पाकिस्तान के खाइबर पख्तुनख्वा इलाके में हिंदू मंदिर अब फिर से बनाया जाएगा। एक ऐतिहासिक फैसले में पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया है।
चीफ जस्टिस जव्वाद एस ख्वाजा की अध्यक्षता में तीन जजों की बेंच ने यह फैसला लिया। कोर्ट ने नेशनल असेंबली के मेंबर रमेश कुमार वंकवानी समेत प्रोविंशियल गृह सचिव अरबाब मोहम्मद आरिफ, डिप्टी कमिश्नर शोएब जादून से श्री परमहंस महाराज समाधि मंदिर के लिए ऑनलाइन रिपोर्ट मांगी है।
साथ ही चीफ जस्टिस ने हिदायत दी की किसी भी तरह इस काम को कराया जाए।
मंदिर १९१९ में बनाया गया था
यह समाधि और मंदिर १९१९ में बनाया गया था जहां श्री परमहंस को दफनाया गया था। इस मंदिर में १९९७ तक भक्त आते रहे लेकिन कुछ समाज के दुश्मनों ने इसे तोड दिया।
भक्तों ने इसे फिर से बनाना चाहा लेकिन जमीन पर वहां के मुफ्ती इफ्तिखारुड्डीन का कब्जा होने के कारण ऐसा नहीं हो सका।
जादून ने कोर्ट को बताया कि कोर्ट के इससे पूर्व के आदेश को मानते हुए परिसर के चारों तरफ दीवार का निर्माण करवाया गया है।
इस पर कोर्ट ने आदेश दिया कि केवल दीवार बनाने से काम नहीं होगा,एक नई इमारत का निर्माण किया जाए।
स्त्रोत : अमर उजाला