राजस्थान : उदयपुर में नहीं लगा सकेंगे धार्मिक झंडे, 2 महीने के लिए प्रशासन ने लगाई रोक

हिन्दुओं के मंदिरों और त्योहारों के पीछे पड़ी है राजस्थान की काॅन्ग्रेस सरकार – भाजपा का आरोप

राजस्थान के उदयपुर में धार्मिक झंडे लगाने पर रोक लगा दी गई है। प्रशासन ने दो महीने के लिए यह रोक लगाई है। भाजपा ने इसको लेकर प्रदेश की काॅन्ग्रेस सरकार की नीयत पर सवाल उठाए हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने राजस्थान को तालिबान बनाने की कोशिश करने का आरोप अशोक गहलोत सरकार पर लगाया है।

उदयपुर के डीएम ने बुधवार (5 अप्रैल 2023) को एक आदेश जारी कर कहा है कि जिले में अगले 2 महीने तक धार्मिक झंडे और प्रतीक चिन्ह लगाने पर रोक रहेगी। किसी भी सार्वजनिक बिल्डिंग, बिजली या टेलीफोन के खंभे, चौराहे समेत किसी भी सार्वजनिक जगह पर धार्मिक झंडे नहीं लगाए जा सकेंगे। यदि किसी को लगाना है तो उसे इसके लिए अनुमति लेनी होगी। साथ ही कहा गया है कि आदेश का उल्लंघन करने पर कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।

इस आदेश पर सवाल उठाते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा है, “मुझे लगता है कि राजस्थान सरकार जानबूझकर मंदिरों और धार्मिक त्योहारों के पीछे पड़ी है। इसके पीछे मकसद क्या है, वो किसको खुश करना चाहते हैं या किसके दबाब में ऐसा कर रहे हैं, यह पता नहीं है। लम्बे समय का कालखंड देखें तो राजस्थान में प्रेम, भाईचारा, सदभाव का वातावरण रहा है।”

उन्होंने कहा, “प्रदेश में सभी धर्म, मजहब के लोग अपना-अपना त्योहार धूमधाम से मनाते आए हैं। एक दूसरे को बधाई देते हैं, मदद करते हैं। लेकिन अब इन साढ़े चार सालों में पता नहीं क्या हुआ है। अब पताका नहीं लगा सकते। वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की धरती ने जिस पताका को लेकर मुगलों को परास्त किया, वहाँ अगर भगवा नहीं लगेगा तो क्या तालिबान में लगेगा?”

सीपी जोशी ने सीएम अशोक गहलोत पर हमला बोलते हुए आगे कहा है, “मुझे लगता है कि ये राजस्थान में तालिबानी राज बनाने की कोशिश कर रहे हैं। रामनवमी पर जुलूस नहीं निकलेगा। हनुमान जयंती पर डीजे नहीं बजा सकते। नववर्ष पर जुलूस नहीं निकाल सकते। भगवान श्रीराम का नारा नहीं लगा सकते। यह दुर्भाग्य है कि राजस्थान सरकार एक के बाद एक इस तरह के निर्णय कर रही है। सरकार इस तरह का निर्णय लेना बंद कर दे। वरना राजस्थान की जनता चुप बैठने वाली नहीं है।”

स्रोत: ऑप इंडिया

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