‘दी कश्मीर फाइल्स’समान ‘गोवा फाइल्स’ संदर्भ में चर्चा होगी – श्री. रमेश शिंदे, राष्ट्रीय प्रवक्ता, हिन्दू जनजागृति समिति

16 जून से गोवा में ‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव!’

बाएं से सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. चेतन राजहंस, सद्गुरु नीलेश सिंगबाल, हिन्दू जनजागृति समिति के प्रचारक, हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे और हिंदू वकील परिषद के गोवा राज्य सचिव एडवोकेट नागेश जोशी

पणजी, (गोवा) – कश्मीर में हिन्दुओं पर हुए अगणित अत्याचार को ‘दी कश्मीर फाइल्स’ इस फिल्म ने विश्वभर में उजागर किया । तदुपरांत ‘दी केरला स्टोरी’ फिल्म ने ‘लव जिहाद’के माध्यम से हिन्दू लडकियों को धर्मांतरित कर उन्हें जिहादी आतंकवाद के लिए उपयोग में लाने का षड्यंत्र सार्वजनिक किया । गोवा में भी पुर्तगालियों ने ‘इन्क्विजीशन’के नाम पर जनता पर जो अमानवीय अत्याचार किए, उन्हें भी देश के कोने-कोने तक पहुंचाना आवश्यक है । गोवा के वास्तविक इतिहास से अवगत होना, यह जनता का मूलभूत अधिकार है । ईसाई धर्मगुरु पोप विश्वभर में अनेक स्थानों पर जाकर ईसाइयों द्वारा किए गए अमानवीय अत्याचारों के लिए सार्वजनिकरूप से क्षमायाचना करते हैं । फिर गोवा की जनता से उन्होंने अबतक क्षमा क्यों नहीं मांगी ? गोवा का वह काला इतिहास अधिक समय तक जनता से छिपाकर नहीं रखा जा सकता । ‘कश्मीर फाइल्स’समान ‘गोवा फाइल्स’ पर भी चर्चा हो, इसके साथ ही हिन्दू राष्ट्र स्थापना के आंदोलन में वेग आए, इसलिए प्रतिवर्ष समान इस वर्ष भी 16 से 22 जून 2023 तक, ‘श्री रामनाथ देवस्थान’, फोंडा, गोवा में एकादश ‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ अर्थात ‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ आयोजित किया गया है, ऐसी जानकारी हिन्दू जनजागृती समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे ने पत्रकार परिषद में दी । ‘होटल डेलमन’ में आयोजित इस पत्रकार परिषद में हिन्दू जनजागृति समिति के धर्मप्रचारक सद्गुरु नीलेश सिंगबाळ, सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. चेतन राजहंस एवं हिन्दू विधिज्ञ परिषद के गोवा राज्य सचिव अधिवक्ता नागेश जोशी भी उपस्थित थे ।

इस अवसर पर श्री. रमेश शिंदे आगे बोले, ‘गोवा में गत 11 वर्षाें से होनेवाले ‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’के कारण हिन्दू राष्ट्र की चर्चा अब केवल भारत में ही नहीं, अपितु वैश्विक स्तर पर होनी प्रारंभ हो गई है । हिन्दू राष्ट्र की मांग करनेवाले आज अनेक व्यासपीठ निर्माण हो गए हैं । वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव की व्यासपीठ, यह एकप्रकार से ‘डिस्मेंटलिंग ग्लोबल हिन्दुत्व’ जैसी परिषदों का वैश्विक स्तर पर प्रत्युत्तर है । वर्तमान में देश की परिस्थिति अत्यंत विकट हो गई है । देश में जिहादी आतंकवादियों को बडी संख्या में बंदी बनाया जा रहा है । हिन्दू कार्यकर्ताओं की हत्या की जा रही है । मणिपुर, नागालैंड जैसे राज्यों में हिन्दुओं के घर भस्मसात हो रहे हैं । कश्मीर से धारा 370 हटा ली गई, तब भी वहां हिन्दू सुरक्षित नहीं हैं । पंजाब में खलिस्तानवादी पुलिस-प्रशासन को चुनौती दे रहे हैं । देशभर में साक्षी, अनुराधा, श्रद्धा वालकर जैसी असंख्य हिन्दू लडकियों की ‘लव जिहादियों’द्वारा नृशंस हत्या हो रही है । भारत को वर्ष 2047 तक इस्लामी राष्ट्र बनाने का नियोजनबद्ध षड्यंत्र, प्रतिबंधित ‘पी.एफ.आइ.’ संगठन के कागदपत्रों से उजागर हुआ है । ऐसी स्थिति में हिन्दू धर्म ही एकमात्र ऐसा धर्म है जो देश को एकत्र ला सकता है, वही विश्वबंधुत्व की एवं ‘वसुधैव कुटुंबकम’की संकल्पना प्रस्तुत कर सकता है । इसलिए यदि भारत के पुन: टुकडे नहीं होने देना है, तो भारत को आदर्श रामराज्य अर्थात हिन्दू राष्ट्र बनाने के अतिरिक्त पर्याय नहीं ।

