है । इसके लिए धुलाई यंत्र (वॉशिंग मशीन) की तुरंत आवश्यकता है ।
टिप्पणी १ : *** (थ्री स्टार) वातानुकूलित यंत्र का मानांकन (रेटिंग) है । वातानुकूलित यंत्र के लिए जितने स्टार (*), उतनी बिजली की अधिक बचत होती है ।
सनातन के आश्रमों के लिए निम्न उपकरण देकर अथवा उसके लिए धन के रूप में सहायता कर धर्मकार्य में अपना योगदान दें !
जो अर्पणकर्ता उपर्युक्त नए उपकरण दे सकते हैं अथवा उन्हें खरीदने के लिए धन के रूप में सहायता करने के इच्छुक हों, वे निम्न क्रमांक पर संपर्क करें ।
नाम तथा संपर्क क्रमांक : श्रीमती भाग्यश्री सावंत – ७०५८८८५६१०
संगणकीय पता : [email protected]
डाक के लिए पता : श्रीमती भाग्यश्री सावंत, द्वारा ‘सनातन आश्रम’,
२४/बी, रामनाथी, बांदिवडे, फोंडा, गोवा. पिन – ४०३ ४०१.
सनातन के आश्रम के लिए ‘जेरॉक्स (xerox)’ यंत्र की खरीद के लिए धन के रूप में सहायता करें !
सनातन संस्था हिन्दुओं को धर्मशिक्षित कर उनको साधना की ओर मोडने का महत्त्वपूर्ण कार्य कर रही है । सनातन के आश्रमों में हिन्दू धर्म के विषय में जागृति लाने के लिए नियतकालिकों का प्रकाशन करना, ग्रंथों का निर्माण करना, साथ ही ध्वनिचित्र-चक्रिकाएं सिद्ध करना आदि सेवाएं संगणक की सहायता से की जाती है । इन सेवाओं के लिए A3 एवं A4 आकारवाली अनेक संगणकीय प्रतियां, साथ ही उनकी छायांकित प्रतियां (जेरॉक्स) निकालनी पडती हैं । उसके लिए Canon प्रतिष्ठान के जेरॉक्स यंत्र की आवश्यकता है । इस यंत्र का अनुमानित मूल्य ९० सहस्र रुपए है । जो पाठक, हितचिंतक तथा धर्मप्रेमी इस यंत्र की खरीद के लिए यथाशक्ति धन के रूप में सहायता कर सकते हैं, वे निम्न पते पर संपर्क करें ।
नाम एवं संपर्क क्रमांक : श्रीमती भाग्यश्री सावंत – ७०५८८८५६१०
संगणकीय पता : [email protected]
डाक के लिए पता : श्रीमती भाग्यश्री सावंत, द्वारा सनातन आश्रम, २४/बी, रामनाथी, बांदिवडे, फोंडा, गोवा. पीन – ४०३४०१
२५ अप्रैल २०१८
सर्वत्र के वाचक, हितचिंतक तथा धर्मप्रेमियों को नम्र विनती !
सनातन के आश्रमों का पुर्ननिर्माणकार्य, साथ ही नूतनीकरण करना आरंभ है । अतः पंखों की (फॅन की) शीघ्र आवश्यकता !
‘राष्ट्ररक्षा एवं धर्मजागृति के लिए सिद्ध रहकर प्रभावी रूप से कार्य करनेवाली सनातन संस्था एकमात्र संगठन है । विभिन्न स्थानों पर संस्था के
आश्रम तथा सेवाकेंद्र हैं । वहां सैंकडो साधक पूरा समय रहकर धर्मप्रसार की साधना कर रहे हैं । राष्ट्र एवं धर्म कार्य हेतु अधिक समय देनेवाले साधक, धर्मप्रेमियों की संख्या प्रतिदिन बढती जा रही है । अतः वर्तमान में आश्रम तथा सेवाकेंद्रों का नया निर्माणकेंद्र तथा पुर्ननिर्माणकार्य (रिनोव्हेशन) करना आरंभ है, उसके लिए पंखों की (फॅन की) शीघ्र आवश्यकता है ।
जो अर्पणदाता नएं पंखे अर्पण कर सकते हैं अथवा उसे खरीदने के लिए धनरूप में सहायता करने की इच्छा रखते हैं, वे इस क्रमांक पर संपर्क करें ।
नाम तथा संपर्क क्रमांक : श्रीमती भाग्यश्री सावंत – ७०५८८८५६१०
संगणकीय पता : [email protected]
टपाल का पत्ता : श्रीमती भाग्यश्री सावंत, द्वारा ‘सनातन आश्रम’, २४/बी, रामनाथी,
बांदिवडे, फोंडा, गोवा पिन – ४०३४०१
‘सत्कार्य के लिए अर्पण देने के लिए इच्छुक अर्पणदाताओं, धन के त्याग द्वारा राष्ट्र एवं धर्म के कार्य में सम्मिलित रहने की इस संधी का लाभ ऊठाएं !’
२६ फरवरी २०१८
राष्ट्ररक्षा एवं धर्मजागृति के व्यापक उद्देश्य से आयोजित किए जानेवाले विविध कार्यक्रमों के लिए सभागार अथवा प्रांगण की उपलब्धता कराएं !
१. धर्मप्रेमियों को क्रियाशील बनानेवाले समिति के विविध कार्यक्रम ! : हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से हिन्दू धर्मजागृति सभाएं, हिन्दूसंगठन सम्मेलन, हिन्दू अधिवेशन आदि राष्ट्र एवं धर्मजागृति से संबंधित कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है । हिन्दूसंगठन की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण ऐसे कार्यक्रमों का समाज द्वारा उत्स्फूर्त प्रत्युत्तर प्राप्त होकर उससे अनेक हिन्दू भाई धर्मकार्य के लिए क्रियाशील बन रहे हैं । कई धर्मप्रेमी ‘हमारे गांव/नगर में भी ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन कीजिए’, यह मांग कर रहे हैं ।
२. कार्यक्रमों के लिए सभागार अथवा प्रांगणों की आवश्यकता ! : धर्मप्रेमियों की मांग के अनुसार समिति कई शहरों में हिन्दू धर्मजागृति सभाएं तथा हिन्दू अधिवेशनों का आयोजन करने के लिए प्रयासरत है । अतः इन कार्यक्रमों के लिए पाठक, हितचिंतक तथा धर्मप्रेमी अपना स्वयं का अथवा परिचितों का सभागार अथवा प्रांगण (खुली भूमि) उपलब्ध करवाकर धर्मकार्य में अपना योगदान दें । इन कार्यक्रमों के लिए विद्यालय-महाविद्यालय, मंदिर, औद्योगिक केंद्र, सहकारिता गृहनिर्माण संस्थाएं (को-ऑपरेटिव हाऊसिंग सोसाईटी) के सभागार अथवा प्रांगण उपलब्ध करवाने के लिए भी प्रयास किए जा सकते हैं।
अपने नगर में यदि आप का स्वयं का अथवा दूसरों के द्वारा सभागार अथवा प्रांगण निःशुल्क अथवा अल्प मूल्य में उपलब्ध हो, तो उसकी जानकारी [email protected] इस संगणकीय पतेपर अथवा निम्न डाक पतेपर भेजें । संगणकीय पता न हो, तो श्री. शिवाजी वटकर को भ्रमणभाष क्रमांक ९३२२५३३५९५ पर सूचित करें।
(डाक के लिए पता : श्री. शिवाजी वटकर, सनातन आश्रम, १०७, सनातन संकुल,
देवद, पोस्ट – ओ.एन्.जी.सी. तहसील – पनवेल, जनपद – रायगढ ४१०२२१)
८ जनवरी २०१८
सामाजिक संकेतस्थलों (Social Media) पर धर्मप्रसार करने के लिए विविध विषयों के पोस्ट सिद्ध करने की सेवा में सम्मिलित रहें !
