मथुरा : ट्रक में ५८ मृत गोवंश मिलने पर हिन्दुआेंने गाड़ी में आग लगाई

मथुरा में हाईवे स्थित चौमुंहा अड्डे पर खड़े एक बड़े ट्रक में ५८ मरी हुईं गायें मिलने पर बवाल हो गया। गुस्साए लोगों ने शाम करीब ७:३० बजे दिल्ली-आगरा हाईवे को जाम कर दिया। ट्रक में लदी सभी गायों को बाहर निकालने के बाद आग लगा दी। जाम खुलवाने पहुंची पुलिस से भी आक्रोशित लोगों की नोकझोंक हुई। इनका आक्रोश देख पुलिस भी पीछे हट गई। ट्रक की आग बुझाने पहुंची दमकल की दो गाड़ियों पर भीड़ ने पथराव कर दिया। लोगों का गुस्सा देख दमकलकर्मी वाहन लेकर पीछे हट गए। करीब तीन घंटे तक चले जाम के कारण हाईवे पर वाहनों की कई किलोमीटर लंबी कतार लग गई।

बुधवार शाम को बवाल उस वक्त शुरू जब हाईवे किनारे खड़े एक ट्रक से दुर्गंध आई। ट्रक पर तिरपाल तना था। लोगों ने जब तिरपाल हटाकर देखा तो अंदर गायें मरी हुईं थीं। इसकी चर्चा फैली तो कुछ ही देर में सैकड़ों की भीड़ इकट्ठा हो गई। भीड़ देख आसपास कहीं रहे ट्रक के चालक, क्लीनर भाग निकले। वहीं पुलिस और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करती भीड़ ने हाईवे जाम कर दिया। लोगों ने ट्रक से सभी गायों को बाहर निकाल लिया। इनमें ५८ मर चुकी थीं और कई मरणासन्न थीं।

गायों को बाहर निकालने के बाद ट्रक में आग लगा दी गई। सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची तो भीड़ ने नारेबाजी शुरू कर दी। कई थानों की फोर्स और पीएसी मौके पर बुला ली गई। आग बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड की दो गाड़ियों को भी मौके पर बुला लिया गया। सायरन बजाती यह गाड़ियां पहुंची तो भीड़ फिर से इकट्ठा हो गई। पहले तो लोगों ने दमकल को वापस जाने का इशारा किया। लेकिन जब गाड़ियां वापस नहीं हुईं तो भीड़ ने पथराव कर दिया। पथराव होता देख दमकल के वाहन वापस चले गए। यहां मौजूद पुलिस भी मूकदर्शक बनी रही।

कब तक सोता रहेगा मथुरा का निजाम

जवाहरबाग की हिंसा दो पुलिस अधिकारी खो चुका मथुरा का प्रशासन अभी जागा नहीं है। शाम को भीड़ ने जाम लगाया, लेकिन कोई भी बड़ा अधिकारी वहां नहीं पहुंचा। ट्रक में आग लगा दी गई मगर उस वक्त तक भी अधिकारी गायब थे। जब बवाल बढ़ा तब अधिकारी जागे। कोठियों से निकले और हाईवे की तरफ दौड़े। अगर पहले चले गए होते तो शायद यह स्थिति नहीं होती। भीड़ को समय से शांत किया जा सकता था। लेकिन अधिकारियों ने गर्मी के इस मौसम में एसी से बाहर निकलना उचित नहीं समझा। अफसरों का यही रवैया रहा तो वाकई मथुरा की कानून व्यवस्था राम भरोसे ही रहेगी।

जाम में फंसी थी कई एंबुलेंस

जाम में एंबुलेंस भी फंस गई थी। जैत निवासी पूर्व जिला पंचायत सदस्य मुकेश प्रताप सिंह को नयति अस्पताल से अपोलो अस्पताल ले जाना था मगर एंबुलेंस जाम में फंस गई। कई दूसरी एंबुलेंस भी जाम में फंसी थीं।

हाईवे थमा तो दिल्ली-लखनऊ तक मचा हल्ला

चौमुंहा अड्डे पर साढ़े सात बजे जाम लगा था और करीब तीन घंटे तक लगा रहा। पुलिस पहले तो मानती रही कि थोड़ी बहुत देर में लोग हट जाएंगे और हाईवे साफ हो जाएगा. लेकिन रात को नौ बजे तक भी वाहन बंद रहे। बताया जाता है कि जाम में कई लाल और नीली बत्ती की गाड़ियां भी फंस गई थीं। कुछ ही देर में जाम का हल्ला दिल्ली से लखनऊ तक मच गया। आला अधिकारियों से पूछा गया। पुलिस अफसर तत्काल हरकत में आए और मौके पर दौड़ पड़े। लोगों को समझा बुझाकर जाम खुलवाया। जाम खुलने के बाद भी यातायात पूरी तरह से सुचारु कराने में काफी समय लग गया। हाईवे पर ट्रक जल रहा था, लिहाजा पुलिस ने वाहनों को रोके रखा। जब तक ट्रक की आग नहीं बुझ गई हाईवे को नहीं खोला गया।

पुलिस के प्रति पब्लिक में था भारी गुस्सा

ट्रक में ५८ मरीं गाय मिलने से के बाद लोगों में पुलिस के प्रति जबरदस्त आक्रोश था। लोगों ने आरोप लगाया कि गो तस्करी की सारी घटनाएं पुलिस की मिलीभगत से ही हो रही है। पुलिस की निष्क्रियता के चलते ही पशु तस्कर और पशु चोर दुस्साहसी हो रहे हैं। रोजाना पशु चोरी की घटनाएं हो रही है। धरपकड़ का प्रयास करने पर पशु चोर फायरिंग कर रहे हैं। सूचनाएं देने के बाद भी पुलिस इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करती। प्रदर्शन में शामिल रहे गो रक्षक दल के सदस्यों ने कहा कि अगर पुलिस ने कार्रवाई नहीं की, तो सदस्य खुद मोर्चा संभालेंगे।

ठूंस-ठूंसकर भरी गईं थीं गायें

ट्रक में गायों को ठूंस-ठूंसकर भरा गया था। क्रूरता के साथ गायों को ट्रक में ठूंसने के बाद तिरपाल बांध दिया गया था। इससे ट्रक के भीतर हवा तक नहीं आ पा रही थी। वहीं क्षमता से चार गुनी गायें ट्रक में होने और रगड़ लगने से वे जख्मी हो गई थी। माना जा रहा है कि पशु तस्करों की इसी क्रूरता के चलते दम घुटने से गायों की मौतें हुई हैं।

स्त्रोत : अमर उजाला

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