एक बार सभी को समान पैसे देना संभव हो सकेगा; किंतु क्या शारीरिक प्रकृति, स्वभाव, बुद्धिमत्ता इत्यादी सभी को समानरूप से दे पाना संभव है ? यदि ऐसा है, तो साम्यवाद शब्द का क्या अर्थ रह जाता है ?
एक बार सभी को समान पैसे देना संभव हो सकेगा; किंतु क्या शारीरिक प्रकृति, स्वभाव, बुद्धिमत्ता इत्यादी सभी को समानरूप से दे पाना संभव है ? यदि ऐसा है, तो साम्यवाद शब्द का क्या अर्थ रह जाता है ?