हिंदवी स्वराज्य के लिए अपना प्राणार्पण करनेवाले ‘शूर सेनानी’ बाजी प्रभू देशपांडे
पन्हालगढको सिद्दी जौहरने घेरा डाला था । उस भयानक घेरेसे छत्रपतीको सुरक्षित निकालकर विशालशैलतक पहुंचानेकी व्यवस्था बाजीप्रभूजीने केवल शौर्य, पराक्रमसे ही नहीं अपितु अपने प्राणोंकी भी बाजी लगाकर अपना नाम सार्थ किया । Read more »