गोरक्षाके कार्यका महत्त्व एवं मर्यादा

सद्यस्थितिमें गाय जैसे हिंदू भी असुरक्षित हो गए हैं । कालानुसार हिंदुओंको सुरक्षित जीवन प्रदान करनेवाला हिंदू राष्ट्र स्थापित करना है तथा उस हेतु अत्यधिक प्रयास करना आवश्यक है । हिंदू राष्ट्रकी स्थापना होनेपर, उसी दिनसे सर्वत्रकी गायोंकी रक्षा की जाएगी । Read more »

शत्रुका पालन करना : पूरीतरह असफल परराष्ट्रनीति !

अपना पडोसी देश सज्जन, सुविद्य, सुसंस्कृत तथा सात्त्विक वृत्तिका नहीं है । वह धूर्त तथा कपटी है । उनसे लडकर उसकी दुष्ट प्रवृत्तिका नाश करनेके पश्चात ही हम चैनसे रह सकते हैं । यही पडोसीधर्म है । Read more »

वन्दे मातरम् का अनादर करनेवाले बर्कको दंडित करें !

शफीकुर्र रेहमान बर्कद्वारा वन्दे मातरम्को इस्लामविरोधी कहकर उसका अपमान करनेके बाद भी, सभापति याफिर बहुजन समाज दलके सर्वेसर्वाद्वारा कोई भी कार्रवाई नहीं की गई | Read more »

अपना राष्ट्र, अपनी संस्कृति, अपने श्रद्धास्थान एवं राष्ट्रपुरुषोंकी रक्षा हेतु …..

हमारे देशकी महान परंपरा तथा हमारी संस्कृतिकी रक्षा करनेमें असमर्थ सिद्ध हुई है। हमारे देशके राष्ट्रपुरुष, संस्कृति-उपासक तथा संस्कृति-रक्षकोंका अवमान करनेवालोंको कठोर दंड देनेमें हमारी सरकार असमर्थ है । देशभक्त एवं राष्ट्रनिष्ठ जनताको ही अब आगे आकर कठोर शब्दोंमें प्रशासनको यह समझानेका समय आया है । Read more »

‘धर्मांधोंका सम्मान; हिंदुओंका अवमान’, यही है कांग्रेस शासनकी ‘धर्मनिरपेक्षता’ !

इंदिरा गांधीके प्रधानमंत्री रहते हुए हमारे देशमें तथाकथित ‘धर्मनिरपेक्षता’का पौधा लगाकर उन्होंने अपने पिताका स्वप्न पूरा किया । उनकेद्वारा भारतीय संविधानमें ४२ वा सुधार करके, प्रजातंत्रकी स्वतंत्रताका तथा संविधानने दिए हमारे मूलभूत अधिकारोंका गला घोंट दिया । Read more »

‘सेक्युलरिज्म’ अर्थात हमारे गलेका फंदा !

हिंदुस्थानमें यदि हिंदूको सुरक्षित तथा सुखचैनसे रहना है, तो इस ‘सेक्युलरिज्म’ को तथा स्वयंको ‘सेक्युलर पक्ष’ कहलवानेवाले पक्षोंको अर्धचंद्र देकर अरबी समुद्रमें ओसामा बिन लादेनके निकट डुबो देना चाहिए । Read more »

राष्ट्र तथा धर्मके विचार विद्यार्थियोंसे लेकर बडोंतक पहुंचानेवाले प्रा. दुर्गेश परुळकर ! – भाग २

राष्ट्र, तथा धर्मपर १० पुस्तकोंका लेखन; प्रबोधन, प्रवचन, व्याखानोंके माध्यमसे; सत्य तथा ज्वलंत इतिहास समझानेके माध्यमसे ज्येष्ठ पत्रकार एवं प्रा. दुर्गेश परुळकर राष्ट्रकार्य कर रहे हैं । Read more »

राष्ट्रकी अपेक्षा पडोसी धर्मको अधिक महत्त्व देनेवाले नामर्द शासनकर्ता !

भारतके पडोसी पाकिस्तान और बांगलादेश नामक राष्ट्र धूर्त, धोखेबाज हैं । ऐसा होते हुए भी भारतीय शासनकर्ता इन राष्ट्रोंकी ओर पडोसीधर्मकी दृष्टिसे देख रहे हैं । Read more »

असममें बांगलादेशी घुसखोरोंको सुरक्षा प्रदान करनेवाला राष्ट्रघाती आइएमडीटी अधिनियम !

१९८३ में संसदमें आइ.एम.डी.टी. पारित किया गया था । इस अधिनियम द्वारा असममें बांगलादेशी घुसपैठी मुसलमानोंके रहनेकी पूरी व्यवस्था की गई । Read more »

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