सप्तम् अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन को साक्षी मानकर उद्योगपति एवं आधुनिक वैद्य इनके संगठन हेतु नई संस्थाओं का शुभारंभ !

संकट में फंसे हिन्दुओं की सहायता करने के लिए ‘आरोग्य सहायता समिति’ इस संगठन की स्थापना और हिन्दुत्वनिष्ठों को धर्मकार्य में सहायता करने के लिए ‘उद्योगपति परिषद’ की स्थापना ! Read more »

‘लव जिहाद’ की घटना में सहभागी धर्मांधों को दंडित करने में सफलता ! – अधिवक्ता श्री. जगदीश हाके, महाराष्ट्र

नांदेड में लव जिहाद के चंगुल में फंसी हिन्दू युवती पर एक धर्माध उसका पिता एवं भाई ने अत्याचार किये ! घर लौटने पर उसने इन तीनों धर्मांधों के विरोध में परिवाद प्रविष्ट किया । Read more »

न्यायालय से न्याय मिलता है या निर्णय ? – अधिवक्ता नीलेश सांगोलकर, हिन्दू विधिज्ञ परिषद

आज न्याय नहीं, न्यायालय से केवल निर्णय मिलता है, यही अनुभव होता है, ऐसा प्रतिपादन हिन्दू विधिज्ञ परिषद के सदस्य अधिवक्ता नीलेश सांगोलकर ने किया । Read more »

अभिव्यक्ति स्वतंत्रता के नाम पर राष्ट्रविरोधी वक्तव्य करने के विरोध में कानून चाहिए – अॅड. पंडित शेष नारायण पांडे, उत्तरप्रदेश

अभिव्यक्ति स्वतंत्रता के नाम पर आज देशविरोधी वक्तव्य किए जा रहे हैं । इसके विरोध में कानून बनाने की आवश्यकता है, ऐसा प्रतिपादन गोरखपुर, उत्तरप्रदेश के अधिवक्ता पंडित शेष नारायण पांडेजी ने किया । Read more »

सफल-असफलता का विचार न कर न्यायालयों में धर्मरक्षणार्थ याचिका प्रविष्ट करते रहना आवश्यक ! – अधिवक्ता श्री. विष्णु शंकर जैन

‘हिन्दू फ्रंट फॉर जस्टिस’ के प्रवक्ता तथा सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता श्री. विष्णु शंकर जैन ने हिन्दू धर्मरक्षणार्थ न्यायालयों में प्रविष्ट याचिकाओं की जानकारी दी। इस समय उन्होंने कहा कि, याचिका प्रविष्ट करते समय ‘उसमें सफलता मिलेगी अथवा नहीं ?’, इसका विचार न कर धर्मरक्षा के लिए याचिका प्रविष्ट करना आवश्यक है ! Read more »

१४ से १८ आयुवर्ग की लडकियां अब लव जिहादियों का लक्ष्य – अॅड. भरत तोमर, भोपाल, मध्य प्रदेश

धर्मांध पहले २० से २२ वर्ष के आयुवर्ग की हिन्दू युवतियों को अपने जाल में फंसाते थे। उसके पश्‍चात उन्होंने १८ से २०, १६ से १८ अब उन्होंने १४ से १८ वर्ष आयुवर्ग की हिन्दू लडकियों को अपने जाल में फंसाना आरंभ कर दिया है ! Read more »

व्यवस्था को व्यवस्था के अनुसार ही चलने देने के लिए बाध्य करना, अधिवक्ताओं का कर्तव्य है ! – अधिवक्ता श्री. कमलेशचंद्र त्रिपाठी, वाराणसी

व्यक्तिगत हित की अपेक्षा सार्वजनिक हित अधिक महत्त्वपूर्ण है ! वाराणसी में कलम १४४ लागू होने के पश्चात भी कुछ धर्मांध संगठनों ने आंदोलन किए । Read more »

गोवंशहत्या, मुसलमानों का अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र ! – अधिवक्ता श्री. रणजीत नायर, अधिवक्ता परिषद, नांदेड

गोवंशहत्या कर भारतीयों को यांत्रिक पद्धति से खेती करने के लिए बाध्य कर, उन यंत्रों के लिए लगनेवाला इंधन अरब राष्ट्रों से मंगवाना पडता है। इससे उस माध्यम से एकप्रकार से अरब राष्ट्रों को निधि दी जानेवाली है ! इससे यह ‘भारत की कमर तोडने का अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र ही है’, ऐसा स्पष्ट होता है ! Read more »

हिन्दू विधिज्ञ परिषद से मार्गदर्शन के कारण लव जिहाद और दंगे, इन प्रकरणों में मिली सफलता ! – अधिवक्ता श्री. निरंजन चौधरी, हिन्दू विधिज्ञ परिषद, सदस्य

जलगांव में एक ही परिवार के दो धर्मांध पुलिसकर्मियों ने एक हिन्दू युवती को बहला फुसला कर ‘लव जिहाद’ के जाल में फांस लिया था ! उनके विरोध में पुलिस शिकायत नहीं लिख रही थी । हिन्दू विधिज्ञ परिषद के सुझाव के अनुरूप प्रयास किये और सफलता मिली ! Read more »

‘लव जिहाद को बढावा देनेवाले स्पेशल मैरेज एक्ट के विरोध में जागृति करने की आवश्यकता ! – अधिवक्ता श्री. मोती सिंह राजपुरोहित, जोधपुर

भारत के नागरिकों के विवाह के लिए पहले केवल ‘इंडियन मैरेज एक्ट’ था । तदुपरांत अंतरधर्मीय विवाह करने के लिए ‘स्पेशल मैरेज एक्ट’ तैयार किया गया । Read more »

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