‘फोटोशॉप’ तथा ‘कोरल’ इस संगणकीय प्रणाली का ज्ञान होनेवाले साधकों को सेवा की अमूल्य संधी !
सनातन संस्था तथा हिन्दु जनजागृति समिति के संकेतस्थल पर राष्ट्ररक्षण, धर्मजागृति, साधना, आचारधर्म इत्यादि विषयों पर अनमोल ज्ञानसंपदा उपलब्ध है । फेसबुक, ट्विटर, वॉटसअॅप के समान सामाजिक प्रसारमाध्यमों द्वारा इस ज्ञान का व्यापक स्तर पर प्रसार किया जा रहा है । इस के अंतर्गत राष्ट्र एवं धर्म पर आनेवाली आपत्ती, साथ ही अन्य विषयों के संदर्भ में जनसाधारणों को जानकारी देनेवाले वाचनीय तथा प्रबोधन पर पोस्टस् सिद्ध की जाती हैं । उन्हें समाज द्वारा उत्स्फूर्त प्रतिसाद प्राप्त हो रहा है ।
ये पोस्ट सिद्ध करने की सेवा करने के लिए फोटोशॉप (Photoshop) अथवा कोरल (Corel) इस संगणकीय प्रणाली का (सॉफ्टवेअर्स) ज्ञान अथवा अनुभव होनेवाले साधकों की त्वरित आवश्यकता है । इच्छुक साधक पूरे समय के लिए अथवा कुछ कालावधी के लिए सनातन आश्रम में निवास कर अथवा घर बैठ कर सेवा कर सकते हैं । घर बैठकर सेवा करनेवालों को प्रतिदिन न्यूनतम 2 घंटा इस सेवा के लिए व्यतीत करना अपेक्षित है ।
सेवा हेतु इच्छुक होनेवाले जनपद सेवकों के माध्यम से आगे की सारणीनुसार अपनी जानकारी [email protected] इस संगणकीय पते पर अथवा डाक पते पर भेजें । यदि इस में कुछ संदेह है, तो सौ. भाग्यश्री सावंत को ७०५८८८५६१० इस क्रमांक पर संपर्क करें ।
(डाक के लिए पता : सौ. भाग्यश्री सावंत, द्वारा सनातन आश्रम, 24/बी, रामनाथी, बांदिवडे, फोंडा, गोवा)
यदि इच्छुक साधक ने स्वयं किसी भी विषय पर आर्टवर्क सिद्ध किया है, तो उपर्युक्त जानकारी के साथ भेजें ।
८ जनवरी २०१८
साधक, वाचक, हितचिंतक एवं धर्मप्रेमियों को सेवा की सुवर्णसंधी !
सनातन की अमूल्य ग्रंथसंपदा तथा सनातन प्रभात नियतकालिकों की सेवा करने हेतु गुजराथी भाषा का ज्ञान होनेवालों की आवश्यकता !
‘सनातन संस्था पृथक विषयों पर अमूल्य ज्ञान प्रदान करनेवाली दुर्मिळ ग्रंथसंपदा प्रकाशित करती है । साथ ही मराठी, कन्नड, हिन्दी, अंग्रेजी तथा गुजराथी इन ५ भाषाओं में प्रकाशित करती है । साथ ही इन ५ भाषाओं में सनातन प्रभात नियतकालिक भी प्रकाशित किया जाता है । समाजमन को अध्यात्म, साधना, राष्ट्र एवं धर्म के संदर्भ की जानकारी देने के लिए इन माध्यमों का मूल्यवान हिस्सा है ।
सनातन के ग्रंथ तथा गुजराथी मासिक सनातन प्रभात की सेवा करने हेतु संगणकीय ज्ञान होनेवाले गुजराथी भाषा के जाणकारों की आवश्यकता है । मराठी अथवा हिन्दी भाषा का लिखान गुजराथी में अनुवादित करना, उसका मुद्रितशोधन करना, गुजराथी लिखान की संरचना (फॉरमैटिंग) करना, लिखान संकेतस्थल पर ‘अपलोड’ करना, ये पृथक सेवाएं उपलब्ध हैं । गुजराथी का ज्ञान होनेवाले इच्छुक साधक, वाचक, हितचिंतक तथा धर्मप्रेमी पूरे समय के लिए अथवा कुछ कालावधी के लिए आश्रम में निवास कर सेवा का लाभ प्राप्त कर सकते हैं । यदि ये सेवा आश्रम में रहकर सीखी गई, तो पश्चात् घर में रहकर भी करना सहज होगा ।
उपर्युक्त कोई भी सेवा करने की इच्छा रहनेवाले जनपदसेवकों के माध्यम से आगे की सारणीनुसार अपनी जानकारी [email protected] इस संगणकीय पते पर अथवा डाक पते पर भेज सकते हैं । यदि इसमें कुछ संदेह हैं, तो सौ. भाग्यश्री सावंत को ७०५८८८५६१० इस क्रमांक पर संपर्क कर सकते हैं ।
नाव एवं संपर्क क्रमांक : सौ. भाग्यश्री सावंत – ७०५८८८५६१०
र्इमेल पता : [email protected]
(डाक के लिए : सौ. भाग्यश्री सावंत, द्वारा ‘सनातन आश्रम’, २४/बी, रामनाथी, बांदिवडे, फोंडा, गोवा. पिन – ४०३४०१)
तपशील | जानकारी |
१. नाम तथा जनपद | |
२. शिक्षण | |
३. आयु (वर्ष) | |
४. संपर्क क्रमांक | |
५. आश्रम में निवास कर या घर में रहकर सेवा करने की इच्छा है ? | |
६. सेवा के लिए प्रतिदिन अथवा सप्ताह में कितना समय व्यतीत कर सकते हैं ? | |
७. क्या संगणक अथवा इंटरनेट की सुविधा है ? |
१ दिसंबर २०१७
फेसबुक, ट्विटर आदि सामाजिक प्रसारमाध्यमों द्वारा धर्मप्रसार कर घरबैठे आंतरराष्ट्रीय स्तर की व्यापक सेवा कीजिए !
आज के दिन समाजमनपर सामाजिक प्रसारमाध्यमों का (सोशल मीडिया का) बहुत प्रभाव है । जनसामान्यों द्वारा फेसबुक, ट्विटर, गुगल प्लस, इन्स्ट्राग्राम, वॉट्स एक आदि सामाजिक प्रसारमाध्यमों का बडी मात्रा में उपयोग किया जाता है ।
१. सामाजिक प्रसारमाध्यमों द्वारा घरबैठे धर्मप्रसार कीजिए !
सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति के संकेतस्थलोंपर वाचनीय ज्ञानसंपत्ति उपलब्ध है । साधक, साथ ही पाठक, हितचिंतक, जिज्ञासु एवं धर्मप्रेमी अपने परिवार के सदस्य, परिजन, स्नेही, कार्यालय स्थित सहयोगी, परिचित आदि से इन संकेतस्थलोंपर निहित बहुमूल्य जानकारी, साथ ही ऑडिओ एवं वीडीयो भेजकर धर्मप्रसार के इस अमूल्य अवसर का लाभ उठा सकते हैं । इस जानकारी को यदि अधिकाधिक लोगोंतक पहुंचाया गया, तो केवल पूरे भारत में ही नहीं, अपितु आंतरराष्ट्रीय स्तरपर भी घरबैठे धर्मप्रसार किया जा सकता है ।
२. राष्ट्र-धर्म, साथ ही अध्यात्म के विषय में अमूल्य ज्ञान देनेवाले विविध संकेतस्थल !
