पंजाबशार्दूल सरदार उधम सिंह

पंजाबशार्दूल सरदार ऊधमसिंह जलियांवाला बाग हत्याकांडके प्रत्यक्ष दर्शी थे । इस हत्याकांडका आदेश उस समयके पंजाबके लेफ्टिनेंट गवर्नर माइकल ओडायरने दिया था । तभीसे ऊधमसिंहके मनमें प्रतिशोधकी अग्नि धधक रही थी । Read more »

आजाद हिंद सेना : स्वतंत्रतासंग्रामका क्रांतिकारी पर्व

५ जुलाई १९४३ को सिंगापुरमें नेताजीने ‘आजाद हिंद सेना’की स्थापना की । उस समय सहस्रों सैनिकोंके सामने ऐतिहासिक भाषण करते हुए वे बोले, ‘‘सैनिक मित्रों ! आपकी युद्धघोषणा एक ही रहे ! चलो दिल्ली !…” Read more »

हिंदुस्तानमें अंग्रेज अत्याचारियोंपर पहला बम फेंकनेवाले ज्वलंत तथा युवा क्रांतिकारी – खुदीराम

१८ वें वर्षमें हाथमें ‘भगवद्गीता’ लेकर जिसने फांसीके फंदेको आलिंगन दिया, उस क्रांतिवीर खुदीराम बोसका जन्म बंगालके बहुवैनी नामक गांवमें हुआ । Read more »

‘हिंदकेसरी’ लोकमान्य तिलक

भारतभूमिके उद्धारके लिए दिन-रात चिंता करनेवाले और अपने तन, मन, धन एवं प्राण राष्ट्रहितमें अर्पण करनेवाले कुछ नररत्न इस देशमें अमर हो गए । उनमेंसे एक थे लोकमान्य तिलक | Read more »

रुद्रावतार मदनलाल धिंग्रा

सिंहकी गुफामें जाकर उसकी अयाल खींचनेवाले नरवीरको क्या किसी भूमिने जन्म दिया है ? हां ! ऐसे नरवीरको इस भारतभूमिने १८ सितंबर १८८३ को जन्म दिया है और उसका नाम था मदनलाल धिंग्रा ! Read more »

हिंदवी स्वराज्य के लिए अपना प्राणार्पण करनेवाले ‘शूर सेनानी’ बाजी प्रभू देशपांडे

पन्हालगढको सिद्दी जौहरने घेरा डाला था । उस भयानक घेरेसे छत्रपतीको सुरक्षित निकालकर विशालशैलतक पहुंचानेकी व्यवस्था बाजीप्रभूजीने केवल शौर्य, पराक्रमसे ही नहीं अपितु अपने प्राणोंकी भी बाजी लगाकर अपना नाम सार्थ किया । Read more »

‘भारतकन्या’ मैडम कामा

२१ अगस्त १९०७ को जर्मनीके स्टुटगार्ट नगरमें (शहर) अंतर्राष्ट्रीय समाजवादी परिषद’ का आयोजन हुआ था । परतंत्रताकी शृंखलाओंसे बद्ध हिंदुस्थानका पहला स्वतंत्र राष्ट्रध्वज वहां फहराया गया । Read more »

असाधारण पराक्रमी, वीरता झांसीकी रानी लक्ष्मीबाई

जिनके आदर्शपर चलें ऐसे कई पराक्रमी, वीर हिंदुस्तानके १८५७ के स्वतंत्रता संग्राममें विख्यात हुए ।झांसीकी रानी लक्ष्मीबाईके संक्षिप्त चरित्रका अवलोकन ! Read more »

‘वंदे मातरम्’ के रचनाकार बंकिमचंद्र चटोपाध्याय

‘वंदे मातरम्’ इस वंदनीय गीतकी रचना अक्षयनवमी अर्थात् कार्तिक शुक्ल नवमी (७.११.१८७५) के दिन बंकिमचंद्र चटोपाध्यायजीने की । भारतीयोंको प्रेरित करनेवाल, स्वतंत्रता संग्राममें प्रेरणादायी बने ‘वंदे मातरम्’ के संदर्भमें जानकारी प्रस्तुत है ! Read more »

स्वामी वरदानंद भारतीका विचारधन

स्वामी वरदानंद भारतीका पूर्वाश्रमका नाम था, श्री. अनंत दामोदर आठवले । वर्ष १९९१ में उन्होंने संन्यासाश्रमका स्वीकार कर स्वामी वरदानंद भारती नाम धारण किया । स्वामीजीने राष्ट्र, धर्म, अध्यात्म एवं बुद्धिप्रामाण्यवाद आदि विषयोंपर भरपूर लेखन किया है । Read more »