दक्षिण भारत की समस्याआें की वर्तमान स्थिति

सप्तम अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन चतुर्थ दिवस द्वितीय सत्र

बाएं आेर से जी. राधाकृष्णन्, श्री. अर्जुन संपथ, त्रिदंडी स्वामी श्री चैतन्यदास भारती महाराज, टी. एन्. मुरारि, डॉ. विजय जंगम

तमिलनाडु में तमिलों और हिन्दुआें को अलग करने का षड्यंत्र ! – श्री. अर्जुन संपथ, संस्थापक अध्यक्ष, हिन्दू मक्कल कत्छी, तमिलनाडु

श्री. अर्जुन संपथ, संस्थापक अध्यक्ष, हिन्दू मक्कल कत्छी, तमिलनाडु

तमिलनाडु में वर्तमान स्थिति हिन्दू धर्म और हिन्दुआें के विरोध में है । आजकल वहां ईसाइयों का प्रभाव बढ रहा है और वह प्रभाव चर्चसहित विविध गांव, राजनीतिक दलों और नेताआें पर भी दिखाई देता है । इसलिए तमिलनाडु में आई राम रथयात्रा का वहां के कुछ दलों एवं उनके नेताआें ने विरोध किया । ऐसा होते हुए भी रथयात्रा सफल हुई । वर्तमान में तमिलनाडु ‘फैसिस्ट’ राज्य हो गया है । आजकल ‘तमिल और हिन्दू अलग हैं’, ऐसी भ्रांति फैलाने का षड्यंत्र चल रहा है ।

वीरशैव लिंगायतों को सनातन धर्म से तोडने का षड्यंत्र सहन नहीं करेंगे ! – डॉ. विजय जंगम, राष्ट्रीय प्रवक्ता, अखिल भारतीय वीरशैव लिंगायत महासंघ, मुंबई

डॉ. विजय जंगम, राष्ट्रीय प्रवक्ता, अखिल भारतीय वीरशैव लिंगायत महासंघ, मुंबई

वर्तमान में हिन्दू धर्म को तोडने का षड्यंत्र अंंतरराष्ट्रीय स्तर पर चल रहा है और इसके लिए देश के अनेक संगठनों को विदेश से धन मिल रहा है । वीरशैव लिंगायत, यह अलग धर्म नहीं है, सनातन हिन्दू धर्म का ही अविभाज्य घटक है । आज वीरशैव लिंगायत समाज को हिन्दू धर्म से अलग करने का षड्यंत्र चल रहा है । कर्नाटक के चुनावों के समय कांग्रेस ने ‘फूट डालो और राज्य करो’ की नीति अपनाते हुए मत प्राप्त करने के लिए, लिंगायत समाज को स्वतंत्र धर्म की मान्यता दी । ऐसा होते हुए भी हम लिंगायत समाज को अलग करने का षड्यंत्र सहन नहीं करेंगे । उसका तीव्र विरोध करेंगे । वीरशैव लिंगायत हिन्दू थे, हैं और आगे भी हिन्दू ही रहेंगे ! लिंगायतों को हिन्दू धर्म से तोडने का षड्यंत्र रोकने के लिए हिन्दू राष्ट्र आवश्यक है । भाजपा वर्ष 2019 के चुनावों के घोषणापत्र में विकास के स्थान पर ‘भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने का वचन’ दें । ऐसा आवाहन डॉ. विजय जंगम ने किया । वे ‘कर्नाटक के लिंगायतों को हिन्दू धर्म से भिन्न करने का षड्यंत्र रोकने की आवश्यकता’ इस विषय पर बोल रहे थे ।

हिन्दू राष्ट्र की स्थापना कन्याकुमारी से होगी ! – जी. राधाकृष्णन् , राज्य अध्यक्ष, शिवसेना, चेन्नई, तमिलनाडु

जी. राधाकृष्णन् , राज्य अध्यक्ष, शिवसेना, चेन्नई, तमिलनाडु

हिन्दू जनजागृति समिति के मार्गदर्शन के कारण तमिलनाडु के हिन्दू संगठनों में परिवार भावना निर्माण हो रही है । सनातन के मार्गदर्शन के कारण, मेरा पूरा परिवार साधना करने लगा है । साधना के कारण कार्य की गुणवत्ता बढती है और हिन्दू संगठित होते हैं, ऐसा प्रतिपादन श्री. राधाकृष्णन् ने किया । वे ‘राष्ट्र एवं धर्म रक्षा के लिए तमिलनाडु में किए प्रयास’ इस विषय पर बोल रहे थे ।

उन्होंने आगे कहा, ‘‘तमिलनाडु आध्यात्मिक राज्य है । वहां अनेक संत हैं । तमिलनाडु की जनता भाजपा को नहीं, हिन्दुत्व को मतदान करती है । ‘हिन्दवा सेवा संघ’, ‘विवेकानंद केंद्र’ के माध्यम से यहां हिन्दुत्व का कार्य किया जाता है । उनकी ओर से एक महाविद्यालय आरंभ किया गया है । ऐसा होते हुए भी तटवर्ती क्षेत्रों में ईसाइयों का राज है । कोयम्बटूर शहर में बाजे-गाजे के साथ शोभायात्रा निकालने पर प्रतिबंध लगाया है । राज्यकर्ता, लेखक, अभिनेता सर्व अहिन्दू सक्रिय हो गए हैं । माथे पर तिलक लगाने पर भी प्रतिबंध है । हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन हिन्दूविरोधी गतिविधियां करनेवालों के विरोध में पुलिस में शिकायत प्रविष्ट कर रहे हैं, यह एक अच्छी बात है । हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों ने कन्याकुमारी में होनेवाला हिन्दुआें का धर्मपरिवर्तन रोका है ।’’