संकेतस्थल का नाम | भाषा | उपलब्ध लेखन |
१. www.Hindujagruti.org | मराठी, हिंदी एवं अंग्रेजी | राष्ट्र एवं धर्मपर हो रहे आघात, हिन्दुओं की समस्याएं एवं उनका समाधान, साथ ही हिन्दूसंगठन, हिन्दू राष्ट्र, राष्ट्ररक्षा एवं धर्मजागृति से संबंधित अभियान आदि विषयोंपर आधारित वाचनीय लेखसंपत्ति |
२. www.Sanatan.org | मराठी, हिंदी, अंग्रेजी एवं कन्नड | धर्म, अध्यात्म, आचारधर्म, त्यौहार-उत्सव एवं व्रत, साधना आदि विषयोंपर शास्त्रीय परिभाषा में अमूल्य जानकारी |
३. www.SanatanPrabhat.org | मराठी, हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती एवं कन्नड | नियतकालिक सनातन प्रभात – राष्ट्र, धर्म, राजनीति आदि विषयों के समाचार (संपादकीय दृष्टिकोणोंसहित), साथ ही साधना, आचारधर्म आदि विषयों के लेख |
४. www.Balsanskar.com | मराठी, हिंदी, अंग्रेजी एवं कन्नड | भावी पीढी को सुसंस्कार मिलकर आदर्श पीढी बनने की दृष्टि से उपयुक्त लेखन |
५. www.SSRF.ORG | ५. www.SSRF.ORG | २२ भाषाओं में आध्यात्मिक अनुसंधानपर आधारित लेखमाला |
३. संकेतस्थल www.Balsanskar.com बच्चे एवं अभिभावक इन दोनों के लिए मार्गदर्शक लेखन उपलब्ध !
www.Balsanskar.com इस संकेतस्थलपर आदर्श बालक कैसे बने ?, अच्छी आदतों को कैसे अपनाएं ?, अभ्यास का सुनियोजन कैसे करना चाहिए ? आदि विषयोंपर आधारित लेखमाला है । देवता, संत, ऋषि-मुनी, हिन्दू राजाओं, भारतीय स्वतंत्रतासेनाओं की कथाएं, साथ ही राष्ट्र एवं धर्म के प्रति अपने मन में प्रेम उत्पन्न होने हेतु उपयुक्त लेखन की उपलब्धता है । अभिभावकों के लिए भी आदर्श अभिभावक कैसे बने ?, बच्चों को सुसंस्कार देने का क्या महत्त्व है ?, बच्चों की समस्याओं का समाधान कैसे ढूंढना चाहिए ? आदि विषयपर आधारित अमूल्य एवं वाचनीय जानकारी उपलब्ध है ।
४. जिज्ञासुओं को साधना का महत्त्व समझानेवाले संकेतस्थल www.SSRF.ORG पर २२ भारतीय एवं विदेशी भाषाओं में लेखसंपत्ति उपलब्ध !
संकेतस्थल www.SSRF.ORG पर मनुष्य के जीवन में निहित विविध समस्याओं का क्या कारण है ?, इन समस्याओं के निराकरण के संदर्भ में साधना का क्या महत्त्व है ?, साधना द्वारा आनंदप्राप्ति कैसे होती है ?, तीव्रगति से आध्यात्मिक उन्नति हेतु क्या करना चाहिए ? आदि विषयों की आध्यात्मिक अनुसंधानपर आधारित लेखमाला उपलब्ध है । यह लेखन हिंदी अंग्रेजी, तमिल, नेपालीसहित पोर्तुगीज, फ्रेंच, जर्मन, रुसी, स्लोव्हेनियन, इंडोनेशियन, रोमेनियन, विएत्नामीस, क्रोएशियन, स्पैनिश, मलेशियन, हंगेरियन, सर्बियन इन भाषाओं में उपलब्ध है ।
५. संकेतस्थलों द्वारा धर्मप्रसार कैसे करना चाहिए ?
