फाल्गुन कृष्ण पक्ष षष्ठी, कलियुग वर्ष ५११६
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कर्नाटक के धर्मांध समर्थक कांग्रेस के राज्य में धर्मांध उद्दंड बन गए हैं, परंतु हिन्दुओंके नेता असुरक्षित हैं। केंद्र की मोदी सरकार इन धर्मांधोंको पाठ पढाने हेतु कठोर कदम उठा कर हिन्दुओंको ‘अच्छे दिन’ दर्शाएगी, यही अपेक्षा !
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श्रीराम सेना द्वारा श्री महास्वामीजी को पुलिस सुरक्षा देने की मांग
देवरगी (कर्नाटक) : श्रीराम सेना के कर्नाटक राज्यप्रमुख श्री सिद्धलिंग महास्वामीजीको गत वर्ष से अनेक बार धर्मांधोंद्वारा जीवित मारने की धमकियां आ रही हैं। इसलिए श्रीराम सेना ने गुलबर्गा पुलिस अधीक्षक से मांग की है कि उन्हें पुलिस सुरक्षा प्रदान की जाए।
१. २१ जनवरी को श्री महास्वामीजी ने कलबुर्गा में विश्व हिन्दू परिषद के सुवर्ण महोत्सव के निमित्त डॉ. प्रवीण तोगाडिया के कार्यक्रम में हिस्सा लिया। तत्पश्चात २२ जनवरी को सवेरे धमकी भरा फोन आया। उन को जिस क्रमांक से धमकी दी गई, वह क्रमांक पाकिस्तान का है, स्वामीजी के ध्यान में ऐसा आने पर उन्होंने देवरगी पुलिस थाने में परिवाद प्रविष्ट किया। (हिन्दुनिष्ठोंको समाप्त करना इस्लामी राष्ट्रोंका कार्यक्रम है, यह ध्यान में लें ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
२. यादगिरी नगर में विश्व हिन्दू परिषद के सुवर्ण महोत्सव के कार्यक्रम में महास्वामीजी ने भाषण दिया। तदुपरांत धर्मांधोंने पुलिस पर दबाव लाकर उन्हें १६३ ए तथा २९५ ए इन धाराओंके अनुसार स्वामीजी पर अपराध प्रविष्ट करने पर विवश किया। (हिन्दुओंद्वारा प्रविष्ट परिवाद पर क्या कभी पुलिस ध्यान देती है ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
३. अमीन यादगेर नामक एक धर्मांध ने फेसबुक पर एम.आइ.एम.के असदुद्दीन ओवैसी का छायाचित्र पर डाल कर लिखा कि हम हिन्दुओंके नहीं, अपितु सिद्धलिंग स्वामीजी के आंदोलन के विरोध में हैं, जिन्होंने हिन्दु-मुसलमानों में झगडे लगा दिए। दूसरे ‘एक धर्मांध ने सामाजिक जालस्थल पर ‘स्वामीजी की हत्या करनी चाहिए’, ऐसी टिप्पणी की है। (हिन्दुओ, धर्मांधोंकी उद्दंडता समाप्त करने हेतु संगठित हों ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात