‘सनबर्न’द्वारा आधुनिकता की आड में चल रहे युवकों का उत्पीडन तथा संस्कृतिपर हो रहे आक्रमण को रोकिए – सुदर्शन वाहिनी

सुदर्शन वाहिनी के बिंदास बोल कार्यक्रम के माध्यम से युवकों को भ्रष्ट होने से रोकने हेतु तथा राष्ट्र को बचाने हेतु अभियान !

 

२३ दिसंबर को सुदर्शन वाहिनीपर बिंदास बोल कार्यक्रम में पुणे में २८ से ३१ दिसंबरतक होनेवाले सनबर्न महोत्सव के विरुद्ध की गई परिचर्चा में व्याप्त सूत्र यहां दे रहे हैं ।

१. सुदर्शन वाहिनी के स्वामी तथा संपादक, साथ ही इस कार्यक्रम के सूत्रसंचालक श्री. सुरेश चव्हाणके द्वारा रखे गए महत्त्वपूर्ण सूत्र !

अ. नशीले पदार्थों का बाजार बढाने का षडयंत्र !

उपर देखनेपर ऐसा लगता है कि, सनबर्न कार्यक्रम तो केवल मनोरंजन के लिए है; परंतु यदि उसकी मूल में जाकर उससे होनेवाले परिणामों को देखा जाए, तो यह ध्यान में आता है कि, नशीले पदार्थों के बाजार को बढाने हेतु युवकों को गानोंपर नचाने की आड में उनको यहां बुलाया जा रहा है ! इन ३ दिनों के पश्‍चात इस कार्यक्रम में सम्मिलित युवक में इस प्रकार से परिवर्तन होता है कि, उससे उसके जीवन की दिशा नरक की ओर जाती है । यह नशीले पदार्थों के बाजार को बढाने का षडयंत्र है । नशे के बाजार में नए-नए ग्राहकों को आमंत्रित करने हेतु इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है ।

आ. अश्‍लीलता एवं अनैकतिकता की परमावधितक पहुंचनेवाला महोत्सव !

इस महोत्सव के संबंध में जालस्थलोंपर अत्यंत अश्‍लील ध्वनिचित्रचक्रिकाएं प्रसारित की गई हैं । पश्‍चिमियों का अंधानुकरण करने हेतु इस महोत्सव के माध्यम से युवकों को वासना के अंधकार में ढकेला जा रहा है । यहां के ७० सहस्र रुपयों की तंबू में ३ दिनोंतक आप का जोडीदार आप का पती ही होना चाहिए, यह बंधन इस महोत्सव में नहीं है !

इ. वारकरी संप्रदाय यदि इस महोत्सव के विरुद्ध अपनी पूरी शक्ति से खडा हो गया, तो किसी में इस प्रकार से संस्कृति के विरुद्ध कृत्य करने का साहस नहीं रहेगा !

वारकरी संप्रदाय यदि इस महोत्सव के विरुद्ध अपनी पूरी शक्ति से खडा हो गया, तो किसी में इस प्रकार से संस्कृति के विरुद्ध कृत्य करने का साहस नहीं रहेगा । इसके पहले भी इस परिसर में वारकरियों ने प्रदूषण करनेवाले डाऊ प्रतिष्ठान का विरोध करने हेतु बडा आंदोलन खडा किया था ।

२. विश्‍वगुुरु श्री श्री रविशंकरजीपर ५ कोटि रुपयों का कर लगानेवाले युवकों को ध्वस्त करनेवाले महोत्सव के विषय में चुप हैं !

श्री श्री रविशंकरजी द्वारा यमुना नदी के तटपर आयोजित महोत्सव के विरुद्ध बडी कार्यवाही की गई । पुण में उससे भी कहीं अधिक मात्रा में पर्यावरण की हानि की जा रही है और वह भी वनभूमिपर ! ना माध्यम इसके विरुद्ध बोल रहे हैं और न अन्य कोई बोल रहे हैं । भारत में एकता प्रस्थापित होने हेतु प्रयास करनेवालोंपर ५ कोटि रुपयों का जुर्माना लगाया गया; परंतु जो लोग हमारे युवकों को भडका रहे हैं, उनके विषय में प्रशासन चुप है । इसका अर्थ यही है कि, प्रशासन उनके साथ हैं । इसकी रहस्यभेदन होना अत्यंत आवश्यक है । श्री श्री रविशंकरजी के विरुद्ध राल उठानेवाले प्रसारमाध्यम युवकों को विनाश की खाई में ढकेलनेवालोें के विरोध में चूप हैं । ऐसा क्यों हो रहा है ? भारत को ध्वस्त करने के इस षडयंत्र में किन लोगों का अंतर्भाव है ?