अ. प्रत्येक लेख के (आर्टिकल के) अंत में निहित फेसबुक, ट्विटर, गुगल प्लस आदि के आईकॉनपर क्लिक करने से उस लेख को प्रसारित (शेअर) किया जा सकता है ।
आ. स्वयं को अच्छी लगी जानकारी अथवा वेबपेज को यदि प्रसारित करना हो, तो उसकी संगणकीय मार्गिका (लिंक) को कॉपी कर उसे हम दूसरों को भेज सकते हैं ।
संकेतस्थलों के माध्यम से धर्मप्रसार करने के संदर्भ में यदि कोई अभिनव संकल्पनाएं अथवा विशेषतापूर्ण सूत्र सूझ गए अथवा धर्मप्रसार करने के पश्चात समाज के यदि अच्छा प्रत्युत्तर प्राप्त हुआ हो, तो उसकी जानकारी संगणकीय पता [email protected] पर भेजें ।
संगणकीय क्षेत्र में कार्यरत साधक, साथ ही पाठक, हितचिंतक एवं धर्मप्रेमियों के लिए सेवा का बहुमूल्य अवसर !
संकेतस्थल (वेबसार्इट) से संबंधित प्रौद्योगिकी की विविध सेवाओं हेतु जानकारों की तुरंत आवश्यकता
धर्मशिक्षा, धर्मजागृति एवं राष्ट्ररक्षा के व्यापक कार्यों को शीघ्रता के साथ करने का प्रभावशाली माध्यम है संकेतस्थल (वेबसाईट) ! विविध संकेतस्थलों द्वारा आंतरराष्ट्रीय स्तरपर किए जानेवाले धर्मप्रसार के कार्य में प्रतिदिन वृद्धि हो रही है । अतः संकेतस्थल से संबंधित सेवा करनेवाली साधकों की संख्या अल्प पड रही है । संकेतस्थल से संबंधित तांत्रिक सेवाएं करना, विविध संगणकीय परियोजनाएं बनाना, ई.आर्.पी. प्रणाली के विषय में तांत्रिक सेवाएं सीख लेना आदि सेवाओं हेतु पूर्णकालिक अथवा कुछ अवधि के लिए रामनाथी आश्रम में रहकर अथवा घरबैठे सेवा करने के इच्छुक संगणकीय क्षेत्र में कार्यरत जानकारों की आवश्यकता है ।
इस सेवा करने हेतु इच्छुक व्यक्तियों के लिए Web-design (Html, CSS, jQuery), PHP, Mysql, WordPress CMS, PrestaShop, Laravel or similar PHP framework, Android/iPhone App Development, React Native or similar mobile development framework, Website Security, Linux Administration इन संगणकीय भाषा का एवं प्रौद्यौगिकी का उत्तम ज्ञान होना आवश्यक है ।
संकेतस्थल के माध्यम से सेवा कर धर्मकार्य में गिलहरी का योगदान देने के इच्छुक जनपदसेवक के माध्यम से निम्न सारणी के अनुसार अपनी जानकारी को संगणकीय पता [email protected] अथवा निम्न डाक के पतेपर भेजें । इसके संदर्भ में यदि कोई शंका हो, तो सौ. भाग्यश्री सावंत से ७०५८८८५६१० संपर्क करें । (उपर दी गई संगणकीय भाषाओं के अतिरिक्त अन्य भाषाएं अथवा प्रौद्योगिकी का यदि उत्तम ज्ञान हो, तो आप उस विषय में भी सूचित कर सकते हैं ।)
नाव एवं संपर्क क्रमांक : सौ. भाग्यश्री सावंत – ७०५८८८५६१०
र्इमेल पता : [email protected]
(डाक के लिए : सौ. भाग्यश्री सावंत, द्वारा ‘सनातन आश्रम’, २४/बी, रामनाथी, बांदिवडे, फोंडा, गोवा. पिन – ४०३४०१)
घटक विवरण :
१. नाम एवं जनपद
२. संपर्क क्रमांक
३. शिक्षा
४. आयु (वर्ष)
५. संगणकीय क्षेत्र का अनुभव (यदि हो, तो)
६. कौन-कौनसी संगणकीय भाषाएं ज्ञात हैं ?
