हिन्दू जनजागृति समिति के (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी की नेपाल यात्रा को उत्स्फूर्त प्रतिसाद !

सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजीजी की नेपाळ यात्रा को उत्स्फूर्त प्रतिसाद ! हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजीजी १८ मार्च से नेपाळ यात्रा पर हैं। उस समय उन्होंने विविध हिन्दूत्वनिष्ठ, राजनीतिक दलों के नेता, धर्माभिमानी, संपादक आदि मान्यवरों से भेंट कर उनके साथ धार्मिक बातों पर विचारविमर्श किया। प्रस्तुत कर रहें हैं इसीका वृत्तांत . . . Read more »

हिन्दुराष्ट्र लाने हेतु जात-पात भूलकर योद्धा बनो ! – श्री. नैमिष सेठ, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ

आज बहुसंख्य होते हुए भी भारत में हिन्दू समाजपर अन्याय हो रहा है । अपने अधिकारों के लिए उन्हे झगडना पड रहा है । हिन्दू अपना शौर्य और स्वाभिमान भूल जाने के कारण यह स्थिती है । इस स्थिती को बदलने के लिए हिन्दू समाज का शौर्य एवं स्वाभिमान जागृत करना पडेगा । Read more »

हिन्दु राष्ट्र स्थापना हेतु हिन्दुओं को संगठित रहने की आवश्यकता ! – गुरुप्रसाद गौडा, हिन्दु जनजागृति समिति

श्रीराम सेना के श्री. गंगाधर कुलकर्णी ने अपने मार्गदर्शन में यह प्रतिपादित किया कि, ‘हिन्दु धर्म को अनेक समस्याओं ने घेर रखा है । इन समस्याओं पर एकमात्र उपाय अर्थात् हिन्दु राष्ट्र की स्थापना ।’ हिन्दु अधिवेशन के समारोप समारोह के समय रामकृष्ण आश्रम की माता तेजोमयी उपस्थित थी । Read more »

हिन्दू अधिवेशन में प.पू. साध्वी सरस्वतीजी द्वारा दिए गए वक्तव्य के कारण क्रॉस के तोडफोड की घटनाएं ! – चर्च संस्था द्वारा नियुक्त (अ)सत्यशोधन समिति

चर्च संस्था द्वारा नियुक्त (अ)सत्यशोधन समिति के पूर्वाग्रहयुक्त ब्यौरे में सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समितिपर दोषारोप ! Read more »

‘भारत हिन्दू है’ और ‘हिन्दू भारत हैं’ ! – संत श्री हरिराम शास्त्री

भारत के विभाजन के उपरांत हमारा प्रदेश अल्प हुआ । आगे सत्ताधारी नेताआें ने केवल हिन्दुआें पर परिवार नियोजन, आरक्षण जैसी बातें लादीं । इस कारण हिन्दू और सभी संत अपना पद, दल, संगठन आदि भुलाकर केवल हिन्दू के रूप में संगठित हों । Read more »

धर्म के लिए कितनी भी बार कारागृह जाने को तैयार हूं ! – यति मां चेतनानंद सरस्वती

देश में ८० प्रतिशत बचे हिन्दू, लडना भूल गए हैं । इसीलिए हम स्वरक्षा के लिए प्रशिक्षण देते हैं । कानून सम्मत शस्त्र रख अपनी रक्षा करना, हम सभी का अधिकार है । अब केवल राधा-कृष्ण की कथा बांचने का नहीं, धर्म के लिए कृति करने का समय आ गया है । Read more »

हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए संत एकत्र हों ! – पू. बाबा फलाहारी महाराज

आज की शिक्षा प्रणाली से हम अपेक्षा नहीं कर सकते । केवल और केवल हिन्दू धर्म ही भारत को पुनर्वैभव प्रदान कर सकता है । संत ही हिन्दू धर्म के मुकुटमणी हैं । इसलिए सभी  संत संगठित हों और अपने पूर्वजों द्वारा की गई ‘कृण्वन्तो विश्‍वम् आर्यम् ।’ Read more »

हिन्दुआें का दमन रोकने के लिए हिन्दुआें की सांप्रदायिक एकता अपरिहार्य ! – पू. डॉ. चारुदत्त पिंगळे

किसी हिन्दू संत अथवा संगठन पर अन्याय होता है, उस समय ‘वह केवल उस एक व्यक्ति पर अथवा व्यक्ति समूह को प्रभावित करता है’, ऐसा नहीं है । ऐसी घटना संपूर्ण हिन्दुत्व के क्षेत्र को प्रभावित करती है । Read more »

आयुर्वेद उपचारों की उपेक्षा कर रोगियों को वंचित रखनेवाले बीमा प्रतिष्ठान समाजद्रोही ही हैं – डॉ. उदय धुरी

हिन्दू जनजागृति समिती के डॉ. उदय धुरी ने कहा कि, आयुर्वेद का महत्त्व जानकर अब पश्‍चिमी देश आयुर्वेदिक औषधियों का ‘पेटंट’ ले रहे हैं । Read more »

बांग्लादेश में हिन्दू राष्ट्र स्थापित किए बिना हम चुप नहीं बैठेंगे – श्री. सुभाष चक्रवर्ती, निखील बंग नागरी महासंघ

बांग्लादेश के अत्याचारित और पीडित हिन्दुआें को उनकी सुरक्षा के लिए बांग्लादेश में स्वतंत्र भूमि देने के लिए भारत शासन और हिन्दुत्वनिष्ठों को सहायता कर शासन पर दबाव बनाना चाहिए । Read more »

Notice : The source URLs cited in the news/article might be only valid on the date the news/article was published. Most of them may become invalid from a day to a few months later. When a URL fails to work, you may go to the top level of the sources website and search for the news/article.

Disclaimer : The news/article published are collected from various sources and responsibility of news/article lies solely on the source itself. Hindu Janajagruti Samiti (HJS) or its website is not in anyway connected nor it is responsible for the news/article content presented here. ​Opinions expressed in this article are the authors personal opinions. Information, facts or opinions shared by the Author do not reflect the views of HJS and HJS is not responsible or liable for the same. The Author is responsible for accuracy, completeness, suitability and validity of any information in this article. ​