सातारा (महाराष्ट्र) : सातारा के राष्ट्रवादी कांग्रेस के संसद सदस्य तथा छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज श्रीमंत उदयनराजे भोसले ने एक प्रसिद्धिपत्रकद्वारा यह चेतानवी दी, कि ‘सांगली में घटी हिंसा का सूत्रधार कौन है, इस संदर्भ में पुलिस प्रशासन तथा न्यायव्यवस्थाद्वारा जांच करना तथा निष्कर्ष निकालना अपेक्षित है।
प्रमाण के अभाव में तथा साधारण प्रमाण के आधार पर बहुत बडा निष्कर्ष निकाल कर, आगे-पीछे का कुछ संदर्भ न होते हुए भी किसी का सांगली के दंगाई के रूप में उल्लेख करना, यह उपहासं उडाने की चेष्टा करने के समान ही है।
शिवप्रतिष्ठान के पू. संभाजीराव भिडेगुरुजी हमारे पूजनीय हैं। भविष्य में यदि उनका अनादर किया गया अथवा उनपर झूठे आरोप लगाए गए, तो हम कभी भी सहन नहीं करेंगे।’
साथ ही उन्होंने यह भी बताया, कि पू. संभाजीराव भिडे (गुरुजी) पर लगाए गए आरोप तथा पश्चात की हुई गडबडी ये सर्व दुर्दैवी घटनाएं हैं। जाति-जाति में अनबन निर्माण करने वाली घटनाओंके कारण मन विषण्ण होता है। किसी भी व्यासपीठ पर अथवा विचारमंच पर पू. संभाजीराव भिडे (गुरुजी) का ही नहीं, अपितु किसी भी व्यक्ति का एकतरफा उल्लेख करना अथवा किसी को दंगाई घोषित करना इत्यादि सर्व अवैध है।
सामाजिक एकता के लिए भविष्य में हम ऐसे प्रकरण सहन नहीं करेंगे।
किसी भी संगठन को भविष्य में अपने उद्दिष्टोंका प्रचार-प्रसार करना चाहिए; किंतु अन्य संगठनोंपर झूठे आरोप लगाना,किसी जाति धर्म का अनादर करना, इत्यादि बातोंको जानबूझकर टालना चाहिए, तभी ऐसे संगठनोंको समाज में मान्यता प्राप्त होगी।’
इस संदर्भ में आवाड ने इस पत्र में मेरा नाम नहीं है, ऐसा कहकर उस समय टाल दिया।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात