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मालिका ‘वीर शिवाजी’ का नाम परिवर्तित कर ‘छत्रपति शिवाजी’ करनेकी मांग ‘कलर्स’ वाहिनीसे विनती !

‘कलर्स’ वाहिनीपर ‘वीर शिवाजी’ मालिकाका नाम परिवर्तित कर ‘छत्रपति शिवाजी’ करें, ऐसी विनती हिंदु जनजागृति समितिकी ओरसे ‘कलर्स’ वाहिनीके व्यवस्थापकोंको की गई । Read more »

गुजरातके ‘शतायू’ नामक स्वयंसेवी संस्थाकी ओरसे श्री गणेशका अपमान !

एक मानवी अवयवका रोपण करनेके क्षेत्रमें कार्य करनेवाली ‘शतायु’ नामक स्वयंसेवी संस्थाने गणेशोत्सवके उपलक्ष्यपर शहरमें हर स्थानपर फलक लगाए हैं । इन फलकोंपर श्री गणेशका चित्र है तथा उनके हाथोंमें मनुष्यके विविध अवयव दिखाए गए हैं । Read more »

‘भारतके तिरंगेमें परिवर्तन कर केसरी रंग हटा ही देना चाहिए’, ऐसा परामर्श उद्दंड पाकिस्तानद्वारा

‘फैसलाबादमें भारत और पाकिस्तानके मध्य क्रिकेट सामना हुआ । उस समय पाकिस्तानने अपने ध्वजके साथ भारतका भी ध्वज लगाया था । उसमें तिरंगे ध्वजका हरा रंग ऊपर, तो केसरी रंग नीचे था । ऐसा दो बार हुआ है । विशेष बात यह कि इसके पूर्व जब मिर्जा मुशर्रफ भारत आए थे, तब उनके विमानपर भी … Read more

स्वतंत्रताकी सफलताका मूलमंत्र !

इस माह देशकी स्वतंत्रताकी ६५वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी । वैसे तो विश्वके कितने ही देश विविध वर्षोंमें उपनिवेशवादकी दासतासे मुक्त हुए, खरे अर्थोंमें स्वतंत्र  हुए और अपनी प्रगति साध्य की । ऐसे देशोंकी तुलनामें अपने देशकी प्रगति कैसी है, यह देखना महत्वपूर्ण है । इस्राईल देशका निर्माण और अपनी स्वतंत्रताको देखें, तो दोनोंको समान वर्ष … Read more

कितनी घातक सिद्ध हुई है धर्मनिरपेक्षता !

‘१९४७ में अंग्रेजों और अन्य देशोंकी निगाहमें पाकिस्तान ‘मुसलमान नेशन’ और भारत ‘हिंदु नेशन’ ही माना जाता था । चूँकी हिंदु जाती संस्कारों से उदार और सहिष्णु रही हैं उसका लाभ उठाकर दुनिया की झुठी वाहवाही लूटने की हवस में हमारे तत्कालीन  नेताओं ने इसे धर्मनिरपेक्ष का जामा पहना दिया । वह धर्मनिरपेक्षता कितनी सार्थक … Read more

राष्ट्रको खंडित करना एवं उसे मौन स्वीकृति देना, क्या यह जघन्य अपराध नहीं ?

स्वतंत्रतादिवस विशेष सद्गुरुदेव प.पू. आचार्य स्वामी श्री धर्मेंद्र महाराज, श्रीपंचखंडपीठजीके पावन परिवारके जून २००९ की पत्रिकामें ‘महात्मा रामचंद्र वीरका निर्वाण अखंड भारतके स्वप्नका अवसान’ इस लेखके  चुने हुए कुछ मुद्दे हमारे पाठकोंके लिए  शब्दशः प्रकाशित कर रहे है । ‘राष्ट्रगान’ का अवमान करनेका अधिकार किसीको नहीं है – सर्वोच्च न्यायालयका प्रतिपादन सर्वोच्च न्यायालयने फिल्म निर्माता … Read more

क्रांतिकारियोंका अपमान एवं इतिहासका विकृतिकरण रोकें !

स्वतंत्रता-समरके अग्निकुंडमें आहुति देनेवाले सहस्रों क्रांतिकारियोंके उपकार आजके निधर्मी राज्यकर्ता भूल गए हैं । वे क्रांतिकारी तथा राष्ट्रपुरुषोंका आगे दिए अनुसार विकृत इतिहास प्रचारित कर रहे हैं । बंगाल सरकारने हाल ही में एक पुस्तिकामें खुदीराम बोसको ‘आतंकवादी’ कहा है । एन्.सी.ई.आर्.टी.की पाठ्यपुस्तकमें छ. शिवाजी महाराज, लो. तिलक, भगतसिंगको तथा आई.सी.एस्.ई. की पाठ्यपुस्तकमें भगतसिंह, राजगुरु … Read more

कौन कहता है हम स्वतंत्र हैं ?

वर्तमानमें समाजका एक भाग नीतिपर आधारित होना, तो दूसरा अर्थपर आधृत विकास करनेके लिए संघर्षरत होना : ‘किसी राष्ट्रके लिए ६० वर्षोंका काल अल्प नहीं होता । स्वतंत्रताके ६० वर्ष पश्चात हम जिस मोडपर खडे हैं, वहां समाज दो भागोंमें विभाजित दिखाई दे रहा है । एक भाग नीतिपर आधारित है, तो दूसरा अर्थपर आधारित … Read more

‘सांप्रदायिक एवं लक्ष्यित हिंसाविरोधी अधिनियम २०११’ अर्थात् हिंदुंओंको नष्ट करनेका षड्यंत्र !

पुणे, ११ अगस्त (वार्ता.) – पं. दीनदयाल उपाध्याय नागरी सहकारी पतसंस्थाकी ओरसे हिंदु हुतात्मा अरुण कदमके नामसे दिए जानेवाले पुरस्कार वितरण समारोहमें ‘हिंदु राष्ट्र सेना’ के अध्यक्ष श्री. धनंजय देसाईने कहा कि केंद्रशासनद्वारा प्रस्तुत ‘सांप्रदायिक एवं लक्ष्यित हिंसाविरोधी अधिनियम २०११’ कानून अर्थात् हिंदुओंको सदाके लिए मिटानेका विदेशी षड्यंत्र है । यह कानून तिस्ता सेटलवाड, सोहराबुद्दीन … Read more

भारतीयो स्वतंत्रतादिवस तिथिनुसार ‘श्रावण कृष्ण चतुर्दशी’ को मनाइए !

देश ‘श्रावण कृष्ण चतुर्दशी’ इस तिथिको स्वतंत्र हुआ ! अंग्रेजी मानसिकताके कारण स्वतंत्रता दिन ईसाई कालगणनाके ‘१५ अगस्त’को है । भारतीयो, यह मानसिकता त्यागकर भारतका स्वतंत्रता दिवस ‘१५ अगस्त’ को नहीं, अपितु तिथिनुसार ‘श्रावण कृष्ण चतुर्दशी’ (२८ अगस्त २०११) को मनाएं । १४ अगस्त १९४७ को रात्रिमें १२ बजे भारत स्वतंत्र हुआ अतः भारतमें कुछ … Read more

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