मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष नवमी, कलियुग वर्ष ५११६
कुछ समय किसी गौ अथवा मन्दिरकी रक्षाके सन्दर्भमें अथवा किसी हिन्दू के सन्दर्भमें क्रोध उत्पन्न करनेवाले प्रसंगमें कुछ हिन्दुत्वनिष्ठ ऐसे कृत्य करते हैं कि उसके कारण उन्हें कुछ मास अथवा कुछ वर्ष कारागृहमें बन्दी होना बाध्य होता है । अतः वे इस बातका ध्यान रखें कि वर्तमानमें किसी भी कारण कारागृहमें बन्दी बनना न पडे, इस बातको प्राधान्य देना आवश्यक है ।
यदि वे कारागृहसे मुक्त रहेंगे, तो ही वे हिन्दुओंको हिन्दू राष्ट्रकी स्थापना हेतु संगठित कर सकते हैं । कुछ लक्ष हिन्दू यदि एकत्रित आए, तो हिन्दू राष्ट्रकी स्थापना दूर नहीं । वर्तमानमें हिन्दू राष्ट्रकी स्थापना हेतु किए जानेवाले प्रयासोंकी तुलनामें हिन्दुओंपर आ रही अन्य आपत्तियोंका महत्त्व अल्प है । उसे दूर करना मानसिक, भावनिक स्तरपर होता है, किन्तु कालमहिमाके अनुसार हिन्दू राष्ट्रकी स्थापना आध्यात्मिक स्तरपर करने तथा होनेवाला कार्य है; इसलिए हिन्दू राष्ट्रकी स्थापना हेतु पूरी शक्तिका उपयोग करें !
– (प.पू.) डॉ. आठवले (१३.११.२०१४)