आश्विन शुक्ल पक्ष सप्तमी, कलियुग वर्ष ५११६
पत्रकार परिषदमें बार्इं ओरसे श्री. बसवराज, श्रीमती विदुला हळदीपूर (हिन्दू जनजागृति समिति),
श्रीमती कमला जेडर, श्री. प्रमोद मुतालिक, श्री. गंगाधर कुलकर्णी एवं श्री. अपण्णा हिरगण्णवर
हुबली (कर्नाटक) – श्रीराम सेनाके अध्यक्ष श्री. प्रमोद मुतालिकने यहां आयोजित एक पत्रकार परिषदमें ऐसा आरोप लगाया है कि नवलगुंद तहसीलमें हलीकेरीके श्रीराम सेनाके कार्यकर्ताकी हत्याके लिए शासनका बेढंगा कामकाज उत्तरदायी है । इस अवसरपर श्रीराम सेनाके सर्वश्री गंगाधर कुलकर्णी, बसवराज, अपण्णा हिरगण्णवर आदि उपस्थित थे । उन्होंने आगे कहा कि श्रीराम सेनाके कार्यकर्ताओंके पुलिस थानेमें परिवाद करने जानेके उपरांत यदि पुलिसद्वारा तत्परतासे कार्यवाही की गई होती, तो हत्याको रोकना संभव था । इसलिए यदि अपराधियोंपर तत्परतासे कार्यवाही नहीं की गर्ई, तो होनेवाले परिणामका दायित्व शासनपर होगा ।
दुर्गा सेनाकी ओरसे महिलाओंके लिए दो दिवसीय शिविर
इस अवसरपर दुर्गा सेनाकी प्रदेशाध्यक्षा श्रीमती कमला जेडरने कहा कि महिलाओंपर होनेवाले अत्याचारोंकी गंभीरता ध्यानमें लेकर प्रत्येक महिलाको स्वसुरक्षा हेतु प्रशिक्षण एवं धर्मशिक्षा ग्रहण कर सुसंस्कृत होना आवश्यक है । इसीलिए दुर्गा सेनाकी ओरसे होसूरमें उत्तर कन्नड वैश्य समाज कल्याण मंडपमें २ दिवसीय निवासी शिविरका आयोजन किया गया है । इस शिविरमें हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा स्वसुरक्षा प्रशिक्षण, योगासन एवं संस्कार वर्ग आयोजित किए जाएंगे ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात
अद्ययावत
२८ सितंबर २०१४, आश्विन शुक्ल पक्ष चतुर्थी, कलियुग वर्ष ५११६
धारवाडमें (कर्नाटक) : धर्मांधोंद्वारा श्रीराम सेनाके कार्यकर्ताकी हत्या, दो कार्यकर्ता गंभीर रूपसे घायल
-
१५ दिनोंमें दूसरी हत्या !
-
इसे रोकने हेतु केवल ‘हिन्दू राष्ट्र’ अनिवार्य है !
-
हिन्दुओंके नेताओंकी हत्या होना हिन्दुओंके लिए सबसे बडी धर्महानि है ।
-
कर्नाटकके अल्पसंख्यांक समर्थक सरकारके राज्यमें हिन्दू असुरक्षित !
धारवाड (कर्नाटक) –धर्मांधोंद्वारा २६ सितंबरको हळ्ळीकेरी, धारवाडके श्रीराम सेनाके कार्यकर्ताकी हत्या की गई । इस आक्रमणमें सेनाके अन्य दो कार्यकर्ता गंभीर रूपसे घायल हो गए हैं । उनपर रुग्णालयके अतिदक्षता विभागमें उपचार चालू हैं । परंतु पुलिस श्रीराम सेनाके कार्यकर्ताओंपर आक्रमण करनेवाले धर्मांधोंको बंदी नहीं बना सकी ।
इस संदर्भमें पुलिसद्वारा दी गई जानकारीके अनुसार,
१. २६ सितंबरको सवेरे एक मामूली कारणको लेकर श्रीराम सेनाके पदाधिकारी श्री. श्रीनिवास विट्ठल गिराड्डी एवं एक धर्मांधमें विवाद हुआ । इस समय धर्मांधने श्री. गिराड्डीके साथ मारपीट की । इस संदर्भमें उन्होंने अन्नीगेरी पुलिस थानेमें परिवाद प्रविष्ट किया है ।
२. श्री. गिराड्डी एवं अन्य लोग पुलिसमें परिवाद प्रविष्ट कर वापिस हळ्ळीकेरी आते समय ४० से अधिक धर्मांधोंने शस्त्रास्त्रोंके साथ उनपर आक्रमण किया । (एक धर्मांधके विरोधमें केवल परिवाद प्रविष्ट किए जानेपर ४० से अधिक धर्मांध एकत्रित आकर आक्रमण करते हैं । इससे उनकी जिहादी मानसिकता ही स्पष्ट होती है । ऐसे धर्मांधोंका सामना करने हेतु यदि श्री. मुतालिकने कहा कि प्रत्येक हिन्दूको तलवार रखनी चाहिए, तो उसमें क्या चूक है ? ऐसी स्थितिमें वर्तमान समयके राजनेता वैधानिक मार्गसे लडाई करनेवाली श्रीराम सेनापर प्रतिबंध लगाते हैं; परंतु धर्मांधोंको खूला छोड दिया जाता है । – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात ) इसमें ५ कार्यकर्ता घायल हो गए ।
३. इसमें कोरेप्पा कोटरप्पा जावरू (आयु ३२ वर्षे), श्री. हुच्चप्पा मारूटेप्पा दुर्गाड एवं श्री. श्रीनिवास गिराड्डी गंभीर रूपसे घायल होनेके कारण उन्हें के.आय.एम.एस. रुग्णालयमें भर्ती किया गया । इसमें कोरेप्पा कोटरप्पा जावरूकी मृत्यु हो गई एवं श्री. दुर्गाडपर अतिदक्षता विभागमें उपचार चालू है ।
४. श्रीराम सेनाके कार्यकर्ताओंको बंदी बनानेपर इस घटनाको धार्मिक स्वरूप प्राप्त हो गया ।
५. यहांके पुलिस उपअधीक्षक कल्लप्पा हंडीभाग एवं नवलगुंड पुलिस थानेके पुलिस निरीक्षक बी.एम.सुरी परिास्थितिपर नियंत्रण पानेके लिए घटनास्थलपर पहुंचे । वर्तमान समयमें वे गांवमें ही निश्चित रूपसे बैठे हैं । पुलिस निरीक्षक सुरीद्वारा दी गई जानकारीके अनुसार इस आक्रमणमें सम्मिलित ४० धर्मांध गांवसे लापता हो गए हैं ।
पुलिसपर कार्यवाही करें एवं जावरूके परिवारजनोंको १० लाखकी सहायता दें ! – प्रमोद मुतालिक इनकी मांग
श्रीराम सेनाके संस्थापक अध्यक्ष श्री. प्रमोद मुतालिकद्वारा इस प्रकरणमें अन्नीगेरी पुलिस थानेके पुलिस उपनिरीक्षक प्रवीण नीलमन्नावरपर कर्तव्य न निभानेके कारण कार्यवाही करने तथा श्री. जावरूके परिजनोंको १० लाख रुपयोंकी सहायता देनेकी मांग की गई है ।
हत्या की गई हिन्दूनिष्ठ नेताओंकी यह बढती हुई सूची !
