मार्गदर्शन लेना हो, तो मनुष्यसे नहीं, ईश्वरसे ही लें !

‘गांधी, नेहरू, इंदिरा गांधी जैसे नेताओंकी मृत्युके पश्चात, उसी प्रकार वाजपेयी जैसे नेताओंके निवृत्त होनेपर अथवा कुछ नेताओंके वयोवृद्ध होनेपर उनके अनुयाइयोंके समक्ष ‘अब मार्गदर्शन किससे लें’, ऐसा बडा प्रश्न उभरता है । कुछ लोग असमंजसमें पड जाते हैं । इसके विपरीत, ईश्वरकी तो कभी भी मृत्यु नहीं होती तथा ईश्वर निवृत्त अथवा वयोवृद्ध नहीं होते, इसलिए मार्गदर्शन अंततक मिलता है । अतः ईश्वरसे ही मार्गदर्शन लें । मात्र ईश्वरसे ही मार्गदर्शन मिलनेके लिए साधना निरंतर करते रहना आवश्यक है ।’

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