– श्री. सुरेश चव्हाणके तथा सामाजिक जालस्थलोंपर सक्रिय रितू राठोड

३. सामाजिक जालस्थलोंपर सक्रिय राष्ट्रप्रेमी रितू राठोड द्वारा रखे गए अभ्यासपूर्ण तथा मुंहतोड सूत्र

अ. सनबर्न सांस्कृतिक आतंकवाद है । अतः उसके विरुद्ध सभी को संगठित होना आवश्यक !

वारकरी संप्रदाय यदि इस महोत्सव के विरुद्ध अपनी पूरी शक्ति से खडा हो गया, तो किसी में इस प्रकार से संस्कृति के विरुद्ध कृत्य करने का साहस नहीं रहेगा !

किसी भी देश का यदि विनाश करना हो, तो उस देश की संस्कृतिपर आक्रमण किया जाता है । जब देश को अपनी संस्कृति एवं परंपराआें का विस्मरण होता है, तब वह अपने परिचय को भी भूल जाता है । हमारी संस्कृति ही हमारे देश का बल है । अतः पश्‍चिमी शक्तियां उसे ही नष्ट करने की इच्छा रख रही हैं । यह आक्रमण अनेक पद्धतियों से हो रहा है । वह बॉलिवूड द्वारा हो रहा है, ख्रिसमस जैसे त्यौहारों द्वारा हो रहा है तथा सनबर्न जैसे महोत्सव द्वारा भी हो रहा है । इन सभी महोत्सव का नियोजनबद्ध पद्धति से प्रस्तुतीकरण किया जा रहा है । यह निश्‍चितरूप से एक मिशन के अनुसार है । हमारे युवक और बच्चोंपर सांस्कृतिक आक्रमण किया जा रहा है । शासन, सामाजिक संगठन, अभिभावक, शिक्षक इस प्रकार से सभी घटकों द्वारा इसका बडी मात्रा में विरोध किया जाना अत्यंत आवश्यक है ।

आ. नशीले पदार्थों की आदत के कारण आत्महत्याएं करनेवालों की भारत में व्याप्त संख्या इस महोत्सव को हो रहे विरोध की गंभीरता का ध्यान दिलाती है ।

भारत में प्रतिदिन १० युवक बुरी आदतों के कारण आत्महत्याएं कर रहे हैं । भारत में वर्ष २०१४ में ३ सहस्र ३४७ युवकों की हुई आत्महत्याएं केवल नशीले पदार्थों के अतिसेवन के कारण हुई हैं । उसमें से महाराष्ट्र में इन नशीले पदार्थों की आदतों के कारण होनेवाली आत्महत्याआें की संख्या सब से अधिक १ सहस्र ३७२ से भी अधिक है । ऐसा होते हुए भी यदि शासन इस कार्यक्रम को नहीं रोकता हो, तो यह बहुत आपत्तिजनक एवं प्रश्‍न उत्पन्न करनेवाला है । इन संख्याआें को देखना अत्यंत आवश्यक है । इन संख्याआें से हमारे यह ध्यान में आता है कि, हमारे युवकों की स्थिति अत्यंत दयनीय है ।

४. रणरागिनी संगठन की देहली की प्रवक्ता श्रीमती क्षिप्रा जुवेकर द्वारा रखे गए महत्त्वपूर्ण सूत्र !

अ. संस्कृतिपर हो रहे आक्रमणों की रणरागिनी तीव्र शब्दों में निंदा कर उसका विरोध कर रही है !

यह हमारे संस्कृतिपर का आक्रमण होने से हम महिलाएं निश्‍चितरूप से जिजामाता एवं रानी लक्ष्मीबाई की भांति इसके विरुद्ध आवाज उठा रहे हैं । गोवा से सनबर्न को धक्के मारकर बाहर निकाला गया । सनबर्न के आयोजकों ने शासन के ३ कोटि रुपये से भी अधिक करों का भुगतान नहीं किया था । प्रायः पुणे जैसे शहर में इस प्रकार के कर डुबोनेवाले आयोजकों को इस कार्यक्रम की अनुमति मिलती है, यह दुर्भाग्यजनक है ।

आ. शासन इस महोत्सव को स्थगित करें; इसलिए हम हिन्दुआें को जागृत कर रहे हैं !

