१४ सितंबर से शुरू हो रहा है पितृपक्ष . . .
आश्विन कृष्ण प्रतिपदा से लेकर अमावस्या पंद्रह दिन पितृपक्ष के नाम से विख्यात है। इन पंद्रह दिनों में लोग अपने पूर्वजों को जल देते हैं तथा उनकी मृत्युतिथि पर श्राद्ध करते हैं। Read more »
आश्विन कृष्ण प्रतिपदा से लेकर अमावस्या पंद्रह दिन पितृपक्ष के नाम से विख्यात है। इन पंद्रह दिनों में लोग अपने पूर्वजों को जल देते हैं तथा उनकी मृत्युतिथि पर श्राद्ध करते हैं। Read more »
अफ्रीकी देश घाना में गणपति बप्पा की पूजा यहां अफ्रीकी हिन्दू करते हैं। यहां हर साल भगवान गणेश की पूजा धूमधाम से की जाती है और भारतीय हिन्दू की तरह ये भी गणेश मूर्ति का विसर्जन करते हैं। Read more »
हिना खान ने गणपति बप्पा के आगे बडे श्रद्धा भाव से माथा टेकते हुए बप्पा का आशीर्वाद लिया। हिना ने भगवान गणेश के भोग के लिए मोदक और नारियल भी चढाया। Read more »
भगवान कृष्ण का नाम राधा नाम के बिना अधूरा माना जाता है। तभी तो लोग राधे कृष्ण राधे कृष्ण कहकर जयकारे लगाते हैं। कृष्ण जन्माष्टमी के करीब १५ दिन बाद राधा जन्माष्टमी मनाई जाती है। जो इस साल ६ सितंबर को है। Read more »
चेन्नाकेशव मंदिर ! १४३३ ईसवी में ईरान के यात्री अब्दुल रज़ाक ने इस मंदिर के बारे में लिखा था कि; वह इसके शिल्प के वर्णन करते हुए डरता था कि, कहीं उसके प्रशंसात्मक कथन को लोग अतिशयोक्ति न समझ लें ! Read more »
सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्र एवं धर्मप्रसार के कार्य में पत्रकारिता के क्षेत्र से सदैव सहयोग देनेवाले यहां के संपादक, पत्रकार एवं संवादाताओं को राखी बांधकर उनके साथ बंधुत्व के संबंध और अधिक सशक्त किए गए ! Read more »
‘अधर्म एवं मूलं सर्व रोगाणाम्’ ऐसा शास्त्रवचन है ! अर्थात सभी रोग एवं समस्याओं का मूल कारण अधर्म ही है ! आज हम पाश्चात्त्य संस्कृति के प्रभाव में आकर हमारी संस्कृति के आचार-विचार भूल गए हैं, और उससे हम शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक दृूष्टि से दुर्बल बन गए हैं ! Read more »
पाकिस्तान सरकार ने गुरुद्वारा बाबे की बेर के बाद स्यालकोट स्थित १००० साल पुराने शिवाला तेजा सिंह मंदिर को खोल दिया है ! इसके साथ ही पाक ने यह भी ऐलान किया है कि, गुरुद्वारा साहिब और शिवाला को स्थाई रूप से खुला रखा जाएगा और शिवाला के संरक्षण का काम भी होगा ! Read more »
पूरे देश में कल्पवृक्ष सिर्फ ७ स्थानों पर ही लगा है और आठवां स्थान है मुरादाबाद का महाकालेश्वर मंदिर ! कहतें है कि, भगवान श्री कृष्ण ने इसे स्वर्ग से लाकर पृथ्वी पर स्थापित किया था ! Read more »
इन प्रतिमाओं को लेकर दावा किया जा रहा है कि ये १६वीं और १७वीं शताब्दी की हैं ! सावन के महीने में लोग इसे भगवान शिव का चमत्कार मान रहे हैं ! Read more »
Notice : The source URLs cited in the news/article might be only valid on the date the news/article was published. Most of them may become invalid from a day to a few months later. When a URL fails to work, you may go to the top level of the sources website and search for the news/article.
Disclaimer : The news/article published are collected from various sources and responsibility of news/article lies solely on the source itself. Hindu Janajagruti Samiti (HJS) or its website is not in anyway connected nor it is responsible for the news/article content presented here. Opinions expressed in this article are the authors personal opinions. Information, facts or opinions shared by the Author do not reflect the views of HJS and HJS is not responsible or liable for the same. The Author is responsible for accuracy, completeness, suitability and validity of any information in this article.