पुंछ हमले के लिए 6 स्थानीय धर्मांध लोगों ने की थी आतंकियों की मदद, गोला-बारूद से लेकर खाना-पानी तक पहुंचाया

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आतंकियों को पनाह देने वाला निसार अहमद गिरफ्तार, परिवार भी करता था मदद – डीजीपी का खुलासा

जम्मू : पुंछ में सेना वाहन पर जो हमला हुआ था उसमें अब एक और नया खुलासा हुआ है । हमले में लश्कर-ए-तैय्यबा के 6 लोगों के शामिल होने की खबर है जिनमें से एक का पूरा परिवार ही इस मामले की साजिश का हिस्सेदार था। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने इस बात की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इन 6 आतंकियों ने पूरी प्लानिंग के साथ हथियार, गोला-बारूद, हथगोले और नकदी समेत रसद की मदद की थी ।

डीजीपी की मानें तो 20 अप्रैल को जब पुंछ के तोता गली में सेना के एक ट्रक पर घात लगाकर हमला किया गया तो उसके बाद 221 संदिग्धों को हिरासत में लिया था। इनमें से करीब आधा दर्जन लोगों को औपचारिक रूप से गिरफ्तार भी किया गया है। पुलिस ने पुंछ हमले के मामले में 6 आरोपियों की पहचान की है। जिनमें से निसार अहमद, फरीद अहमद और मुश्ताक अहमद ने मेंढर सब-डिवीजन से होने की बात स्वीकार की है।

आरोपी निसार का परिवार साजिश में शामिल

डीजीपी ने बताया कि ज्यादा से ज्यादा नुकसान हो इसके लिए इन आतंकवादियों ने सेना के ट्रक को निशाना बनाने के लिए 7।62 मिमी स्टील कोर बुलेट और आईईडी का इस्तेमाल किया। आरोपी निसार अहमद के बारे में बताते हुए डीजीपी ने बताया कि 1990 के दशक में एक ओवरग्राउंड वर्कर होने के चलते पुलिस ने उसे पहले भी उठाया था। इसी वजह से वह इस बार भी शक के घेरे में था। पूछताछ के दौरान पता चला कि न सिर्फ वह खुद, बल्कि उसके परिवार के सभी सदस्य भी इस हमले की साजिश में शामिल थे।

पिछले दो-तीन महीनों से निसार अहमद और उसका परिवार आतंकवादियों को खाना-पानी और अन्य सुविधाएं दे रहा था। पाकिस्तान ने ड्रोन के जरिए एक खेप भेजी थी जिसे निसार ने आतंकियों तक पहुंचाया था। इस खेप में नकदी, हथियार, गोला-बारूद और हथगोले शामिल थे।

जब ट्रक की स्पीड जीरो थी तब हुआ आक्रमण

डीजीपी ने कहा, ‘आतंकियों ने इलाके की रेकी की थी। उन्होंने सेना के वाहन को उस समय निशाना बनाया जब वह एक मोड़ पर लगभग जीरो स्पीड से यात्रा कर रहा था। शुरुआती जांच से पता चलता है कि राजौरी-पुंछ इलाके में 9 से 12 विदेशी आतंकी सक्रिय हो सकते हैं। ये आतंकवादी हाल ही में घुसपैठ कर सकते थे।’

उन्होंने कहा कि इसी तरह की गोलियों का इस्तेमाल आतंकवादियों ने राजौरी जिले के धनगरी हमले में किया था। उन्होंने कहा कि चूंकि पुंछ में हमला एक वन क्षेत्र के पास किया गया था, इसलिए आतंकवादी जंगल में प्राकृतिक ठिकाने का भी इस्तेमाल कर सकते थे।

स्रोत : एबीपी


21 अप्रैल

पुंछ : आतंकियों ने घात लगातार सैन्य के वाहन को विस्फोट कर उडाया, सेना के पांच जवान वीरगती को प्राप्त

पुंछ जिले के भाटादूड़ियां इलाके में सैन्य वाहन पर आतंकी हमले में पांच जवान शहीद हो गए। आतंकियों के हमले से वाहन में आग लग गई। जवान आग में झुलस गए। एक जवान गंभीर रूप से घायल है, जिसे एयरलिफ्ट कर इलाज के लिए सैन्य अस्पताल भेजा गया है। शहीद होने वालों में चार जवान पंजाब तथा एक ओडिशा के हैं। हमलावरों की संख्या चार से पांच बताई जा रही है।

सैन्य प्रवक्ता ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि पूरे इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। आतंकी संगठन पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट (पीएएफएफ) ने हमले की जिम्मेदारी ली है। श्रीनगर में अगले महीने 22 से 24 मई के बीच जी-20 की बैठक को देखते हुए सेना को सतर्क रहने की एडवाइजरी जारी की गई है।

पुंछ-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर वीरवार दोपहर बाद तीन बजे के करीब सेना की 49 राष्ट्रीय राइफल (आरआर) का एक सैन्य वाहन रसद लेकर भिंबर गली से गांव संगयोट स्थित सैन्य मुख्यालय की तरफ जा रहा था। इस दौरान भाटादूड़ियां और तोता गली के बीच अचानक आतंकियों ने घने कोहरे व बारिश के बीच इस वाहन पर हमला कर दिया।