सनबर्न को किसी भी प्रकार की प्रशासकीय अनुमति न होते हुए भी उनके ७०० कोटि रुपयों के टिकटों की बिक्री हो चुकी है । सभी बातें अवैधरूप से करना, उसके लिए अनुमति नहीं लेना और युवकों को ध्वस्त करना, यह सनबर्न का इतिहास है । पुणे की यह भूमि किसानों की है तथा इस महोत्सव के आयोजकों ने उस भूमि का उपयोग करने हेतु किसानों से अनुमति नहीं ली है । वहांपर अवैध खनन किया जा रहा है । वहांपर इतनी बडी मात्रा में अवैध काम हो रहा है; परंतु कोई भी उसके विरुद्ध नहीं बोलता । शासन को इसका विरोध करना चाहिए और यदि वह ऐसा न कर रहा हो, तो हम शासन को जगाएंगे । हम हिन्दुआें को जागृत करेंगे । हम देश को जागृत करेंगे; क्योंकि यह प्रश्‍न हमारे समाज एवं हमारे देश का है ।

इ. हिन्दुआें को घर तथा विद्यालयों से धर्मशिक्षा दी जानी चाहिए, साथ ही हिन्दूसंगठन कर राष्ट्रजागृति की जानी चाहिए !

यदि हमें छोटी रेखा पोछनी हो, तो वहांपर बडी रेखा निकालनी चाहिए, इसके अनुसार हमें युवकों के सामने आदर्श रखनेवाले कार्यक्रम करने चाहिएं । छत्रपति शिवाजी महाराजजी एवं रानी लक्ष्मीबाई हमारे आदर्श हैं, इसे विद्यालयों में सिखाया जाना चाहिए, घर में सिखाया जाना चाहिए । धर्मजागृति की जानी चाहिए, राष्ट्रजागृति की जानी चाहिए और उसके लिए पहले हिन्दुआें को संगठित किया जाना चाहिए । भारतीय संस्कृति कितनी महान है, यह हमें पूरे विश्व को बता देना चाहिए ।

५. देश में कहींपर भी इस प्रकार के कार्यक्रम होते हों, वहांपर बजरंग दल उसका संपूर्णरूप से विरोध करेगा ! – दीपक सिंह, बजरंग दल, देहली के पदाधिकारी

हमारे देश के युवकों को दूषित करने की तथा उनको मानसिक एवं शारिरीक रूप से विकलांग बनाने का यह अभियान है । बजरंग दल इसका संपूर्णरूप से विरोध करता है । आज के युवक बडी संख्या में ऐसे कार्यक्रमों में जा रहे हैं । युवक हमारे देश का आधार हैं । जब किसी इमारत को गिरानी होता है, तब उसमें स्थित एक-एक ईट निकाली जाती है । युवा इस देश की नींव हैं । मैं युवकों का आह्वान करता हूं कि, वो इस कार्यक्रम का विरोध करें; क्योंकि इस प्रकार के कार्यक्रमों के कारण हमारी धार्मिक शक्ति नष्ट हो रही है । हम जिन माता-बहनों का सम्मान करते हैं, उनको अश्‍लीलता के साथ नाचते हुए दिखाया जाता है । शासन द्वारा इस कार्यक्रम का इस प्रकार की तत्परता के साथ विरोध किया जाना चाहिए, जिससे की देश में कहींपर भी इस प्रकार के कार्यक्रम पुनः न हों ।

६. चलतचित्र अभिनेत्री प्राची अधिकारी द्वारा रखे गए विशेषतापूर्ण सूत्र !

अ. देश को ध्वस्त करने हतेु युवकों में नशीले पदार्थों की आदत डालने का आतंकियों का षडयंत्र !

आयोजक नए वर्ष के उपलक्ष्य में नशीले पदार्थों के प्रसार के अवसर का लाभ उठा रहे हैं । यहांपर बडी संख्या में वलयांकित हस्तियां आती हैं । नशीले पदार्थों के सेवन के कारण युवक ध्वस्त हो रहे हैं । नशीले पदार्थों ने लगभग आधे पंजाब को ध्वस्त कर दिया है; क्योंकि आतंकी यह जानते हैं कि, यदि इस देश को ध्वस्त करना है, तो यहां के युवकों को ध्वस्त कीजिए और पंजाब को ध्वस्त कीजिए; क्योंकि वहीं से सीख रेजिमेंट सिद्ध होती है ।

आ. युवक-लडकियों में नशीले पदार्थों की आदत डालकर उनको अनैतिक कृत्य करनेपर बाध्य बनाया जाता है !

इसमें केवल धनवान ही नहीं, अपितु मध्यमवर्ग के और गरीब लडके-लडकियों को भी आमंत्रित किया जाता है, जो इस चमकते विश्‍व में आकर नशा के लिए कुछ भी करने के लिए सिद्ध होते हैं । पैसा न होनेवाले युवक अपना रक्त बेचकर भी नशीले पदार्थों की नशा करते हैं । लडकियों में भी यह आदत डाली जाती है और उसके पश्‍चात उनको कपडे उतारने के लिए कहा जाता है । यह आदत इतनी तीव्र होती है कि, उसके लए ये लडकियां कुछ भी करने के लिए सिद्ध होती हैं । यह लडकियां कहती है कि, आप जो कह रहे हैं, वह मैं करूंगी; परंतु आप मुझे थोडा तो कोकेन दीजिए ! उसके पश्‍चात उनसे बहुत सहजता के साथ वेश्याव्यवसाय करा लिया जाता है । नशे के आधीन गरीब लडकों को कहा जाता है, तुम खून कर आओ, मारकर आओ । सभी शार्प शूटर नशे करनेवाले होते हैं । आप सभी आतंकियों की आंखे देखिए । उनको भी यह देकर आतंकी कृत्य करने के लिए कहा जाता है । कोकेन का छोटा पैकेट ५ सहस्र रुपयों में मिलता है । ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से युवकों को नशे के आधीन बनाया जाता है तथा उसके पश्‍चात उसकी आपूर्ति के लिए उनको इस प्रकार के काम करने के लिए प्रवृत्त किया जाता है, जो काम हम सर्वसामान्यरूप से नहीं करेंगे । नशे के आधीन युवकों का अच्छे प्रकार से समुपदेशन किया जाना चाहिए ।

भारतीय युवकों को बचाने हेतु इस प्रकार से किया जा रहा है विरोध !

  • हिन्दुत्वनिष्ठों की ओर से प्रशासन को निवेदन तथा आंदोलन !
  • पुणे के स्थानीय लोकप्रतिनिधियों की ओर से विरोध !
  • विरोध करने हेतु ग्रामवासियों की बैठकें एवं छोटी सभाएं !
  • पत्रकारों को वास्तविकता बताने हेतु पत्रकार संवाद का आयोजन !
  • न्यायालयीन लडाई !

सुदर्शन वाहिनी की ओर से दर्शकों का सनबर्न को बंद करने का आह्वान !

महान संत ज्ञानेश्‍वरजी की समाधी के निकट, साथ ही जिन्हों ने धर्म के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया, उस छत्रपति संभाजी महाराजजी की समाधी के निकट सनबर्न का आयोजन किया गया है । जहांपर केवल पुण्यदायक एवं पवित्रता से युक्त काम किया जाना चाहिए, जहां केवल धर्म का काम होना चाहिए, वहांपर ्रअधर्म का काम चल रहा है ! कुछ संगठन इसका विरोध कर रहे हैं । अतः हम बिंदास बोल के व्यासपिठ के माध्यम से इसके विरुद्ध आवाज उठा रहे हैं और लोगों का यह आह्वान कर रहे हैं कि, बैन सनबर्न (सनबर्न को बंद कीजिए !)

भारतीय परंपराआें का अनादर करनेवाला सनबर्न महोत्सव !