७. उपर्युक्त सेवाओं में से आप कौन-कौनसी सेवाएं कर सकते हैं ?
८. सेवा हेतु समय देने का स्वरूप (आश्रम में रहकर अथवा घरबैठे सेवा करेंगे ?) एवं प्रतिदिन शनिवार/रविवार कितने घंटोंतक)
विविध भारतीय भाषाओं का ज्ञान होनेवाले साधक, वाचक, हितचिंतक एवं धर्मप्रेमियों के लिए ज्ञानदान के कार्य में सम्मिलित होने का बहुमूल्य अवसर !
सनातन द्वारा निर्मित सर्वांगस्पर्शी बहुमूल्य ग्रंथसंपत्ति सभी भारतीय भाषाओं में प्रकाशित हो, इसके लिए भाषांतर की व्यापक सेवाओं में सम्मिलित हों !
१. सनातन द्वारा प्रकाशित विविध भाषाओं के ग्रंथ अनमोल ज्ञानामृत ! : अध्यात्मप्रसार एवं चिरकाल कार्य करनेवाला सर्वोत्तम माध्यम है ग्रंथ ! सनातन संस्था ने अध्यात्म का शास्त्रशुद्ध भाषा में विवेचन एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण के सुवर्णमध्य को साधकर सुलभ भाषा में ज्ञान देनेवाले अमूल्य ग्रंथों का निर्माण किया है । ये ग्रंथ जिज्ञासुओं के लिए अत्यंत मार्गदर्शक सिद्ध हो रहे हैं । इन ग्रंथों के विषय में अनेक साधक एवं जिज्ञासुओं को प्राप्त अनुभूतियां तो इन ग्रंथों में व्याप्त चैतन्य को सिद्ध करनेवाला अ श्रेणी का प्रमाणपत्र ही हैं ।
२. विविध भारतीय भाषाओं का ज्ञान हानेेवालों के लिए सेवा का बहुमूल्य अवसर ! : अबतक सनातन के कुछ ग्रंथ ११ भाषाओं में उपलब्ध हो चुके हैंं । इन ग्रंथों का पूरे भारत में व्याप्त सभी जिज्ञासुओंतक पहुंचना आवश्यक है; किंतु अन्य भाषाओं के ज्ञानवाले मनुष्यबल के अभाव के कारण यह कार्य धीमी गति से चल रहा है । ग्रंथनिर्माण के इस व्यापक कार्य को गति मिले; इसके लिए मराठी, हिन्दी, अंग्रेज, कन्नड, बंगाली, ओरिया, गुजराती, गुरुमुखी, आसामी आदि भारतीय भाषाओं का ज्ञान होनेवाले घरबैठे अथवा आश्रम में रहकर इस सेवा में सम्मिलित हो सकते हैं । इस सेवा हेतु इच्छुक साधक, साथ ही पाठक, हितचिंतक एवं धर्मप्रेमी अपने जनपदसेवक के माध्यम से निम्न सारणी के अनुसार अपनी जानकारी को संगणकीय पता [email protected] पर भेजें ।
विवरण जानकारी
१. नाम
२. जनपद
३. संपर्क क्रमांक
४. शिक्षा
५. कौनसी भाषा ज्ञात है ?
६. आश्रम में रहकर अथवा घरबैठे सेवा करेंगे ?
७. प्रतिदिन अथवा सप्ताह में सेवा हेतु कितना समय दे सकते हैं ?
८. क्या आपके पास संगणक एवं इंटरनेट की सुविधा है ?
हिन्दू धर्मप्रसार एवं हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए पूर्णकाल धर्मसेवा करने हेतु सिद्ध हों !
