फाल्गुन कृष्ण पक्ष दशमी, कलियुग वर्ष ५११६
‘वैलेंटाईन डे’ के संदर्भ में गंभीरता पूर्वक विचार कर प्रशासन को संस्कृति का अधःपतन रोकना चाहिए ! – रमाकांत कोंडुस्कर
बेलगांव: श्रीराम सेना के जनपदाध्यक्ष श्री. रमाकांत कोंडुस्कर द्वारा यह आवाहन किया गया कि १४ फरवरी के यदि दिन युवक-युवतियां ‘वैलेंटाईन डे’ मनाते हुए पाए गए, तो श्रीराम सेना के कार्यकर्ता इस अनाचार का प्रतिकार करेंगे; इसलिए प्रशासन को इस संदर्भ में गंभीरता पूर्वक विचार कर हिन्दू संस्कृति का अधःपतन रोकना चाहिए । १४ फरवरी के दिन जागृति करने हेतु प्रातः १० बजे शिवाजी उद्यान, शहापुर में दोपहिए की फेरी आयोजित की जाएगी । उसके लिए सभी धर्मप्रेमी उपस्थित रहें । ‘वैलेंटाईन डे’ के विरोध में हिन्दूनिष्ठ संगठनों द्वारा कन्नड साहित्य भवन में ११ फरवरी के दिन संयुक्त पत्रकार परिषद आयोजित की गई थी । उस समय उन्होंने यह वक्तव्य दिया था । (हिन्दू संस्कृति का हनन करनेवाले ‘वैलेंटाईन डे’ के विरोध में जागृति करने हेतु पत्रकार परिषद का आयोजन करनेवाले सर्व हिन्दूनिष्ठ संगठनों का अभिनंदन !- संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
उस समय हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. गिरीश कुलकर्णी ने बताया कि ‘‘युवक-युवतियां निर्मनुष्य बस्ती का अपलाभ न उठाएं, इसलिए पुलिस-व्यवस्था में वृद्धि करनी चाहिए । शहर में योग वेदांत सेवा समिति द्वारा १४ फरवरी के दिन ‘मातृ-पितृ पूजन’ का आयोजन किया है; अतः उस समय सर्व हिन्दू अधिकाधिक संख्या में उपस्थित रहें । प्रशासन सर्व पाठशाला-महाविद्यालयों में जागृति कर ‘मातृ-पितृ पूजन’ के कार्यक्रम का आयोजन करे ।’’ इस पत्रकार परिषद हेतु हिन्दू राष्ट्र सेना के श्री. रवि कोकीतकर, योग वेदांत सेवा समिति के श्री. राजेंद्र देशमुख, श्री. घोरपडे, श्रीराम सेना के श्री. मारुति सुतार, साथ ही अन्य कार्यकर्ता भी उपस्थित थे । पत्रकार परिषद के पश्चात जनपदाधिकारी एन. जयराम को निवेदन प्रस्तुत किया गया ।
१४ फरवरी के दिन श्रीराम सेना द्वारा आयोजित दोपहिए की फेरी की प्राप्त अनुमति निरस्त !
१४ फरवरी के दिन श्रीराम सेना को पुलिस प्रशासन द्वारा पहले दोपहिए की फेरी हेतु अनुमति दी गई थी; किंतु ११ फरवरी के दिन जनपदाधिकारियों को निवेदन प्रस्तुत करने के पश्चात अकस्मात पुलिस प्रशासन द्वारा बताया गया कि ‘अनुमति निरस्त कर दी गई है ।’ श्री. रमाकांत कोंडुस्कर तथा श्री. मारुति सुतार को चेतावनी देकर बताया गया कि ‘यदि फेरी का आयोजन किया गया, तो आप सभी बंदी बनाए जाएंगे ।’ (यह है कर्नाटक पुलिस प्रशासन की मुगलाई ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)