आरोग्य साहाय्य समिति द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में चलाए गए, आजकल चल रहे और आगामी उपक्रमों के संदर्भ में हम संक्षेप में जानकर लेते हैं –
१. धर्मादाय चिकित्सालय अभियान
हिन्दू जनजागृति समिति के माध्यम से हमने धर्मादाय चिकित्सालयों के संदर्भ में अभियान चलाया । इस अभियान के संदर्भ में संक्षेप में जान लेते हैं –
अ. महाराष्ट्र के १५ जनपदों में स्थित चिकित्सालयों का अवलोकन करनेपर उसमें गंभीर त्रुटियां दिखाई देना
महाराष्ट्र शासन के जनहितार्थ योजना के अंतर्गत शासन द्वारा सहायित सार्वजनिक न्यासों के चिकित्सालयों द्वारा नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधाएं देते समय क्या करना अनिवार्य है, इसके संदर्भ में कुछ बातें अनिवार्य की हैं । क्या नागरिकों को इस योजना का लाभ मिलता है अथवा नहीं, इसे देखने के लिए महाराष्ट्र के १५ जनपदों में स्थित चिकित्सालयों का अवलोकन करनेपर उसमें निम्नांकित त्रुटियां दिखाई दीं –
- चिकित्सालयों में उपलब्ध पलंगों (बेड) में से १० प्रतिशत पलंग निर्धनता स्तर के नीचले स्तर के रोगियों की चिकित्सा हेतु तथा १० प्रतिशत पलंग अल्पाय समूह के रोगियों को ५० प्रतिशत छूट के शुल्कवाली चिकित्सालयों के लिए आरक्षित नहीं रखे जा रहे थे ।
- चिकित्सालयों में आनेवाले रोगियों को उक्त सरकारी योजना का जानकारी देनेवाला फलक नहीं लगाया गया था अथवा उसे दर्शनी भाग में लगाया नहीं गया था ।
- धर्मादाय चिकित्सालयों की पडताल करनेवाली समिति ने धर्मादाय आयुक्त एवं महाराष्ट्र शासन को पिछले ४ वर्षों में ब्यौरा भी प्रस्तुत नहीं किया था ।
आ. समिति द्वारा इसके संदर्भ में किए गए प्रयास
- पत्रकार परिषद एवं आंदोलनों के माध्यम से जागृति : समिति ने इसके संदर्भ में ५ स्थानोंपर पत्रकार परिषदें लीं और ९ जनपदों में आंदोलन चलाकर ज्ञापन प्रस्तुत किए ।
- २ दिसंबर २०१९ को आरोग्य सहायता समिति ने पुनः एक बार सूचना के अधिकार के अंतर्गत आवेदन किया । उसमें प्राप्त जानकारी के अनुसार उसके पश्चात भी समिति ने एक भी बैठक नहीं की थी अथवा किसी धर्मादाय चिकित्सालय का अवलोकन कर वहां के रोगियों को सभी सुविधाएं मिल रही हैं अथवा नहीं, इसकी आश्वस्तता भी नहीं की थी । तो १०.१२.२०१९ को मुंबई में आरोग्य सहायता समिति की ओर से पत्रकार परिषद ली गई और उसमें विशेषज्ञ डॉक्टरों की समिति को बरखास्त करने की मांग की ।
- मुंबई उच्च न्यायालय में याचिका : धर्मादाय चिकित्सालय में चल रहा बहुत गंभीर ढीलापन तथा महाराष्ट्र शासन द्वारा गठित समिति की निष्क्रियता के संबंध में अप्रैल २०१८ में हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से मुंबई उच्च न्यायालय के संभाजीनगर (औरंगाबाद) खंडपीठ में हिन्दू विधिज्ञ परिषद के माध्यम से याचिका प्रविष्ट की गई है ।
केईएम् चिकित्सालय, पुणे : अभियान चलाने के पश्चात अब ऑनलाईन अपडेट देते हैं तथा शिकायत के पश्चात फलक लगाया गया है ।
२. सिंधुदुर्ग जनपद चिकित्सालय के चल रही ढीली कार्यपद्धति को सूचना के अधिकार के अंतर्गत उजागर किया
सिंधुदुर्ग जिला चिकित्सालय में रोगियों को सेवाएं देने के लिए डॉक्टरों के पद भरे न जाना, उपकरणों की उपलब्धता होते हुए भी उसकी सेवा देनेवाले विशेषज्ञों की उपलब्धता न होना; इसकी जानकारी सूचना के अधिकार के अंतर्गत ली गई । इस संदर्भ में दैनिक सनातन प्रभात और अन्य दैनिकों में समाचार छपे और वहां के विधायक ने भी इसका संज्ञान लिया ।
३. जैव-चिकित्सकीय कचरे का व्यवस्थापन (Bio-Medical Waste Management)
पर्यावरण संरक्षण विधि एवं जैवीय कचरा व्यवस्थापन नियमों के अनुसार प्रत्येक चिकित्सालय को जैव कचरे का अचूकता से व्यवस्थापन करना अनिवार्य है । इस संदर्भ में मुंबई, ठाणे, पुणे, रायगढ जनपदों के सरकारी चिकित्सालयों में जैव कचरे का व्यवस्थापन सुयोग्य रूप से नहीं हो रहा था, ऐसा ध्यान में आया ।
