फाल्गुन कृष्ण पक्ष पंचमी, कलियुग वर्ष ५११६
ऐसी पूछताछ आतंकवादियोंकी की हुई होती, तो अबतक देश आतंकवाद से मुक्त हो गया होता !
कुछ समय पूर्व ही एक नगर में हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ता से एक पुलिस हवलदार ने रात्रि १२.१५ बजे हिन्दू धर्मजागृति सभा के विषय में भ्रमणभाष से पूछताछ की ।
उस समय का संभाषण यहां दे रहे हैं . . .
पुलिसकर्मी : आपके कार्यकर्ता भीतपत्रक लगा रहे हैं। उस सभा की अनुमति आपने प्राप्त की है क्या ?
कार्यकर्ता : समिति वैध मार्ग से कार्य करती है। हिन्दू धर्मजागृति सभा की अनुमति प्राप्त की है।
पुलिसकर्मी : हमें एक प्रति चाहिए।
कार्यकर्ता : मैं … में रहता हूं। इतनी रात को (रात्रि १२.४५ बजे) आना कठिन है। पुलिस थाने में अनुमति की प्रति है। उसपर मुझे प्रति प्राप्त होने के हस्ताक्षर हैं तथा वह संबंधित पुलिस थाने में है।
पुलिसकर्मी : मैं …पुलिस थाने से बोल रहा हूं। हमारे पास वह प्रति नहीं है।
कार्यकर्ता : सभा का स्थान … पुलिस थाने की सीमा में आता है। उनसे अनुमति मिल गई है।
पुलिस कर्मी : ठीक है। उनके पास प्रति होगी। (यहां उस पुलिस थाने की सीमा नहीं है, यह उनके ध्यान में नहीं आया होगा।) कल साहब ने पुलिस थाने में बुलाया है।
कार्यकर्ता : कारण बताएंगे क्या ?
पुलिसकर्मी : साहब ने बुलाया है, तो आपको आना पडेगा।
कार्यकर्ता दूसरे दिन ११ बजे …पुलिस थाने के हवलदार से मिला। उस समय हुआ संभाषण…
पुलिसकर्मी : भीतपत्रक लगाने की अनुमति लेनी पडती है। वह नहीं ली है। लेनी पडती है।
कार्यकर्ता : भीतपत्रक लगाने की अनुमति लेनी पडती है, यह आज तक किसी ने नहीं बताया है।
पुलिसकर्मी : गत सप्ताह सर्वोच्च न्यायालय का आदेश आया है कि भीतपत्रक नहीं लगाए जाएं। आप हमारे साहब के पास चलिए।
इसके पश्चात हवालदार और मैं वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से मिलने गए। हवलदार ने उन्हें विषय बताया। तत्पश्चात निम्नांकित संभाषण हुआ।
पुलिस अधिकारी : किसलिए यह कर रहे हैं ? अनुमति ली है क्या ?
कार्यकर्ता : हिन्दुओं का संगठन, राष्ट्र और धर्मपर होनेवाले आघात सभी तक पहुंचाने तथा सभी को धर्मशिक्षा देने के लिए यह सर्व करते हैं। अनुमति प्राप्त की है।
पुलिस अधिकारी : सर्वोच्च न्यायालय का आदेश है कि भीतपत्रक, होर्डिंग बिना अनुमति के नहीं लगाना है। यदि लगाना हो तो महापालिका से अनुमति लेकर लगाएं।
कार्यकर्ता : यह जानकारी नहीं थी। आगे से सावधानी रखेंगे।
इसके उपरांत कार्यकर्ता …. पुलिस थाने के पुलिस निरीक्षक से मिलने गए, तब वहां सादे वेश के पुलिसवाले ने पूछा कि भीतपत्रकपर किसी का नाम नहीं है, विषय नहीं है, फिर हमें कैसे ज्ञात होगा कि कार्यक्रम किसका है ?
कार्यकर्ता : भीत पत्रक पर समिति का नाम और क्रमांक है तथा हमने पुलिस से उसकी अनुमति प्राप्त की है।
उस पर वह पुलिसवाला कुछ नहीं बोला । तत्पश्चात पुलिस निरीक्षक से मिलने गए।
पुलिस निरीक्षक : क्या कार्यक्रम है ?
कार्यकर्ता : हिन्दू धर्मजागृति सभा है।
पुलिस निरीक्षक : एक मंदिर में कैसी बैठक हुई ? कितने लोग उपस्थित थे ?
कार्यकर्ता : साधारण १५-१६ जन उपस्थित थे।
पुलिस निरीक्षक : साध्वी जैसी आपकी बैठक होती है क्या ?
कार्यकर्ता : नहीं हम कुछ संगठन, मंडल एकत्रित आकर सभा निश्चित करते हैं और उसी उद्देश्य से बैठक हुई थी।
पुलिस निरीक्षक : सभा में कितने लोग आएंगे ?
कार्यकर्ता : लगभग ४०० के आसपास लोग आएंगे।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात