अन्य सभी धर्मों के लिए संस्थापक हैं; परंतु हिन्दू धर्म का कोई संस्थापक न होने का कारण

बौद्ध, जैन, ईसाई, इस्लाम इत्यादी धर्मों के (वास्तविक रूप से संप्रदायों के) संस्थापक हैं; परंतु हिन्दू धर्म के लिए कोई भी संस्थापक नहीं है । इसके कारण निम्नानुसार हैं ।

१. यह धर्म इतना गहरा है कि, कोई एक उसकी स्थापना नहीं कर सकता ।

२. कालमहिमा के अनुसार धर्म में जो परिवर्तन होता है, उसे बताने के लिए अन्य धर्मों के संस्थापक जीवित नहीं रहते; परंतु इसके विपरीत हिन्दू धर्म में ईश्‍वर अवतार लेकर उस संबंधित युग के लिए योग्य धर्म विशद करते हैं ।

इससे अन्य सभी धर्म, ‘जिनकी उत्पत्ति होती है, उनका कुछ समयतक अस्तित्व होता है और उसके पश्‍चात उसका नाश होता है’ इस सिद्धांतानुसार वो नष्ट होते हैं । इसके विपरीत हिन्दू धर्म की कोई उत्पत्ति न होने से वह अविनाशी है अर्थात अनंत कालतक टिकनेवाला है ।

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