हिन्दू धर्म की यह विशेषता है कि जब जब धर्म को ग्लानि आती है, तब तब धर्म की पुनर्स्थापना होती है । हिन्दू धर्म को आद्य शंकराचार्य, समर्थ रामदासस्वामी, स्वामी विवेकानंद समान तेजस्वी धर्मप्रसारकों की परंपरा मिली है । इन धर्मप्रसारकों ने समय की आवश्यकता को ध्यानमें लेते हुए हिन्दू धर्म की पुनर्स्थापना के लिए धर्मप्रसार एवं धर्मरक्षा की । वर्तमान समय में केवल भारत में ही नहीं, अपितु संपूर्ण पृथ्वी पर ही आई एक प्रकार की ग्लानि हम अनुभव का रहे हैं । ऐसे धर्मग्लानि के समय में धर्मसंस्थापना के लिए कार्य करना काल के अनुसार साधना है ।
वर्तमान समय में भारत में धर्माधिष्ठित राज्यव्यवस्था अर्थात ”हिन्दू राष्ट्र” स्थापित करना यह साधना सिद्ध होगी । भारत में ”हिन्दू राष्ट्र” स्थापित करने के लिए ‘सनातन संस्था’ एवं ‘हिन्दू जनजागृति समिति’ ये संगठन निरंतर कार्यरत हैं । तब भी वर्तमान परिस्थिति में भारतवर्ष एवं हिन्दू धर्म के सामने जो चुनौतियां हैं, उनका विचार किया जाए, तो धर्म के लिए सर्मिपत कार्य करनेवाले धर्मवीरों की बहुत आवश्यकता है ।
१. ध्यानमें लें कि त्याग साधना है ! : हिन्दू धर्म, धर्म के लिए त्याग करना सिखाता है । धर्म ने गृहस्थाश्रम के व्यक्ति को भी जीवन के अंतिम समय में वानप्रस्थाश्रम (बन में जाकर साधना करना ) एवं उसके आगे संन्यासाश्रम (सर्वस्व का त्याग करना) स्वीकार करने अर्थात त्याग करने की सीख दी है; क्योंकि त्याग किए बिना मनुष्यजन्म का सार्थक (आध्यात्मिक उन्नति) नहीं होती ।
हिन्दू धर्म के अनुसार त्याग साधना है । इसलिए चरण-दर-चरण त्याग करने की क्षमता बढाना अपेक्षित है । अंत में धर्म का आचरण एवं रक्षा के लिए तथा आध्यात्मिक उन्नति के लिए तन, मन एवं धन इन सबका अर्थात सर्वस्व का त्याग करना होता है । इस दृष्टिकोण से पूरा समय धर्म की सेवा करना सर्वस्व का त्याग करने का प्रथम चरण है ।
२. हिन्दू राष्ट्र-स्थापना के लिए पूरा समय योगदान करें ! : नौकरी अथवा व्यवसाय संभाल कर आज अनेक धर्मप्रेमी धर्मप्रसार की सेवा कर ही रहे हैं । परंतु अब धर्मकार्य के लिए अपना पूरा समय योगदान करने का समय आ गया है । कालमहिमा के अनुसार वर्ष २०२३ में हिन्दू राष्ट्र की स्थापना निश्चित रूप से होगी; परंतु काल के अनुसार इस संधिकाल में साधना के रूप में पूरा समय धर्मसेवा करने से हमारी शीघ्र आध्यात्मिक उन्नति होगी । जो धर्मप्रेमी पूर्णकाल सेवा नहीं कर सकते, उनको धर्मसेवा के लिए अधिकाधिक समय देने का प्रयास करना चाहिए ।
‘धर्माे रक्षति रक्षितः ।’ (मनुस्मृति, अध्याय ८, श्लोक १५) अर्थात ‘जो धर्म की रक्षा करता है उसकी रक्षा धर्म अर्थात ईश्वर करता है’, इस वचन के अनुसार धर्मकार्य करनेवालों की रक्षा भगवान श्रीकृष्ण निश्चित ही करेंगे’, ऐसी श्रद्धा रखें । पारिवारिक समस्याएं तथा आर्थिक अडचनों के विषय में कोई चिंता न कर शीघ्रता से पूरा समय साधना करने का कदम उठाएं एवं महद्भाग्य से प्राप्त इस मनुष्यजन्म का सार्थक कर लें !’