अ. रायगढ जनपद के अलिबाग में पत्रकार परिषद लेकर अलिबाग जिला चिकित्सालय, पेण उपजनपद चिकित्सालय और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण विभाग का ढीला काम उजागर किया ।
आ. इन २ चिकित्सालयों की ढीली कार्यपद्धति के विरुद्ध कार्रवाई होने हेतु आरोग्य सहायता समिति ने कोंकण आयुक्त के पास शिकायत की, साथ ही महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण विभाग के अधिकारियों ने समय-समयपर परीक्षण कर उसपर नियंत्रण नहीं किया; इसके लिए महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण विभाग के सदस्य सचिव के पास भी शिकायत की ।
४. मरहम उत्पादक प्रतिष्ठानों के संदर्भ में गोवा अन्न एवं औषधी प्रशासन के पास ज्ञापन प्रस्तुति के माध्यम से शिकायत
अनेक मरहम के ट्यूबों में आधी ट्यूब मरहम और शेष आधी ट्यूब में हवा होती है । कुछ औषधियां अतिसंवेदनशील होती हैं, जिनके हवा के साथ संपर्क होने से उनकी परिणामकारकता अल्प हो सकती है । अतः ट्यूब में पूर्णरूप से मरहम भरा जाए; इसके लिए गोवा के अन्न एवं औषधी प्रशासन के पास ज्ञापन प्रस्तुत कर शिकायत की । इस ज्ञापन के साथ इन मरहमों के सैंपल्स भी जोडे गए । समिति की शिकायत के पश्चात अन्न एवं औषधि प्रशासन ने ये औषधियां जिन प्रतिष्ठानों द्वारा बनाई गई थीं और उनके कारखानें जिन राज्यों में हैं, वहां के अन्न एवं औषधी प्रशासनों को कार्रवाई हेतु ये सैंपल्स भेजी गईं । इसके आगे हम उस राज्य के अन्न एवं औषधी प्रशासन इस संदर्भ में भी ज्ञापन भेजनेवाले हैं ।
५. रैनिटिडीन नामक घातक औषधिपर प्रतिबंध लगाने की मांग
रैनिटिडीन नामक घातक औषधिपर प्रतिबंध लगया जाए; इस मांग को लेकर गोवा अन्न एवं औषधी प्रशासन को ज्ञापन प्रस्तुत किया ।
६. महाराष्ट्र शासन द्वारा निर्धारित दरों के अनुसार सरकारी और निजी रक्तपेढीयों (Blood Bank) में मूल्य वसूले जाने के लिए अभियान चलाना
महाराष्ट्र शासन की ओर से सरकारी एवं निजी रक्तपेढियों में मिलनेवाले रक्त एवं रक्त के परीक्षण का मूल्य निर्धारण किया गया है । उसके अनुसार मूल्य वसूला जाता है अथवा नहीं, इसकी जांच के लिए इस अभियान का आरंभ किया गया । महाराष्ट्र के १० जनपदों में ३२ ब्लड बैंकों का परीक्षण करनेपर कुछ रक्तपेढियों में निर्धारित शुल्क की अपेक्षा अधिक मूल्य वसूला जा रहा है, ऐसा ध्यान में आया ।
उदा. रक्त की एक थैली की बिक्री निजी रक्तपेढी में १४५० रुपए मूल्य से होनी चाहिए, यह नियम है; परंतु कुछ रक्तपेढियां उन्हें २ सहस्र रुपयों में बेचती हैं । हम इस प्रकार से अधिक मूल्य वसूलनेवाली रक्तपेढियों के विरुद्ध कार्रवाई हो; इसके लिए वैधानिक पद्धति से अभियान चला रहे हैं ।
७. चिकित्सकीय उपकरण बनानेवाला प्रतिष्ठान ‘स्ट्राईकर’के विरुद्ध कार्रवाई करने हेतु स्वास्थ्यमंत्री को ज्ञापन प्रस्तुत किया
अमेरिका के इस प्रतिष्ठान के देहली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में कार्यालय हैं । यह प्रतिष्ठान बडे चिकित्सालयों Orthopedic Implant के उपकरणों की आपूर्ति करता है । इस प्रतिष्ठान के अमेरिका स्थित मुख्य कार्यालयन ने ऑडीट कर भारत में स्थित ‘स्ट्राईकर’ द्वारा AIIMS’ साथ ही सफदरजंग चिकित्सालय जैसे बडे चिकित्सालयों के टेंडर्स को मैनेजकर वहां के डॉक्टरों को अधिक शुल्क, यात्रा खर्चा और अन्य मार्गों से पैसे देकर नियमों का उल्लंघन किए जाने का समाचार प्रकाशित हुआ था । हमने केंद्रीय स्वास्थ्यमंत्री को इस प्रतिष्ठान के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग करनेवाला ज्ञापन प्रस्तुत किया ।
