शुद्धीकरण के विषय में धर्मशास्त्र का कथन

स्वधर्मको त्याग परधर्म स्वीकारना, हिंदु धर्ममें पाप माना गया है । धर्मशास्त्रके रचनाकारोंने यह नहीं कहा कि, ‘कोई हिंदु परधर्ममें जानेपर हिंदु धर्मसे सदाके लिए वंचित हो जाता है ।’ प्रायश्चित लेकर महापापसे भी मुक्त होनेकी सुविधा धर्मशास्त्रके निर्माताओंने उपलब्ध करवाई है । Read more »

धर्म-परिवर्तनका समर्थन करनेवाले अनुचित विचारों व आलोचनाओंका खंडन

अनेक हिंदुत्वनिष्ठ संघटनाएं तथा धर्माभिमानी व्यक्तियां धर्म-परिवर्तनके विरुद्ध कार्य कर धर्मरक्षण के लिए तत्पर रहते हैं । प्रस्तुत लेखमें आलोचनाओं का ये संघटनाएं किस प्रकारसे खंडन कर सकती हैं, इसके बारेमें अवगत होंगे । Read more »