अ. सनबर्न फेस्टिवल महाराष्ट्र की सांस्कृतिक परंपरा, संतपरंपरा एवं धर्मविचारों का अनादर करनेवाला है । छत्रपति शिवाजी महाराजजी एवं छत्रपति संभाजी महाराजजी के बलिदान का यह अनादर है । इस कार्यक्रम के स्थल से आळंदी तीर्थस्थान केवल १५ कि.मी. की दूरीपर है । वहां से छत्रपति संभाजी महाराजजी की समाधी केवल ७ कि.मी. दूरीपर है । अष्टविनायक गणपतियों में से थेऊरस्थित चिंतामणी नामक तीर्थस्थान केवल ४ कि.मी. की दूरीपर है । यह महोत्सव उस गांव के ग्रामदेवता के देवालय के निकट ही हो रहा है । ऐसी पवित्र भूमि में नशा एवं व्याभिचार करने हेतु इस प्रकार का कार्यक्रम किया जाना, अत्यंत दुर्भाग्यजनक है । इस कार्यक्रम में सभी लोग नटराजजी की प्रतिमा के सामने अंगविक्षेप करते हुए नाचते हैं । ऐसा करना शिवजी का अनादर करना है । जनसामान्य जिनका आदर करते हैं, ऐसे स्थानों के निकट शासन को ऐसे कार्यक्रम नहीं होने देने चाहिएं । इस प्रकार के कार्यक्रम देश के विरुद्ध एवं धर्मविरोधी ही हैं । देशभर के सभी हिन्दुत्वनिष्ठों द्वारा इसका विरोध किया जाना आवश्यक है । युवकों को नशे की ओर ले जाकर उनका जीवन ध्वस्त होनेवाला है । वैदिन सनातन धर्म एवं महापुरुषों की इस भूमिपर ऐसे कार्यक्रम नहीं होने चाहिएं ।

आ. यहांपर आयोजकों द्वारा स्थानीय किसानों की भूमि का उपयोग किया जाना, अवैध खनन एवं वृक्षों की कटाई का विरोध करनेवाले स्थानियों को धमकियां दी जाना जैसे गंभीर प्रकरण हो रहे हैं । उपरोक्त बातों का किसानों ने विरोध किया है । यहां के खननकार्य के कारण सहस्रों रुपयों के खनिज संपत्ति की हानि हो रही है, साथ ही पर्यावरण की भी हानि हो रही है ।

युवकों को नशे के आधीन बनानेवाला यह कैसा पर्यटन ? – श्रीमती क्षिप्रा जुवेकर, रणरागिनी

सनबर्न का आयोजन होना चाहिए, ऐसा कहनेवाले पर्यटनमंत्री जयकुमार रावल की किन शब्दों में निंदा की जानी चाहिए, यह समझ में नहीं आता । उन्हों ने पत्रकार परिषद का आयोजन कर यह महोत्सव होना चाहिए, ऐसा कहा । छत्रपतिजी की भूमि में पर्यटन की आड में युवकों को नशीले पदार्थ देकर यदि पर्यटन को बढावा दिया जा रहा हो, तो इसका क्या रहस्य है ? यह कहां का पर्यटन है ? आज देशभक्ति के नशे की आवश्यकता है । देश की स्थिति गंभीर होते समय यदि ऐसा हो रहा हो, तो प्रशासन को इसकी ओर ध्यान देना चाहिए ।

इस महोत्सव के संदर्भ में होनेवाली प्रत्येक अप्रिय घटना के लिए जयकुमार रावल उत्तरदायी होंगे ! – अभय वर्तक, प्रवक्ता, सनातन संस्था

इस महोत्सव के विरुद्ध व्याप्त जनता के आक्रोश की उपेक्षा कर नहीं चलेगा । सनबर्न क्या विपरित परिणाम कर सकता है, इसका गोवा शासन ने अनुभव किया है । करोडों रुपयों के राजस्व को डुबोकर महाराष्ट्र शासन इसके लिए अनुमति देता है । एक मंत्री जिस कार्यक्रम के लिए पत्रकार परिषद का आयोजन करता है, ऐसा यह कौनसा कार्यक्रम है ? इसमें विदेशी लोग आएंगे तथा वहांपर नार्कोटिक्स का व्यापार भी चलेगा । इस महोत्सव के पीछे युवतियों की मृत्यु का इतिहास है । यदि इस बार किसी की मृत्यु हुई, तो उसके लिए जयकुमार रावल उत्तरदायी होंगे । साथ ही यहांपर होनेवाली प्रत्येक अप्रिय घटना के लिए भी जयकुमार रावल ही उत्तरदायी होंगे; क्योंकि उन्हों ने ही इस कार्यक्रम का प्रमोशन किया है । उन्हों ने पूरे महाराष्ट्र राज्य पर्यटन विकास महामंडल को तथा स्थानीय प्रशासन को इस महोत्सव के पीछे खडा किया है । यह सब शासन के आदेश से ही चल रहा है ।

स्तोत्र : दैनिक सनातन प्रभात

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