८. अन्नपदार्थों में मिलावट के संदर्भ में समाज में जागृति लाना
आजकल अन्नपदार्थों में बडी मात्रा में मिलावट की जाती है, जो मानवीय स्वास्थ्य के लिए अत्यंत घातक है ।
अ. शिक्षा प्राधिकरण एवं बालभारती को ज्ञापन प्रस्तुति : आरोग्य सहायता समिति ने शिक्षा प्राधिकरण एवं बालभारती को ज्ञापन प्रस्तुत कर यह मांग की कि छात्रों को विद्यालयों में दूध एवं अन्य अन्नपदार्थों में होनेवाली मिलावट पहचानने का प्रशिक्षण मिले और इसके लिए पाठ्यक्रम में उसके प्रदर्शन का प्रशिक्षण अंतर्भूत किया जाए ।
आ. लेख, फ्लेक्स आदि माध्यमों द्वारा जागृति : समाज में इसके प्रति जागृति लाने हेतु हमने दैनिक सनातन प्रभात में लेख, साथ ही फ्लेक्स के माध्यम से जागृति की है, साथ ही हमने समाज के अन्य लोगों को भी यदि उन्हें भी ऐसे कोई अनुभव हों, तो आगे जाकर अन्न एवं औषधि प्रशासन से शिकायत करने का दिशादर्शन भी किया है ।
९. औषधी प्रतिष्ठानों के औषधियों के मूल्यों में अंतर के संदर्भ में जागृति लाना तथा अभियान चलाना
औषधियों के मूल्योंपर शासन का नियंत्रण होना चाहिए; परंतु ऐसा दिखाई नहीं देता । उससे ग्राहकों को औषधियों के उत्पादन खर्च से भी कई गुना मूल्य चुकाना पडता है । इसके लिए हमने औषधियों के होलसेल एवं रिटेल के मूल्यों से मिलनेवाले अत्यधिक आर्थिक लाभ की मात्रा न्यून की जाए; इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं राज्यमंत्री और केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव को ज्ञापन प्रस्तुत किए । इसके साथ ही ६ सांसद, साथ ही पूर्व सचिव को भी ज्ञापन प्रस्तुत किए । इसके साथ ही हमने इसके संदर्भ में फ्लेक्स भी तैय्यार किए हैं । उसके अनुसार हमने इस गणेशोत्सव में विविध गणेशोत्सव मंडलों से संपर्क कर औषधियों की बिक्री से मिलनेवाले अत्यधिक आर्थिक लाभ को दर्शानेवाले फ्लेक्स लगाए हैं ।
१०. Fixed Drugs Combination
Fixed drugs combination संकल्ना के अंतर्गत केंद्र सरकार ने मानवीय शरीर को घात सिद्ध होनेवाले combination द्वारा तैय्यार किए जानेवाले ७०० औषधियोंपर प्रतिबंध लगाया है । उच्च न्यायालय ने यह प्रतिबंध उठाया; परंतु अब इस संदर्भ में सर्वोच्च न्यायालय में याचिका लंबित है । हमें इन ७०० औषधियों में से न्यूनतम १० औषधियों का अध्ययन कर समाज के सामने सरकार की नीति, उससे होनेवाली हानि और परिणामों के संदर्भ में जागृति करना आवश्यक है । हमारे साधक डॉक्टर इसका अध्ययन कर इस विषय में जागृति करनेवाले लेख लिख रहे हैं ।
११. बाढपीडितों को प्राथमिक चिकित्सा एवं औषधियों की आपूर्ति करना
हाल ही में महाराष्ट्र एवं कर्नाटक राज्यों में आई बाढ के समय कोल्हापुर, सांगली, बेलगांव आदि जनपदों में संस्था एवं समिति की ओर से रोगियों की प्राथमिक चिकित्सकीय जांच की गई, साथ ही उन्हें आवश्यक औषधियां भी दी गईं ।
१२. स्वास्थ्य क्षेत्र में फैल रही दुष्प्रवृत्तियों के विरुद्ध जागृति अभियान
स्वास्थ्य क्षेत्र में बढ रही दुष्प्रवृत्तियों को रोकने हेतु आरोग्य सहायता समिति कार्यरत है । साधक, हितचिंतक, धर्मप्रेमी, साथ ही समाज के व्यक्ति आदि को स्वास्थ्य क्षेत्र से संबंधित जो बुरे अनुभव हुए हैं, उनके संदर्भ में दैनिक सनातन प्रभात में लेखों के माध्यम से जागृति की जाती है, साथ ही त्योहार-उत्सवों में फ्लेक्स और पत्रकों का वितरण कर भी जागृति की जाती है ।
१३. आगामी उपक्रम
सरकारी स्वास्थ्य संस्थाओं में विद्यमान रोगी कल्याण समिति की ढीली कार्यपद्धति को उजागर करना : इस संदर्भ में लेखों के द्वारा जागृति लाना, सभी रोगी कल्याण समितियों की जानकारी तथा लेखा ब्यौरा धर्मादाय आयुक्त के संकेतस्थलोंपर अपलोड किए जाने हेतु धर्मादाय आयुक्त को ज्ञापन प्रस्तुत करना, साथ ही उसकी समीक्षा करना ।