श्री सम्मेद शिखर तीर्थ स्थल ही रहेगा, ‍विरोध के बाद केंद्र सरकार ने पर्यटन स्थल का दर्जा वापस लिया

झारखंड के पारसनाथ में स्थित जैन समुदाय का पवित्र तीर्थ स्थल सम्मेद शिखर पर केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला किया है। केंद्र के मुताबिक, यह अब पर्यटन क्षेत्र नहीं होगा। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना में सभी पर्यटन और इको टूरिज्म गतिविधि पर पर रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने ट्विटर के जरिए इसकी जानकारी दी है।

केंद्र सरकार ने गुरुवार को तीन साल पहले जारी किए गए अपने आदेश को वापस ले लिया है। भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय की तरफ से आज पांच जनवरी को जारी दो पेज की चिट्ठी के दूसरे पेज पर लिखा गया है, ”इको सेंसेटिव जोन अधिसूचना के खंड-3 के प्रावधानों के कार्यान्वयन पर तत्काल रोक लगाई जाती है, जिसमें अन्य सभी पर्यटन और इको-टूरिज्म गतिविधियां शामिल हैं। राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए तत्काल सभी आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया जाता है।”

केंद्र सरकार ने निगरानी समिति बनाई। राज्य सरकार से कहा गया है कि वह इस समिति में शामिल होने के लिए जैन समुदाय से दो सदस्यों और स्थानीय जनजातीय समूह से एक सदस्य को स्थायी सदस्य के रूप में आमंत्रित करे।


2 जन‍वरी

‘सम्मेद शिखर तीर्थ’ को पर्यटन केंद्र न बनाने की मांग को लेकर देशभर में जैन समाज द्‍वारा विशाल विरोध प्रदर्शन

राष्ट्रपति को सौंपा ज्ञापन

1 जन‍वरी को देशभर में लाखों की संख्या में जैन समाज के लोग सडक पर उतर गए हैं। हाथों में प्लाकार्ड हैं और नारो के साथ विशाल मार्च निकाला गया। जैन मुनियों का नाम के जयकारे भी लगी । दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद और हर छोटे-बड़े शहर में ऐसी ही तस्वीर दिख रही है। जैन समाज ”श्री सम्मेद शिखर तीर्थ” को टूरिस्ट प्लेस बनाने और शत्रुंजय पर्वत पर भगवन आदिनाथ की चरण पादुकाओं को खंडित करने वालों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा है। उनकी मांग है कि सम्मेद शिखर को पर्यटन केंद्र ना बनाया जाए। साथ ही आदिनाथ की चरण पादुकाओं को खंडित करने वालों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाए। शत्रुंजय पर्वत पालीताणा में है और सम्मेद शिखर के बाद जैन समाज का सबसे बड़ा तीर्थ स्थान है। अपनी मांगों को लेकर जैन समाज के प्रतिनिधियों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलने पहुंचा है

दिल्ली में जैन समाज के लोगों ने बड़ी संख्या में रैली निकली है। हज़ारों की भीड़ इंडिया गेट पर पहुंच गई है। उनके हाथों में झंडे और पोस्टर बैनर हैं। महारैली को रोकने के लिए पुलिस को बैरिकेड लगाने पड़े हैं। लेकिन फिर भी लोग बैरिकेड पर चढ़ कर विरोध कर रहे हैं। वहीं मुंबई में भी कुछ ऐसी ही तस्वीर देखने को मिली है। वहां सड़क पर जनसैलाब उमड़ पड़ा। अपने तीर्थस्थल को पर्यटन स्थल बनाने के ख़िलाफ़ हज़ारों की भीड़ रोड पर आ गई है। ऐसा लगता है जैसे मुंबई में रहने वाले हर जैन परिवार से कोई ना कोई सदस्य इस महारैली में शामिल होने निकल पड़ा है। इसके अलावा पहली बार अहमदाबाद की सड़क पर एक लाख लोग जैन समाज के लोगों ने अपना शक्ति-प्रदर्शन किया। एक लाख लोगों ने दस किलोमीटर तक मार्च निकाला। हाथों में तख्तियां थीं, जिन पर लिखा था कि जैन समाज कम है कमजोर नहीं है।

महाराष्ट्र के कई शहरों में जैन समाज ने निकाली रैली 

महाराष्ट्र के पुणे, मुंबई, सांगली, सोलापुर, जलगांव नाशिक में प्रमुख तौर पर रैली की तस्वीर सामने आई। मुंबई के कांदिवली, मीरा रोड, भयंद , बोरीवली, घाटकोपर, अगस्त क्रांति मैदान, चेंबूर, डोंबिवली, ठाणे में जैन समाज की विशाल रैली नजर आई। जहां जैन समाज के लोगों के हाथो में धार्मिक झंडा और पोस्टर दिखाई दिया। इसके साथ ही मांग न माने जाने की सूरत में जैन समाज के द्वारा आने वाले दिनों में बड़े आंदोलन की चेतावनी दी गई है।

अपने विरोध प्रदर्शन के दौरान जैन समाज के लोगों ने महाराष्ट्र के अलग-अलग इलाकों में विरोध मार्च किया, दुकानें बंद रखीं और इसे पवित्र स्थल ही बनाए रखने की मांग की। जैन समाज के लोगों ने तर्क दिया कि इसे पर्यटन स्थल बनाए जाने से इसकी पवित्रता नष्ट हो जाएगी। इस मार्च में 50 हजार से भी ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया। इस प्रोटेस्ट में मंगल प्रभात लोढ़ा, मनोज कोटक संत कई बीजेपी नेताओं ने हिस्सा लिया। वहीं इससे पहले मंगल प्रभात लोढ़ा ने यह मसला सदन में भी उठाया था। वहीं अब 4 जनवरी को मुम्बई में एक ही बड़ा मोर्चा निकालने का फैसला किया गया है।