‘सनातन संस्था’के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. चेतन राजहंस बोले, गत वर्ष हिन्दू अधिवेशन में निर्धारित ‘मंदिर संस्कृति रक्षण’की नीतियों अनुसार 12 नवंबर 2022 में म्हापसा (गोवा) में तथा 4 और 5 फरवरी 2023 में जलगांव (महाराष्ट्र) में ‘राज्यस्तरीय मंदिर परिषदों’का आयोजन किया गया है । महाराष्ट्र में मंदिर विश्वस्तों द्वारा स्थापित की हुई ‘महाराष्ट्र मंदिर महासंघ’की ओर से महाराष्ट्रभर के मंदिरों में वस्त्रसंहिता लागू करने का उपक्रम शुरू है । अब तक 131 से भी अधिक मंदिरों में वस्त्रसंहिता लागू की गई है और देशभर में उसका भारी मात्रा में अनुकरण हो रहा है । उत्तराखंड राज्य में भी तीन मंदिरों ने इसका अनुकरण किया है । महाराष्ट्र समान ही गोवा, कर्नाटक, छत्तीसगढ, देहली आदि राज्यों में भी इसीप्रकार राज्यस्तरीय मंदिर परिषदों का भविष्य में आयोजन किया जाएगा ।

इस अवसर पर हिन्दू जनजागृति समिति के धर्मप्रचारक सद्गुरु नीलेश सिंगबाळ ने कहा कि इस ‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’को अमेरिका, इंग्लैंड, बेल्जियम, जर्मनी, सिंगापुर, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, बांग्लादेश एवं नेपाल, इन देशों सहित भारत के 28 राज्यों में 350 से अधिक हिन्दू संगठनों को 1500 से भी अधिक प्रतिनिधियों को निमंत्रित किया गया है । इस अधिवेशन के लिए वीर सावरकर के नाती श्री. रणजित सावरकर, काशी-ज्ञानवापी मुक्ति के लिए कानूनी लडाई लडनेवाले अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, तेलंगाना के हिन्दुत्वनिष्ठ विधायक टी. राजासिंह, ‘हिन्दू इकोसिस्टम’के संस्थापक श्री. कपिल मिश्रा, ‘विश्व हिन्दू परिषद’ के संपर्कप्रमुख धर्माचार्य ह.भ.प. जनार्दन महाराज मेटे, ‘भारत माता की जय’ संगठन के श्री. सुभाष वेलिंगकर के साथ ही अनेक उद्योगपति, विचारक, लेखक, मंदिर विश्वस्त, साथ ही अनेक समविचारी सामाजिक, राष्ट्रीय एवं आध्यात्मिक संगठनों के प्रतिनिधि भी उपस्थित होंगे ।

इस अधिवेशन में राष्ट्रीय स्तर पर, इसके साथ ही राज्य एवं जिला स्तर पर हिन्दू संगठनों के एकत्रीकरण से ‘हिन्दू राष्ट्र समन्वय समिति’ स्थापित करने के लिए प्रत्यक्ष नियोजन किया जाएगा । समान कृति कार्यक्रम के अंतर्गत ‘लव जिहाद’, ‘हलाल सर्टीफिकेशन’, ‘मंदिरों की मुक्ति’, ‘घरवापसी’ आदि विषयों पर चर्चा की जाएगी । इस अधिवेशन में विविध परिसंवादों का आयोजन किया गया है । उसमें मंदिरों का सुप्रबंधन, ‘अभिव्यक्ति – स्वतंत्रता या दायित्व ?’ आदि विषयों पर परिसंवाद होगा ।

इस अधिवेशन में प्रमुखरूप से काशी की ज्ञानवापी मस्जिद के विरोध में न्यायालयीन लडाई लडनेवाले अधिवक्ता (पू.) हरिशंकर जैन एवं उनके सुपुत्र ‘हिन्दू फ्रंट फॉर जस्टिस’ के राष्ट्रीय प्रवक्ता अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, तेलंगाना के हिन्दुत्वनिष्ठ विधायक टी. राजासिंह, भूतपूर्व विधायक एवं ‘हिन्दू इकोसिस्टिम’के संस्थापक कपिल मिश्रा ‘स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक’ के कार्याध्यक्ष श्री. रणजित सावरकर, ‘भारत माता की जय’ संगठन के श्री. सुभाष वेलिंगकर सहित अनेक उद्योजक, विचारक, लेखक, मंदिर विश्वस्त, इसके साथ ही अनेक समविचारी सामाजिक, राष्ट्रीय एवं आध्यात्मिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहनेवाले हैं ।

इस अधिवेशन में अमरावती के कौंडण्यपुर के ‘विदर्भ रुक्मिणी पीठ’ के अनंत विभूषित श्री जगद्गुरु रामानंदचार्य श्री स्वामी रामराजेश्वराचार्यजी सरकारजी, ‘विश्व हिन्दू परिषद’ के देवगिरी प्रांत के संपर्कप्रमुख धर्माचार्य ह.भ.प. जनार्दन महाराज मेटे, ‘‘इंटरनैशनल वेदांत सोसाइटी’ के स्वामी निर्गुणानंदगिरी महाराज, छत्तीसगढ के ‘‘श्री जामडी पाटेश्वरधाम सेवा संस्थान’ के संचालक श्रीरामबालकदास महात्यागी महाराज, त्रिपुरा के ‘शांति काली आश्रम’ के स्वामी चित्तरंजन महाराज आदि संतों की वंदनीय उपस्थिति भी इस अधिवेशन में होगी । इस अधिवेशन का सीधा प्रक्षेपण हिन्दू जनजागृति समिति के जालस्थल HinduJagruti.org द्वारा, इसके साथ ही समिति के ‘HinduJagruti’ इस ‘यू-ट्यूब’ चैनल एवं facebook.com/hjshindi1 इस फेसबुक द्वारा भी किया जानेवाला है । जगभर के हिन्दुत्वनिष्ठ इस ‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’का लाभ लें, ऐसा आवाहन हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से किया गया ।

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