१. कै. सुखानंद शेट्टी, (आयु ३२ वर्ष) भाजपाके नेता, मंगलुरू, कर्नाटक
२. कै. कुमार पांडेय, (आयु ३८ वर्ष) हिन्दू मुन्नानी, तेनकाशी, तामिलनाडु
३. कै. सुनील जोशी, (आयु ४५ वर्ष) रा.स्व. संघ, देवास
४. कै. रवि, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघके कार्यकर्ता, थिरूर, केरल
५. कै. अधिवक्ता पी.पी. वल्सराज कुरूप (आयु ३६ वर्ष) भाजपाके नेता
६. कै. विनोद, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, तहसील कार्यवाह, अलापुजा (केरल)
७. कै. गणेश चौधरी, शिवसेनाके उपनगरप्रमुख, जवार, ठाणे
८. कै. संदीप, (आयु २४ वर्ष) कासरगोड, केरल
९. कै. अधिवक्ता सुहास, कासरगोड, केरल
१०. कै. सुरेश, (आयु २९ वर्ष) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, केरल
११. कै. महेश (साम्यवादियोंने इनका सिर काट दिया ।)
१२. स्वामी लक्ष्मणानंद तथा उनके ४ अनुयायी, कंधमल, ओडिशा
१३. रेंगीथ (आयु २७ वर्ष), मन्नाथला नगर मंडल, शारीरिक अध्यापक प्रमुख
१४. विनोद (आयु ३४ वर्ष), रा.स्व. संघके भूतपूर्व मंडल कार्यवाह, वेंगीडांगू
१५. भाजपाके कार्यकर्ता विसजेश, बाबू तथा एक और कार्यकर्ता एवं उसकी मां, कन्नूर (केरल)
१६. के.पी. सुरेश (आयु ४० वर्ष), भूतपूर्व जनपदाध्यक्ष, थिरुवल्लूर (तामिलनाडु)
१७. वी. रमेश (आयु २९ वर्ष), महासचिव, तामिलनाडु
१८. एस्. वेल्लयप्पन (आयु २९ वर्ष), हिन्दू मुन्नानी, वेल्लूर
१९. डी. जीवराज, हिन्दू मुन्नानी (हिन्दुओंके लिए अग्रेसर), भूतपूर्व सचिव शंकरन्कोईल
२०. श्री. मनोज (आयु ४२ वर्ष), जनपद शारीरिक शिक्षक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, कन्नूर (केरल)
२१. श्री. लक्ष्मण (आयु ३७ वर्ष), इजेरी (तहसील देवरगी)
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात
११ सितंबर, २०१४, आश्विन कृष्ण पक्ष तृतीया, कलियुग वर्ष ५११६
गुलबर्गा (कर्नाटक) में धर्मांधोंद्वारा श्रीराम सेनाके कार्यकर्ताकी हत्या
- मोदी शासनको सत्तामें आए तीन मास होनेके पश्चात भी धर्मांधोंद्वारा हिन्दूनिष्ठोंकी हत्या चालू ही है । कब जागृत होगा मोदी शासन ?
- कर्नाटकमें धर्मांधप्रेमी कांग्रेसके राज्यमें हिन्दू असुरक्षित !
गुलबर्गा (कर्नाटक) – श्रीराम सेनाके कर्नाटक राज्यके मानद अध्यक्ष पू. श्री सिद्धलिंगय्या स्वामीजीद्वारा यह सूचना प्राप्त हुई है कि धर्मांधोंने इजेरी (तहसील देवरगी) गांवमें निवास करनेवाले श्रीराम सेनाके कार्यकर्ता लक्ष्मण (आयु ३७ वर्ष) पर लोहेकी छड, कुल्हाडी तथा पत्थरद्वारा आक्रमण कर उनकी हत्या की । उस समय धर्मांधोंने १० महिलाओंपर भी आक्रमण कर उन्हें घायल किया
पू. श्री सिद्धलिंगय्या स्वामीजीद्वारा प्राप्त सूचनानुसार…
१. लक्ष्मणकी हत्याकी सूचना प्राप्त होते ही पू. श्री सिद्धलिंगय्या स्वामीजी तथा श्रीराम सेनाके तहसील अध्यक्ष श्री. वीरेश पाटिल घटनास्थलपर उपस्थित हुए । उस समय पुलिसने त्वरित धारा १४४ लागू कर उन्हें वहां जानेपर प्रतिबंध लगाया ।
२. देवरगी तहसीलके आंदोल, इजेरी, मली तथा अन्य गांवोंमें धर्मांध लोग हिन्दुओंपर अत्याचार कर रहे हैं । हिन्दुओंपर होनेवाली बढती मात्राके इन अत्याचारोंके पीछे देवगिरीका प्रशासन तथा भाजपाके स्थानीय नेताओंद्वारा अत्यधिक मात्रामें धर्मांधोंकी चापलूसी, साथ ही जनपद पालकमंत्री खमरूल इस्लामद्वारा धर्मांधोंको प्राप्त सहयोग ही कारणीभूत हैं ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात