हिन्दुओं, स्वयं में निहित शौर्य का जागरण करें ! – शबरी देशमुख, हिन्दू जनजागृति समिति

इतिहासकाल में शौर्यवान हिन्दुओं का जाज्वल्य इतिहास हमतक पहुंचने नहीं दिया जाता । इस स्थिति में परिवर्तन लाना हो, तो हिन्दुओं को स्वयं में निहित शौर्य का जागरण करना ही पडेगा । Read more »

‘भारत में हिन्दुओं का विस्थापन – कारण और उपाय ?’ इस विषय पर ‘ऑनलाइन’ विशेष संवाद

वर्तमान सरकार को कश्मीरी हिन्दुओं के नरसंहार को ‘धार्मिक नरसंहार’ घोषित करना चाहिए । कश्मीर की वर्तमान स्थिति को देखते हुए विस्थापित कश्मीरी हिन्दू अपनी मातृभूमि में नहीं लौट सकते । Read more »

हिन्दुओं में शौर्य का जागरण होने हेतु स्वरक्षा प्रशिक्षण सीखना आवश्यक – हर्षद खानविलकर

आज लव जिहाद के माध्यम से हिन्दू युवतियों को प्रेम के जाल में फंसाया जा रहा है । देश के विविध स्थानों पर दंगे, हत्याएं, बलात्कार और धर्मांतरण की कई घटनाएं हो रही हैं, जिन में हिन्दुओं को लक्ष्य बनाया जा रहा है । Read more »

शूरवीरों के इतिहास का स्मरण कर स्वयं में निहित शौर्य जागृत करेंगे – कु. प्रतीक्षा कोरगांवकर, हिन्दू जनजागृति समिति

असामान्य पराक्रम से निरंतर प्रेरणा देनेवाले वर्ष १८५७ के स्वतंत्रता संग्राम में चमकी हुईं झांसी की रानी लक्ष्मीबाई का बलिदान दिवस मनाकर हमारे गौरवशाली इतिहास का हमें स्मरण हो रहा है । Read more »

तन, मन एवं धन का त्याग कर सत् में रहिए ! – पू. नीलेश सिंगबाळजी, हिन्दू जनजागृति समिति

कोरोना महामारी एवं चक्रवाती तुफान आगामी आपातकाल का आरंभ है । ऐसी स्थिति में ईश्‍वर की भक्ति ही हमारी तारणहार बनेगी । Read more »

‘सुराज्य निर्माण में अधिवक्ताओं का योगदान !’ इस विषय पर ऑनलाइन संवाद !

गणेशोत्सव आने पर जलप्रदूषण होता है, दीपावली में फटाके फोडे तो वायु एवं ध्वनि प्रदूषण होता है, ऐसा व्यापक दुष्प्रचार कर हिन्दुओं के श्रद्धास्थानों को कलंकित किया जाता है, जिससे हिन्दुओं में अपने धर्म के प्रति हीनभावना निर्माण हो । Read more »

समाज के महत्त्वपूर्ण घटक के रूप में धर्मकर्तव्य का निर्वहन करने हेतु डॉक्टर्स क्रियाशील बनें – मनोज खाडये

गवान श्रीकृष्ण के ‘मेरे भक्त का कभी भी नाश नहीं होगा’, इस वचन का स्मरण रखकर स्वयं साधना कर उनका भक्त बनने हेतु प्रयास करना ही आनेवाले भीषण आपातकाल से पार लगने का एकमात्र उपाय है । Read more »

गुरु-शिष्य परंपरा के द्वारा पुनः एक बार धर्मसंस्थापना का कार्य करने का समय आ गया है – पू. नीलेश सिंगबाळजी

आज भी हिन्दू धर्म पर लव जिहाद, मंदिर सरकारीकरण, गोहत्या, साधु-संत एवं हिन्दुत्वनिष्ठों की हत्याएं, हिन्दुओं का वंशविच्छेद और धर्मांतरण आदि अनेक आघातों के कारण हिन्दू धर्म संकट में है । Read more »

साधना करने से मनोबल बढकर संकटों का सामना करने के लिए बल प्राप्त होता है – सद्गुरु (कु.) स्वाती खाडयेजी

ईश्‍वर का भक्त बनने हेतु साधना करना आवश्यक होता है । जैसे पेट पालने के लिए धन अर्जित करना पडता है, उसी प्रकार ईश्‍वर का भक्त बनने हेतु साधना करना आवश्यक होता है । Read more »

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