कुछ अच्छा अथवा बुरा होनेपर इस प्रकार से दृष्टिकोण होना चाहिए !

‘कुछ अच्छा होनेपर ‘ईश्‍वर की कृपा से हुआ’, यह दृष्टिकोण होना चाहिए, तो कुछ बुरा होने से ‘मेरे प्रारब्ध के कारण हुआ’, यह विचार होना चाहिए । किसी ने यदि कुछ बुरा किया, तो उसके संदर्भ में ‘मेरे प्रारब्ध का घडा न्यून हुआ’, यह विचार मन में होना चाहिए ।’

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