भारत सरकार का अन्‍न सुरक्षा प्राधिकरण होते हुए भी हलाल प्रमाणपत्र देनेवाली निजी संस्‍था क्यों ?

हलाल के माध्‍यम से चल रहे आर्थिक जिहाद के विरुद्ध संघर्ष करने को तैयार हो जाईए !

जिहाद का अर्थ भले कैसे भी बताया गया, है तो वह युद्ध ही ! युद्ध करनेवाले द्वारा अपना प्रतिद्वंदी चुना होता है । ऐसे समय में भले हम युद्ध न कर कितना भी शांत रहना सुनिश्‍चित करें; परंतु हमारे विरोधी ऐसा नहीं होने देंगे । इसके कारण उसके द्वारा आरंभ किया आर्थिक जिहाद का सामना करना आवश्‍यक है । तभी जाकार हम इस्‍लामी बैंक को समानांतर खडी हलाल अर्थव्‍यवस्‍था तथा भविष्‍य में उसके कारण आनेवाले संकट रोक पाएंगे । हलाल अर्थव्‍यवस्‍था की प्रचुर धनशक्‍ति के कारण आज जिस प्रकार आतंकियों के अभियोग लडे जा रहे हैं, उसी प्रकार भविष्‍य में भी देशविरोधी शक्‍तियों को बल प्रदान करने तथा देश के तंत्रों को खरीदने के षड्‍यंत्र किए जा सकते हैं । अतः इस हलाल अर्थव्‍यवस्‍था को सहायता न मिले; इसके लिए हलाल मांस लेना बंद कर, साथ ही हलाल प्रमाणपत्र मुद्रावाली सभी वस्‍तुएं अस्‍वीकार कर हिन्‍दू भाईयों का व्‍यवसाय बढे; इस दृष्‍टि से प्रयास करने होंगे । हिन्‍दू समाज में इसके प्रति जागृति लानी होगी । साथ ही इसके संदर्भ में आंदोलन खडा कर सरकार के पास संगठितरूप से शिकायतें कर और निजी मुसलमान संस्‍थाओं को हलाल प्रमाणपत्र देने पर प्रतिबंध लगाने तथा वह अधिकार सरकारी संस्‍था को देने की मांग करनी चाहिए । हमें हमारे क्षेत्र के हिन्‍दुत्‍वनिष्‍ठ राजनेताओं को इस संकट की जानकारी देनी चाहिए । इन सभी परिप्रेक्ष्यों में प्रयास कर हलाल अर्थव्‍यवस्‍था से उत्‍पन्‍न यह राष्‍ट्र संकट रोकने हेतु संघर्ष खडा करेंगे ।’

भारत सरकार का अन्‍न सुरक्षा प्राधिकरण होते हुए भी हलाल प्रमाणपत्र देनेवाली निजी संस्‍थाओं का क्‍या काम ?

भारत सरकार के स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय के अंतर्गत ‘अन्‍न सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण’ (Food Safety and Standards Authority of India – FSSAI), साथ ही महाराष्‍ट्र में अन्‍न एवं औषधि प्रशासन (Food and Drugs Administration – FDA) विभाग का गठन किया गया है । खाद्यपदार्थों से संबंधित सभी प्रकार की अनुमति देने के अधिकार इस विभाग को हैं । उसके लिए विविध प्रकार की शर्तें पूर्ण करनी पडती हैं । उसमें भूमि की रचना से लेकर अग्‍नि प्रतिबंधक व्‍यवस्‍था और कचरा व्‍यवस्‍थापन आदि सभी बातों की आपूर्ति करनी पडती है । उसके लिए शुल्‍क का भी भुगतान करना पडता है । एक ओर खाद्यपदार्थों से संबंधित प्रमाणपत्र देनेवाली सेक्‍युलर शासन की व्‍यवस्‍था होते हुए भी हलाल प्रमाणपत्र देने की अनुमति निजी धार्मिक संस्‍थाओं को क्‍यों दी गई है ? ये निजी संस्‍थाओं द्वारा सरकार के किसी बंधनों का पालन न कर केवल धार्मिक आधार पर दिए जा रहे हलाल प्रमाणपत्र के नाम पर वसूले जानेवाले शुल्‍क को अवैध क्‍यों प्रमाणित नहीं किया जाता ?