श्रीराम सेनाद्वारा पर्रीकर का निषेध !
हुबली (कर्नाटक) : जब पर्रीकर गोवा के मुख्यमंत्री के पद पर थे, तब उन्होंने श्रीराम सेना पर प्रतिबंध लगाए, ऐसा लिखित आदेश कभी भी प्रकाशित नहीं किया था, किंतु हिन्दुत्वनिष्ठोंपर पाबंदी लगाने का श्रेय प्राप्त करने के लिए तथा अल्पसंख्यकोंके मतोंकी लालसा हेतु प्रसिद्धिलोलुप पर्रीकर ने अपने ऊपर श्रीराम सेना पर प्रतिबंध लगाने का दायित्व लेने की नौंटकी की है। अतः श्रीराम सेना के संस्थापक अध्यक्ष श्री. प्रमोद मुतालिक द्वारा प्रसारित प्रसिद्धिपत्रक में यह प्रश्न उपस्थित किया गया है कि क्या ऐसे अविश्वासी व्यक्ति के अधिकार में देश सुरक्षित रह सकता है ?
पर्रीकर ने यह सुझाव दिया है कि कर्नाटक राज्य के मुख्यमंत्री को श्रीराम सेना को प्रतिबंधित करना चाहिए; किंतु उस संदर्भ में श्रीराम सेना ने मनोहर पर्रीकर का निषेध व्यक्त किया है। श्रीराम सेनाद्वारा श्री. मुतालिक ने एक प्रसिद्धपत्रक प्रसारित किया है,
उस में उन्होंने यह प्रकाशित किया है कि …
१. श्री. प्रमोद मुतालिक पर गोवा में जनपदाधिकारियोंद्वारा किए गए प्रवेशबंदी के विरुद्ध जब हम न्यायालय में गए, तो यह बात सामने आई कि पर्रीकर ने श्रीराम सेना पर प्रतिबंध लगाए, ऐसा लिखित आदेश कहीं भी प्रकाशित नहीं हुआ था।
२. वर्तमान में गृह सचिव ने श्रीराम सेना पर प्रवेशबंदी के आदेश का दायित्व अपने ऊपर लिया है। स्वयं किसी भी प्रकार का आदेश प्रकाशित न करते हुए भी प्रसिद्धिलोलुप पर्रीकर ने श्री. मुतालिक को पंचिंग बैग के रूप में उपयोग किया है तथा हिन्दुत्वनिष्ठोंपर पाबंदी लगाने का श्रेय प्राप्त करने का प्रयास किया है।
३. उनके इस आचरण द्वारा उनकी दोमुंही नीति उजागर हुई है। कानून के चंगुल से मुक्त रहने के लिए पर्रीकर जनपदाधिकारी तथा गृहसचिव को इस कृत्य के उत्तरदायी सिद्ध कर रहे हैं; किंतु प्रसिद्धि एवं एकगुट मत प्राप्त करने के लिए स्वयं श्रीराम सेना पर प्रतिबंध लगानेवाले पर्रीकर नायक के रूप में नेतृत्व कर रहे हैं।
४. इस से पर्रीकर की अप्रामाणिकता एवं ढोंगीपन स्पष्ट हुआ है। पर्रीकर के वक्तव्य से यह निश्चित हुआ है कि अधिकारियोंने गोवा में यह भ्रष्टाचार पर्रीकर के मौखिक आदेश के कारण ही किया है।
५. वर्तमान में पर्रीकर ने गोवा में कठपुतली मुंख्यमंत्री की नियुक्ति की है। इस बात से यह स्पष्ट होता है कि वर्तमान में गोवा में व्याप्त यह भ्रष्टाचार उनके ही आदेश के कारण चल रहा है।
६. सभी भ्रष्टाचारियोंके रिमोट का कंट्रोल पर्रीकर के हाथों में हैं। श्रीराम सेना के संदर्भ में पर्रीकर जो भी वक्तव्य दे रहे हैं, उसे वह शपथ पर प्रतिज्ञापत्र में प्रस्तुत करें। हम उन्हें न्यायालय तक घसीटकर इस भ्रष्टाचार के संदर्भ में कारागृह में बंदी बनाएंगे।
७. इस पर्रीकर में औवेसी बंधुओं पर प्रतिबंध लगाने का साहस नहीं है। एक अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी को गोवा में आकर परिषद में सम्मिलित होने की स्वीकृति प्रदान की जाती है। तरुण तेजपाल के परिवाद की सुनवाई में हुई सुस्ती का कारण क्या पर्रीकर द्वारा प्राप्त अलिखित आदेश ही नहीं है ?
८. पर्रीकर के इन मौखिक आदेशोंके कारण गोवा महिलाओंके लिए असुरक्षित हो गया है। श्रीराम सेना को इस बात का भय है कि क्या ऐसे व्यक्ति के अधिकार में देश की सुरक्षा अक्षुण्ण (अबाधित) रहेगी ?
९. ऐसे अराष्ट्रीय, असामाजिक एवं भ्रष्टाचारी व्यक्ति से ईश्वर ही इस देश को बचाएं !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात
I agree with this BJP member in toto. This is an age old science from the Rishis and their Vedas. It was and is subdued by the westerners cause one can’t make money with this! GO MATHA KI JAI HO JAI