पणजी : गोवा में आरएसएस और रोमन कैथोलिक चर्च प्राइमरी स्कूलों में अंग्रेजी पढ़ाए जाने को लेकर आमने-सामने आ गए हैं। संघ का कहना है कि चर्च के स्कूलों में क्षेत्रीय भाषाओं मराठी अथवा कोंकणी में पढ़ाई कराई जानी चाहिए, जबकि चर्च अपने स्कूलों में अंग्रेजी में ही पढ़ाई कराए जाने पर अड़ा है।
फर्स्ट पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक संघ से जुड़े संगठन भारतीय भाषा सुरक्षा मंच ने इस मसले पर कैथोलिक चर्च को चेतावनी दी है कि यदि चर्च इस मांग को नहीं मानता है तो वह प्रदेश भर में आंदोलन छेड देंगे। संघ के गोवा प्रांत के प्रमुख ने संगठन की एक बैठक में कहा, ‘जो यह सोचते हैं कि चर्च दादागीरी कर रहा है तो हम उन्हें बताएंगे कि स्थानीय संस्कृति का विरोध करने का नतीजा क्या हो सकता है।’
रिपोर्ट के अनुसार संघ ने यह बैठक ऐसे समय बुलाई है, जब अभिभावकों की एक समिति ने ही मांग की थी कि स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम में ही पढ़ाई कराई जानी चाहिए। हालांकि अभिभावकों की इस समिति में कैथोलिक बहुल दक्षिणी गोवा के ही लोग शामिल थे, लेकिन इसमें तटवर्तीय इलाके के लोग भी थे। गौरतलब है कि २०१२ में सत्ता में आते ही भाजपा सरकार ने सिर्फ ऐसे अंग्रेजी स्कूलों को ही फंडिंग दिए जाने का प्रावधान तय किया था, जिनका संचालन चर्च करते हैं। लेकिन संघ से जुड़े संगठनों का कहना है कि सरकार को ऐसे स्कूलों को तभी फंडिंग करना चाहिए, जब यह कोंकणी या मराठी में पढ़ाने का काम करें। ऐसा न करने पर उनकी फंडिंग रोक ली जानी चाहिए।
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स