हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा देशद्रोही आतंकवादी याकूब का समर्थन करनेवाले एवं उसका पक्ष लेनवालोंपर कठोर कार्यवाही करनेकी मांग
पिछले पुरे सप्ताह में भारत के कुछ लोग तथा मिडिया एक देशद्रोही को बचाने के लिए प्रयास कर रहे थे । देशद्रोही आतंकवादी याकूब के देशद्रोही समर्थकों के समक्ष ना झुकते हुए भारतीय न्यायव्यवस्था ने आखिरकार याकूब को फांसी पर लटकाया, यह प्रशंसनीय है ।
इन देशद्रोही लोगोंद्वारा भडकार्इ गर्इ आग अभी तक शांत नहीं हुर्इ है । अल्पसंख्यकों के तुष्टिकरण की राजनीति करनेवालों ने स्वार्थ हेतु प्रथम ही न्यायव्यवस्था के विरोध में अन्याय की भावना उत्पन्न की है । भविष्य में यह निश्चित ही घातक होनेवाला है ।
न्यायाधीशों को यदि आतंकवादियों को दंड सुनाते समय इतने दबाव का सामना करना पडेगा, तो निरपराध नागरिकों को न्याय कैसे मिलेगा ?
Take stringent action against terrorist Yakub Memon’s supporters
समर्थ रामदास्वामीजी के उपदेश के अनुसार देशद्रोही को बचाने हेतु दिन-रात भागदौड करनेवाले, उसका समर्थन करनेवाले एवं उसका पक्ष लेते हुए न्यायव्यवस्था पर भी टीका करनेवालों को देशद्रोही घोषित करना आवश्यक है । साथ ही उनपर सक्त कार्यवाही भी करनी चाहिए ।
कानूनी तथा राजनितिक मार्ग का दुरुपयोग कर एक आंतकवादी की फांसी की सजा को निरस्त करने की मांग करना लोकतंत्र का मजाक ही है । वास्तव में, २२ साल के पश्चात याकूब को मिली फांसी यह बमविस्फोट में मारे गए लोगों के संबंधियों पर अन्याय ही है ।
भारत एकमात्र देश है जहां राष्ट्रद्रोहियों को सामाजिक, राजनितिक, संवैधानिक एवं धार्मिक इन मंचोद्वारा संरक्षण मिलता है । यह बात हमारे लिए खेदजनक है । यदि आतंकवाद को नष्ट करना है तो, हमारी एेसी न्यायिक प्रणाली एेसी होनी चाहिए की आतंकवादियोंके समर्थकों को उसका डर लगे आैर सर्वाेच्च न्यायालय एवं केंद्र सरकार को भी इस विषयमें आगे आना होगा ।