हिंदवी स्वराज्य के लिए अपना प्राणार्पण करनेवाले ‘शूर सेनानी’ बाजी प्रभू देशपांडे

पन्हालगढको सिद्दी जौहरने घेरा डाला था । उस भयानक घेरेसे छत्रपतीको सुरक्षित निकालकर विशालशैलतक पहुंचानेकी व्यवस्था बाजीप्रभूजीने केवल शौर्य, पराक्रमसे ही नहीं अपितु अपने प्राणोंकी भी बाजी लगाकर अपना नाम सार्थ किया । Read more »

असाधारण पराक्रमी, वीरता झांसीकी रानी लक्ष्मीबाई

जिनके आदर्शपर चलें ऐसे कई पराक्रमी, वीर हिंदुस्तानके १८५७ के स्वतंत्रता संग्राममें विख्यात हुए ।झांसीकी रानी लक्ष्मीबाईके संक्षिप्त चरित्रका अवलोकन ! Read more »

संत तुकडोजी महाराज : एक राष्ट्रीय संत

तुकडोजी महाराज एक महान व स्वयंसिद्ध संत थे । उनका प्रारंभिक जीवन आध्यात्मिक और योगाभ्यास जैसे साधनामार्गोंसेजैसे साधनामार्गोंसे पूर्ण था । उन्होंने अपने प्रारंभिक जीवनका अधिकांश समय रामटेक, सालबर्डी, रामदिघी और गोंदोडाके बीहड़ जंगलोंमें बिताया था। Read more »

दास्यभक्तिका एक अनूठा रूप संत जनाबाई

संत जनाबाईका परिचय ‘नामयाकी दासी’ अर्थात् संतनामदेवजीकी दासीके रूपमें प्रसिद्ध है । उन्होंने अपने काव्यके माध्यमसे दास्यभक्ति, वात्सल्यभाव, योगमार्ग, इनके साथ-साथ धर्मरक्षाके लिए हुए अवतारोंका कार्य भी वर्णित किया है । Read more »

पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होलकर

अहिल्याबाई होलकरको ‘पुण्यश्लोक’ एवं ‘धर्मपरायण’ राज्यकर्ता स्त्रीके रूपमें देश-विदेशमें जाना जाता है । उन्होंने ही मुसलमान आक्रमकोंद्वारा ध्वस्त सहस्त्रों मंदिर, नदियोंके घाट बनवाए । उन्हींके कारण हमारे मंदिर, तीर्थक्षेत्र एवं हिंदु धर्म सुरक्षित रह पाए । Read more »