साधना के लिए प्रत्यक्ष रूप से क्रिया करना आवश्यक होता है

रसोई बनाने के अनेक पुस्तकों को पढकर रसोई बनाना नहीं आता । उसी प्रकार से साधना के संदर्भ में सैकडों पुस्तकों को पढकर साधना नहीं होती । उसके लिए प्रत्यक्ष रूप से रसोई बनाने की तरह प्रत्यक्ष रूप से साधना करने की क्रिया करना आवश्यक होता है ।

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