‘अखंड हिन्दुस्थान संकल्प दिन’
हिन्दू एकता से ही अखंड हिन्दुस्थान का सपना पूरा होगा !
बेलगांव (कर्नाटक) : श्रीराम सेना के प्रवक्ता श्री. मारुति सुतार ने ऐसी जानकारी दी कि प्रति वर्ष समान इस वर्ष भी १४ अगस्त को श्रीराम सेना ‘अखंड हिन्दुस्थान संकल्प दिन’ मनाएंगी।
इस पार्श्वभूमि पर नगर के लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक चौक में १४ अगस्त को रात्रि ८ बजे कार्यक्रम आयोजित किया गया है। इस कार्यक्रम का उद्घाटन निपाणी के समाधि मठ के प.पू. श्री प्राणलिंगस्वामीजी के शुभहाथों होगा एवं प्रमुख वक्ता के रूप में हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. प्रमोद पंडित जोशी उपस्थित होंगे। कार्यक्रम के मार्गदर्शक के रूप में श्रीराम सेना के संस्थापक तथा राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री. प्रमोद मुतालिक की उपस्थिति रहेगी।
इस कार्यक्रम में बेलगांव जिले के वीरगति प्राप्त (शहीद) सैनिकोंके परिवारजनोंका सम्मान किया जाएगा। साथ ही इन सैनिकोंको श्रद्धांजली अर्पण की जाएगी।
इस कार्यक्रम के संदर्भ में श्रीराम सेनाद्वारा एक पत्रक निकाला गया है, जिस में कहा गया है कि,
१. १४ अगस्त १९४७ को मध्यरात्रि भारत को स्वतंत्रताप्राप्ति हुई। इसी समय एक राष्ट्रीय महादुर्घटना घटी।
२. कमजोर नेतृत्व के मूर्खतापूर्ण निर्णय के पाप के परिणाम के रूप में अखंड हिन्दुस्थान के टुकडे हो गए। केवल अधिकारप्राप्ति के स्वार्थ के लिए यह विभाजन किया गया।
३. यह केवल अखंड हिन्दुस्थान का विभाजन नहीं है, अपितु अखंड ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापित करने हेतु वीरगति प्राप्त (शहीद) लाखो क्रांतिकारी तथा देशभक्तोंका अपमान है।
४. तत्कालीन नेतृत्व के अविवेकी निर्णय के कारण पापी पाकिस्तान एवं बांग्लादेश की निर्मिति हुई। अखंड हिन्दुस्थान के अस्तित्व पर बडा आघात हुआ।
५. सैकडों पराक्रमी हिन्दुस्थानी सैनिक एवं पुलिस की एवं हत्या करनेवाले पाक समर्थक धर्मांध जिहादी आज भारत में समांतर पाकिस्तान की निर्मिति करने हेतु प्रयत्नरत हैं।
६. इन जिहादी आतंकवादियोंने भारत में सर्वत्र उनका जाल बिछाया है तथा कर्नाटक राज्य का एक भी नगर इस के लिए अपवाद नहीं है।
७. जिहादियोंके ऐसे देश विनाशकारी षडयंत्रोंको रोकना प्रत्येक भारतीय का आद्यकर्तव्य है। हिन्दूसंगठन एवं हिन्दुओं में एकता के माध्यम से ही अखंड ‘हिन्दू राष्ट्र’ अस्तित्व में आएगा। श्रीराम सेनाद्वारा इस कार्य में सहस्रोंकी संख्या में सम्मिलित होकर अपना धर्मकर्तव्य निभाने का आवाहन किया गया है।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात