ज्योतिषशास्त्र

ज्योतिषशास्त्र किसी व्यक्ति के प्रारब्ध के अनुसार क्या होनेवाला है, केवल यही नहीं बताता, अपितु उसको टालने के लिए क्या करना चाहिए, इसका भी मार्गदर्शन करता है । अर्थात वह प्रारब्धपर विजय प्राप्त करने हेतु कौनसे क्रियमाण कर्म का उपयोग करना चाहिए, यह भी सिखाता है ।

साम्यवाद की व्यर्थता !

एक बार सभी को समान पैसे देना संभव हो सकेगा; किंतु क्या शारीरिक प्रकृति, स्वभाव, बुद्धिमत्ता इत्यादी सभी को समानरूप से दे पाना संभव है ? यदि ऐसा है, तो साम्यवाद शब्द का क्या अर्थ रह जाता है ?

किसान वृद्ध गाय-बैलों को पशुवधगृह में भेजते हैं !

वर्तमान में संतान अपने वृद्ध मां-बाप की चिंता नहीं करती । उन्हें वृद्धाश्रम में भेज देती है । उसी प्रकार किसान वृद्ध गाय-बैलों को पशुवधगृह में भेजते हैं !

सर्वधर्मसमभाव के पक्षधर अंधे, बहरे एवं मंदबुद्धि हैं और उनमें सत्य को जान लेने की इच्छा ही नहीं है ।

सर्वधर्मसमभाव के पक्षधर अंधे, बहरे एवं मंदबुद्धि हैं और उनमें सत्य को जान लेने की इच्छा ही नहीं है ।

गुरुकुल शिक्षापद्धति के समय निजी शिक्षावर्ग (private class) नहीं होते थे ।

आजकल के छात्रों को निजी शिक्षावर्गों (private class) में जाना पडता है, यह विद्यालयों के लिए लज्जाजनक ! गुरुकुल शिक्षापद्धति के समय निजी शिक्षावर्ग (private class) नहीं होते थे ।

मेरा कार्य अधिक मात्रा में सूक्ष्म स्तर पर होने से अन्य…

मेरा कार्य अधिक मात्रा में सूक्ष्म स्तर पर होने से अन्य संतों के समान मेरा नाम हिन्दुओं में बडा नहीं हुआ; परंतु सूक्ष्म के अभ्यासी, सूक्ष्म को जाननेवाले संत एवं महर्षियों तक मेरा नाम पहुंचा ।

राष्ट्र आैर धर्म के लिए कार्य करनेवालोंको सिद्ध करना ज्यादा महत्त्वपूर्ण !

मैं अमुक एक उपक्रम करता हूं, ऐसा बतानेवालों की अपेक्षा मैं उपक्रम चलानेवालों को सिद्ध करता हूं, यह बतानेवाले अधिक महत्त्वपूर्ण हैं !