पहले उन्होंने ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं, फिर ग्रेनेड से हमला किया। ग्रेनेड हमले से वाहन में लगी भयंकर आग की चपेट में आने से पांच जवान शहीद हो गए। बारिश और कम दृश्यता के कारण उन्हें हमले के बाद आसानी से भाग निकलने का मौका मिल गया।

जब सैन्य वाहन में आग लगी तो मार्ग से गुजर रहे अन्य दर्जनों वाहन रुक गए। उनमें सवार यात्रियों और स्थानीय लोगों ने राहत एवं बचाव कार्य शुरू करते हुए आग बुझाने के साथ ही जवानों को बचाने का प्रयास किया।

इस बीच सेना की रोड ओपनिंग पार्टी के जवान भी घटनास्थल पर पहुंच गए और क्षेत्र की घेराबंदी करने के साथ ही घायल एवं शहीद जवानों को वहां से हटाने का अभियान शुरू कर दिया। पुलिस ने पुंछ-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर भिंबर गली से जड़ांवाली गली के बीच यातायात बंद कर दिया।

जम्मू-राजोरी की तरफ से आने वाले वाहनों को भिंबर गली से वाया मेंढर हरणी जड़ांवाली गली और पुंछ से राजोरी जम्मू जाने वाले वाहनों को जड़ांवाली गली से हरणी मेंढर भिंबर गली के रास्ते भेजा गया।

केमिकल का प्रयोग की भी आशंका 

वीरवार की घटना में आतंकियों और ओजीडब्ल्यू की ओर से स्टिकी बम अथवा किसी अन्य केमिकल का प्रयोग होने की आशंका जताई जा रही है। जिस प्रकार सैन्य वाहन में आग लगी और एक भी जवान को जान बचा कर बाहर निकलने का मौका नहीं मिल पाया, उसमें केमिकल का इस्तेमाल किए जाने की आशंका है।

ये लोग हुए हमले का शिकार 

 सैन्य प्रवक्ता ने बताया कि हमले में सिपाही हरकिशन सिंह, लांस नायक कुलवंत सिंह, हवलदार मंदीप सिंह व सिपाही सेवक सिंह (सभी पंजाब) व ओडिशा के लांस नायक देबाशीष बिस्वाल शहीद हुए हैं। सिपाही शक्तिवेल के को गंभीर हालात में अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

लोग बोले, हादसे से पहले सुनी बिजली कड़कने की आवाज 

स्थानीय लोगों ने बताया कि उन्होंने पहले आसमान में जोरदार बिजली कड़कने की आवाज सुनी और उसके उपरांत एक जोरदार धमाके की आवाज सुनी। कुछ ही क्षणों में इस बात का शोर सुना कि सेना के वाहन में आग लग गई है।

इस इलाके में पहले भी जवानों पर हुआ है हमला 

जहां यह घटना हुई, उसी क्षेत्र में 14 अक्तूबर, 2021 को तलाशी अभियान चला रहे एक जेसीओ सहित चार जवानों पर आतंकियों ने हमला किया था जिसमें चारो शहीद हो गए थे। इसके बाद करीब एक माह तक क्षेत्र में सुरक्षाबलों का अभियान चला था, लेकिन एक भी आतंकी हाथ नहीं लगा था। तब एक महीने तक पुंछ-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर जड़ांवाली गली व भिंबर गली के बीच यातायात बंद रखा गया था।

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और उमर ने जताया दुख 

आतंकी हमले में पांच जवानों के शहीद होने पर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने दुख जताया है। उन्होंने कहा कि बहादुर सैन्य कर्मियों की शहादत को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा। पीड़ित परिजनों के प्रति संवेदना जताता हूं। पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने घटना पर दुख जताते हुए कहा कि ड्यूटी के दौरान पांच जवानों के शहीद होने की सूचना दुखद है। वह इस जघन्य हमले की निंदा करते हैं। शहीदों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। दिवंगतों की आत्मा को शांति मिले।

 पुंछ हमले पर सेना प्रमुख ने रक्षामंत्री से की बात 

जम्मू कश्मीर के पुंछ में वीरवार को आतंकी हमले के बाद वाहन में आग लगने से पांच जवान शहीद हो गए। घटना में एक जवान गंभीर रूप से झुलस गया। उसे उपचार के लिए सैन्य अस्पताल ले जाया गया है। सेना ने बयान में कहा है कि शहीद आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए तैयार राष्ट्रीय राइफल्स की एक इकाई में शामिल थे।

सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को इस घटना की विस्तृत जानकारी दी है। इलाके में आतंकियों को खोजने के लिए अभियान चलाया गया है। इसके साथ ही ड्रोन से निगरानी भी की जा रही है। पूरे इलाके में चेकिंग की जा रही है। सेना के मुताबिक जिस वाहन में जवान सवार थे उस पर आतंकवादियों ने अचानक फायरिंग कर दी।

स्त्रोत : अमर उजाला

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