बांग्लादेश : दुर्गा पंडालों पर हमला, प्रतिमाओं से तोडफोड, हत्या-छेड़खानी की अनेक घटनाएं

दुर्गा पूजा हिंदुओं का पवित्र त्योहार है। नवरात्रि पर माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। लेकिन, यह जीवंत त्योहार बांग्लादेश के हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय के लिए हिंसा और बर्बरता में बीता। फेसबुक पर वायरल हुई एक पोस्ट के बाद इस्लामिक चरमपंथियों ने अल्पसंख्यक हिंदुओं के साथ बर्बरता की।

रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार रात सोशल मीडिया पर हिंदुओं द्वारा कथित रूप से कुरान का अपमान करने की एक फेसबुक पोस्ट वायरल की गई और उसके बाद इस्लामिक कट्टरपंथियों ने कई दुर्गा पंडालों में तोड़फोड़ की। हालाँकि, कमिला महानगर पूजा उद्जापोन कमेटी के महासचिव शिबू प्रसाद दत्ता ने कुरान का अपमान किए जाने की बात से इनकार किया है। उन्होंने बताया कि जब गार्ड सो रहा था तो किसी ने नानुआ दिघीर पार में एक दुर्गा पूजा मंडप में सुबह-सुबह कुरान की कॉपी रख दी थी।

जिले के एक अधिकारी ने इस बात की पुष्टि करते हुए बताया, “कुछ असामाजिक तत्वों ने इसकी तस्वीरें लीं और भाग गए। कुछ घंटों के भीतर फेसबुक के जरिए भड़काऊ तस्वीरों के साथ दुष्प्रचार जंगल की आग की तरह फैल गया।” उन्होंने इसमें बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) और जमात-ए-इस्लाम के कुछ कार्यकर्ताओं के शामिल होने का संदेह व्यक्त किया है।

चाँदपुर के हाजीगंज, चट्टोग्राम के बंशखली, चपैनवाबगंज के शिबगंज और कॉक्स बाजार के पेकुआ में मंदिरों पर बेरहमी से हमला किया गया और हिंदू भक्तों को पीटा गया। इस हिंसक झड़प कथित तौर पर तीन हिंदू मारे गए हैं। हालाँकि, पुलिस ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है।

ट्विटर पर हिंदुओं ने बताई आपबीती

बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हुई हिंसा के बारे में कई स्थानीय हिंदू और हिंदू संगठनों ने ट्विटर पर इस इस्लामिक बर्बरता के दृश्यों को साझा किया है। हिंदुओं पर हमले का वीडियो शेयर करते हुए एडवोकेट डॉ, गोबिंद चंद्र प्रमाणिक ने हालात को बदतर बताया। उन्होंने ट्वीट किया, “स्थिति भयानक है। शिल्पारा, कॉक्स बाजार में 150 परिवारों पर हमले, नोआखली में हटिया तोड़फोड़, नगर निगम काली मंदिर में मूर्तियों से तोड़फोड़, बर्बर हमले, महिलाओं से छेड़छाड़ और चाँदपुर में 2 लोग मृत पाए गए हैं।”

समाचार पोर्टल ‘हिंदू वॉयस’ ने माँ दुर्गा की मूर्ति को नदी में फेंके जाने का एक वीडियो साझा किया। पोर्टल ने ट्वीट किया, “मुस्लिम भीड़ ने बांग्लादेश के कोमिला में 9 दुर्गा मंडपों और मूर्तियों को ध्वस्त कर दिया है। आज सुबह सैकड़ों कट्टरपंथी मुसलमानों ने हमला किया। हमला अभी भी जारी है। स्थिति अभी भी तनावपूर्ण है। हिंदू डरे हुए हैं। पुलिस भीड़ को नियंत्रित करने में विफल रही है।”

बांग्लादेश हिंदू एकता परिषद ने बीते 24 घंटों में हिंसा के मामले में कई अलर्ट और अपडेट साझा किए। बांग्लादेश हिंदू यूनिटी काउंसिल ने ट्वीट किया, “कोमिला में सभी हिंदुओं को सतर्क रहने का निर्देश दिया जा रहा है। एक साथ मंदिर में रहो। हम बांग्लादेश पुलिस से नानुआ धीगीर पार इलाके में मदद की अपील कर रहे हैं।”

परिषद ने कहा, “बांग्लादेश के इतिहास में एक निंदनीय दिन। अष्टमी के दिन प्रतिमा विसर्जन के दौरान कई पूजा मंडपों में तोड़फोड़ की गई है। हिंदू अब पूजा मंडप की रखवाली कर रहे हैं। आज पूरी दुनिया खामोश है।”

एक अन्य ट्वीट में काउंसिल ने कहा, “बांग्लादेश में हिंदुओं से इतनी नफरत क्यों है? बांग्लादेश में हिंदू जन्म से रहते हैं। 1971 में जान गँवाने वालों में ज्यादातर हिंदू थे। बांग्लादेश के हिंदू, मुस्लिमों को अपना भाई मानते है। 90% मुस्लिमों के लिए 8% हिंदू समस्या का कारण कैसे हो सकते हैं?”

हिंदू परिषद ने 13 अक्टूबर को ‘ब्लैक डे’ बताते हुए बांग्लादेश के हिंदुओं को बचाने का आह्वान किया। अपने लेटेस्ट ट्वीट में परिषद ने कहा, “बीते 24 घंटों के दौरान क्या हुआ है इसको लेकर हम एक ट्वीट तक नहीं कर सकते हैं। बांग्लादेश के हिंदुओं ने कुछ लोगों के असली चेहरे को देखा है। हमें नहीं पता है कि भविष्य में क्या होगा। लेकिन बांग्लादेश के हिंदू 2021 की दुर्गा पूजा को कभी नहीं भूलेंगे।”

कार्रवाई का आश्वासन दिया

एक आपातकालीन नोटिस जारी कर बांग्लादेश के धार्मिक मामलों के मंत्रालय ने कहा कि वह कुमिला में दुर्गा पंडाल में कुरान की उपस्थिति की खबर से सतर्क थे। हालाँकि, मंत्रालय ने लोगों से इस घटना पर कानून अपने हाथ में नहीं लेने का आग्रह किया।

देश के टेलीकॉम मिनिस्टर मुस्तफा जब्बार ने कहा है कि पोस्ट और वीडियो को तुरंत हटाने के लिए कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा, “हम फेसबुक के संपर्क में हैं और हमने 100 से अधिक फेसबुक लिंक को हटाने का अनुरोध किया है। हमें उम्मीद है कि उन्हें जल्द ही ब्लॉक कर दिया जाएगा।” इस घटना को लेकर अवामी लीग के महासचिव ओबैदुल कादर ने आश्वासन दिया है कि घटना के दोषी चाहे किसी भी राजनीतिक पार्टी से जुड़े हों उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा।

हिंदू विरोधी हिंसा के बाद पूरे देश में कई स्थानों पर भारी सुरक्षा तैनात की गई थी। अतिरिक्त उपायुक्त शहादत हुसैन ने भी बताया कि मामले की आगे की जाँच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। कादर के अनुसार, प्रधानमंत्री शेख हसीना ने साम्प्रदायिक हमलों और इस तरह का प्रचार करने वाले अपराधियों को पहचानने और उन्हें दंडित करने का आदेश दिया है।

संदर्भ : OpIndia

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