ब्रह्मांड में व्याप्त प्राणिमात्रों के कल्याण की चिंता करनेवाले ईश्‍वर

कहां केवल अपने परिजन अथवा अपनी जातिबंधुआें के हित को देखनेवाले संकीर्ण वृत्ति का मनुष्य, तो कहां अनंक कोटि ब्रह्मांड में व्याप्त प्राणिमात्रों के कल्याण की चिंता करनेवाले ईश्‍वर !

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