पौष शुक्ल पक्ष चतुर्थी, कलियुग वर्ष ५११६
मेरठ (उत्तर प्रदेश) : बजरंग दल के संयोजक बलराज डुंगर ने मंगलवार को कहा कि भारत में रहने वाले बांग्लादेशियों को या तो देश छोड़कर चले जाना चाहिए या हिंदू धर्म अपना लेना चाहिए।
उन्होंने कहा, “हमारी पहली मांग है कि बांग्लादेशियों को भारत छोड़कर चले जाना चाहिए क्योंकि वे हमारे संसाधनों का दोहन कर रहे हैं। अगर वे यहां रहना भी चाहते हैं तो उन्हें हिंदू धर्म और हमारी जीवनशैली अपना लेनी चाहिए।” ‘घर वापसी’ के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जब यूपीए की सरकार थी तब भी हम घर वापसी कराते थे। डुंगर ने कहा कि घर वापसी एक लगातार चलने वाली प्रक्रिया है।
डुंगर ने कहा, “बांग्लादेशियों ने भारत में शरण ली और बांग्लादेश युद्ध के ४३ सालों बाद भी यहीं रह रहे हैं। अब उन्हें वापस चले जाना चाहिए।” जब डुंगर से सवाल किया गया कि अगर बांग्लादेशी हिंदू बन भी जाते हैं तो भी उनका भारत में रहना गैरकानूनी ही रहेगा, इस पर उन्होंने कहा, “हिंदू बनकर कम से कम वे हमारी संख्या और ताकत में इजाफा करेंगे।”
हालांकि वीएचपी संगठन के सचिव सुदर्शन चकरा ने कहा कि वे डुंगर के विचारों से इत्तेफाक नहीं रखते। चकरा ने कहा, “हमारा अजेंडा बांग्लादेशियों को भारत में रहने देने का नहीं है। सरकारी डेटा के मुताबिक देश में लगभग ३ करोड़ बांग्लादेशी हैं। उन सबको भारत छोड़कर चले जाना चाहिए। उनके हिंदू धर्म अपनाने का सवाल ही नहीं उठता। उनकी वजह से बेरोजगारी और अपराध बढ़ गए हैं। वे राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में लगे रहते हैं। इन सबके बावजूद पिछली सरकारें उन्हें तमाम सुविधाएं देती रही हैं। उनके पास राशन कार्ड और वोटर आईडी है लेकिन चाहे कुछ भी हो जाए उनका देश में रहना गैरकानूनी ही होगी। उन्हें बांग्लादेश वापस जाना ही होगा।”
हालांकि भारत में रहने वाले बांग्लादेशियों की संख्या को लेकर अलग-अलग अनुमान लगाए जाते हैं। २००१ की जनगणना के मुताबिक भारत में ३० लाख बांग्लादेशी हैं। वहीं २०१२ में गृह राज्य मंत्री मुल्लापल्ली रामचंद्रन ने दावा किया कि पिछले दशक में १४ लाख बांग्लादेशी भारत में आए हैं। केंद्र सरकार के डेटा के मुताबिक भारत में २ करोड़ बांग्लादेशी अवैध रूप से रह रहे हैं।
स्त्रोत : नवभारत टाईम्स