धर्मकार्य करते समय आनेवाली बाधाएं दूर करनेके लिए साधना बढाना अत्यावश्यक ! – त्रिदंडी स्वामी श्री चैतन्यदास भारती महाराज, प्रबंधकीय न्यासी, भारत क्षेत्रभूमि संरक्षण वेदी, मल्लपुरम, केरल.

त्रिदंडी स्वामी श्री चैतन्यदास भारती महाराज, प्रबंधकीय न्यासी, भारत क्षेत्रभूमि संरक्षण वेदी, मल्लपुरम, केरल

मल्लपुरम जिला धर्मांधबहुसंख्यक है । इस परिसर में अत्यल्प मंदिर हैं । इसलिए इस परिसर में देवी का मंदिर निर्माण करना निश्‍चित किया गया । मंदिर के निर्माण का धर्मांधों द्वारा भारी मात्रा में विरोध किया गया । वे बने हुए मंदिर तोडने तक उतारू हो गए । येे मंदिर बचाने के लिए सूचना अधिकार का उपयोग कर जिलाधिकारियों को पूछा गया । जिलाधिकारियों से योग्य उत्तर नहीं आया । इस मंदिर में भजन लगाए जाते थे, उसका भी धर्मांधों को कष्ट हुआ । ये भजन बंद करने के लिए धर्मांधों ने एक प्रशासकीय अधिकारी की सहायता लेकर भजन रोकने का आदेश प्राप्त कर लिया । इस आदेश के विरोध में मैं उच्च न्यायालय में गया । वहां हमारी ओर से न्याय हुआ । इस प्रकरण में वरिष्ठ अधिकारियों की हमें सहायता नहीं मिली । ऐसे अनेक प्रसंग हैं । ऐसे प्रसंगों का सामना करने के लिए हमें साधना बढानी चाहिए । इससे आनेवाली अडचनें दूर होंगी । मैं स्वयं लोगों को एकत्र करता हूं । उन्हें साधना का महत्त्व बताता हूं । हिन्दू राष्ट्र का महत्त्व बताता हूं, ऐसा मनोगत त्रिदंडी स्वामी ने ‘केरल में हिन्दू धर्मविरोधी षड्यंत्र’ इस विषय पर व्यक्त किया ।

तेलंगाना सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों को (मुसलमानों को) भारी मात्रा में सहायता ! – टी. एन्. मुरारि, राज्य प्रमुख, शिवसेना, भाग्यनगर (हैद्राबाद), तेलंगाना

टी. एन्. मुरारि, राज्य प्रमुख, शिवसेना, भाग्यनगर (हैद्राबाद), तेलंगाना

आंध्रप्रेदश में चंद्रबाबू नायडू का शासन और तेलंगाना का शासन अल्पसंख्यकों (मुसलमान) की चापलूसी करता है । आंध्रप्रदेश शासन ने मार्ग चौडा करने के नाम पर १०० से भी अधिक मंदिर गिरा दिए; परंतु एक भी मस्जिद और चर्च नहीं तोडा गया । इस संदर्भ में हमारे आंदोलन करने पर हमें आश्‍वासन दिया गया कि तोडे गए मंदिर के समीप ही मंदिर बना देंगे । ४ वर्षों के उपरांत भी इनमें से एक भी मंदिर नहीं बनाया गया है । तेलंगाना राज्य में मुसलमानों को रमजान के लिए भारी मात्रा में भेटवस्तुएं दी जाती हैं । जबकि हिन्दुआें के त्योहारों पर कुछ भी नहीं दिया जाता । इस संदर्भ में शिवसेना ने आंदोलन किया । इससे हिन्दुआें को कुछ तो सुविधा देने के लिए वे बाध्य हो गए, ऐसा मनोगत टी.एन्. मुरारी ने व्यक्त किया । वे ‘तेलंगाना शासन की हिन्दूविरोधी नीतियां’ इस विषय पर बोल रहे थे ।

Leave a Comment

Notice : The source URLs cited in the news/article might be only valid on the date the news/article was published. Most of them may become invalid from a day to a few months later. When a URL fails to work, you may go to the top level of the sources website and search for the news/article.

Disclaimer : The news/article published are collected from various sources and responsibility of news/article lies solely on the source itself. Hindu Janajagruti Samiti (HJS) or its website is not in anyway connected nor it is responsible for the news/article content presented here. ​Opinions expressed in this article are the authors personal opinions. Information, facts or opinions shared by the Author do not reflect the views of HJS and HJS is not responsible or liable for the same. The Author is responsible for accuracy, completeness, suitability and validity of any information in this article. ​