बुद्धिजीवी के अपेक्षा ‘मुझे दिखाई नहीं देता’, इसका खुले मन से स्वीकार करनेवाला श्रेष्ठ !

मोतियाबिंदवाले व्यक्ति को छोटे अक्षर दिखाई नहीं देते । यदि उसे किसी ने पढकर दिखाया, तो मोतियाबिंदवाला व्यक्ति कभी ‘वहां अक्षर है, इसका आप भ्रम उत्पन्न कर रहे हैं’, ऐसा नहीं कहता । वह कहता है, ‘‘मुझे छोटे अक्षर दिखाई नहीं देते ।’’ उपनेत्र लगानेपर उसे छोटे अक्षर पढने आते हैं ।

इसके विपरीत बुद्धिजिवीयों को जो स्वीकार्य नहीं होता, उसे वह झूठ कहते हैं । साधना के कारण सूक्ष्मदृष्टि प्राप्त होनेपर बहुत कुछ समझ में आता है, यह उनके लिए स्वीकार्य नहीं होता ।

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