स्रोत: इंडिया टीवी


 

22 दिसंबर

जैन समाज का सबसे बडा प्रदर्शन, सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल नहीं बनाने की मांग

जैन तीर्थ श्रीसम्मेद शिखरजी को पर्यटन क्षेत्र घोषित करने को लेकर जैन समाज में जबरदस्त आक्रोश है। जगह-जगह जैन समाज के लोग विरोध प्रदर्शन कर अपना विरोध दर्ज करा रहे है। इसी बीच खबर है कि झारखण्ड की हेमंत सोरेन सरकार जैन समाज की मांग के आगे झुक गई और अपना फैसला वापस लेने की तैयारी में है। सरकार सम्मेद शिखर को पर्यटन क्षेत्र घोषित करने के फैसले को वापस लेने को तैयार हो गई है। राजस्थान के  20 से भी ज्यादा शहरों में बुधवार को जैन समाज की ओर से सड़क पर उतर कर विरोध जताया।

प्रतापगढ़ में विरोध

प्रतापगढ़ शहर में भी सर्व समाज ने इस बंद के निर्णय पर अपना समर्थन दिया हैं।   सुबह से ही सर्व समाज के लोग अपने वाहनों से रैली के रूप में शहर में घूम कर दुकानदारों से दुकान बंद रखने की अपील की। किला परिसर से रैली निकाल कर स्थानीय गांधी चौराहे पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और झारखंड सरकार के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। इसी बंद के आह्वान के बाद जिले की कृषि उपज मंडियां भी आज बंद रही।

टोंक में भी बंद को समर्थन 

निवाई सकल जैन समाज के द्वारा भी बंद का पूर्णतया समर्थन किया गया है। जैन समाज के राष्ट्रीय आह्वान पर जैन समाज के लोगों द्वारा अपनी प्रतिष्ठाने और व्यापार बंद रखा गया है। जैन समाज ने बंद का पूर्ण रूप से समर्थन किया है। बंद का समर्थन करके सरकार को यह फैसला वापस लेने के लिए संदेश दिया गया है। इसी को लेकर आज बड़ा बाजार, गणगौरी बाजार, चोहटी बाजार, और संपूर्ण कृषि मंडी के व्यापार को बंद करके फैसले का विरोध किया गया है।

कोटा में हाथों में तख्तियां लेकर प्रदर्शन

झारखंड में स्थित जैन तीर्थों में से एक पवित्र तीर्थ सम्मेद शिखर जी को वन्य जीव अभ्यारण और पर्यटक स्थल घोषित करने के नोटिफिकेशन के बाद देश भर में जैन समाज ने विरोध प्रदर्शन किया। रामगंजमंडी सकल के जैन समाज सड़को पर उतर गया। शहर भर से जैन समाज के 3 वर्णों ने सामूहिक आक्रोश रैली निकाली। जिसमें जैन समाज के दिगम्बर,श्वेतांबर और बघेरवाल समाज के महिलाए,पुरुष,युवक-युवतियां और बच्चो ने हाथों में तख्तियां लेकर सम्मेद शिखर को पर्यटक स्थल बनाने का विरोध किया।

जोधपुर-चित्तौड़गढ़ में भी विरोध

चित्तौड़गढ़ के निम्बाहेड़ा उपखण्ड क्षेत्र के लसड़ावन जैन समाज के समाज जनों ने जैन समाज के मुख्य तीर्थ सम्मेद शिखर जी को झारखंड सरकार द्वारा पर्यटन स्थल घोषित करने का विरोध करते हुए इस तीर्थ स्थल को पवित्र स्थल घोषित करने की मांग को लेकर अपने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे। जोधपुर के शेरगढ़ विधानसभा में भी जैन समाज के लोगो ने प्रदर्शन कर प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर इसे पर्यटन स्थल बनाने का विरोध किया। जैन समाज का कहना है कि यह एक धार्मिक स्थल है और सरकार इसे धार्मिक स्थल ही रहने दे। समाज ने सरकार से पर्यटन स्थल बनाने के आदेश को निरस्त कर जैन समाज की भावना को समझने का आग्रह किया।

 20 से भी ज्यादा शहरों में प्रदर्शन

मारवाड़ जंक्शन, बड़ीसादड़ी, झालावाड़, सवाई माधोपुर, बाड़मेर, कपासन, सांवलियाजी, लाडपुरा, निम्बाहेड़ा, प्रतापगढ़ समेत प्रदेश के 20 से भी ज्यादा शहरों में सरकार के इस फैसले का विरोध किया गया। आसींद में आज सकल जैन समाज के लोगो ने झारखंड सरकार ने जैन समाज के सबसे बड़े तीर्थ स्थल सम्मेद शिखर को पर्यटक स्थल घोषित किया जिसे लेकर जैन समाज में जबरदस्त आक्रोश है। जिसके चलते आज आसींद में सकल जैन समाज ने रैली निकालकर प्रदर्शन किया। इस दौरान लोगों ने झारखंड सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर निर्णय को वापस लेने की मांग की।

संदर्भ : ज़ी न्यूज़ 

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