वैशाख शुक्लपक्ष ३, कलियुग वर्ष ५११७
धर्मांतरण के प्रयास को लेकर शनिवार को अलीगढ़ में जमकर बवाल मचा. मडराक थाना क्षेत्र के मईनाथ गांव में ग्रामीणों ने मुस्लिम धर्मगुरुओं की मंशा पर शक जाहिर करते हुए पहले तो उन्हें बंधक बना लिया, वहीं जब पुलिस धर्मगुरुओं को हिरासत में लेकर थाने पहुंची तो हजारों स्थानीय लोगों ने थाने का घेराव कर लिया.
गांववालों का आरोप है कि सभी 7 मुस्लिम धर्मगुरु तीन दिन से गांव में डेरा डाले हुए थे. जिला मुख्यालय से 12 किलोमीटर दूर मईनाथ के लोगों का कहना है कि ये लोग सौ से ज्यादा ग्रामीणों का धर्मांतरण कराने आए थे. धर्मगुरु गांव के ही एक निवासी सूरज पाल के घर ठहरे थे. पुलिस का कहना है कि पहले पहल यह पूरा मामला फर्जी जान पड़ता है.
पुलिस के मुताबिक, मुस्लिम धर्मगुरु सूरज पाल के घर पानी पीने के लिए रुके थे. सूरजपाल कंजर समुदाय का है. उस वक्त नमाज का समय था, लिहाजा धर्मगुरुओं ने वहीं सूरजपाल के घर नमाज भी अदा की, जिसके बारे में जानकर गांव के लोग प्रदर्शन करने लगे और सभी को बंधक बना लिया. घटना की सूचना मिलने पर मडराक थानाध्यक्ष गांव पहुंचे और धर्मगुरुओं के साथ गांव के सूरजपाल को भी थाने ले आए.
सक्रिय हुआ राजनीतिक खेमा
दूसरी ओर, पुलिस से जैसे ही धर्मगुरुओं को हिरासत में लिया, दोनों समुदायों के नेता सक्रिय हो गए. हजारों लोगों ने कोतवाली घेर ली. बाजार बंद होने लगे. बीजेपी की मेयर कार्रवाई को लेकर अड़ी हुई हैं, जबकि सपा के दो विधायकों ने धर्मगुरुओं को छुडाने के लिए पूरा जोर लगा दिया है.
धर्मगुरुओं को छुड़ाने के लिए थाने का घेराव करने वाले लोगों का कहना है कि धर्मगुरु गांव में जमात कराने गए थे, न कि धर्मांतरण. समर्थकों ने आरोप लगाया कि गांव वालों ने धर्मांतरण के बहाने बंधक बनाकर धर्मगुरुओं से मारपीट भी की है. सपा से शहर विधायक जफर आलम और कोल विधायक जमीरउल्ला खां आरोपी धर्मगुरुओं को छुड़ाने के लिए जोर लगा रहे हैं, वहीं महापौर शकुंतला भारती की अगुवाई में हिंदूवादी नेता धर्मगुरुओं पर रिपोर्ट दर्ज कराने पर अड़े हुए हैं.
स्त्रोत : आज तक