‘किसी जाति का अथवा पंथ का कार्य करनेवालों का, अर्थात् जात्यंधों तथा पंथांधों का कार्य तात्कालिक स्वरूप में रहता है । मानवजाति हेतु धर्म द्वारा किया गया कार्य स्थल तथा काल की सीमा पार करता है ।’
‘किसी जाति का अथवा पंथ का कार्य करनेवालों का, अर्थात् जात्यंधों तथा पंथांधों का कार्य तात्कालिक स्वरूप में रहता है । मानवजाति हेतु धर्म द्वारा किया गया कार्य स्थल तथा काल की सीमा पार करता है ।’