देशभर में 338 स्थानों पर सामूहिक गुढीपूजन, मंदिरों की स्वच्छता एवं सुराज्य की स्थापना हेतु शपथग्रहण

गुढी हिन्दू नववर्ष की… मुहूर्तमेढ सुराज्य की !

सामूहिक गुढीपूजन करने उपरांत सुराज्य स्थापना के लिए प्रार्थना करते हुऐ !

हिंदू नववर्ष के अवसर पर ‘हिंदू जनजागृति समिति’, ‘मंदिर महासंघ’, मंदिरों के न्यासीयों, पुजारियों, हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों और धर्म प्रेमियों की पहल पर, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गोवा और उत्तर प्रदेश राज्य में लगभग 338 स्थानों पर सामूहिक गुढीपूजन किया । विशेष बात यह है कि इस बार कई जगहों पर सामूहिक रूप से मंदिरों की साफ-सफाई की गई । गुढीपूजन के बाद सभी ने ‘सुराज्य’ स्थापित करने की सामूहिक शपथ ली, ऐसी जानकारी ‘हिन्दू जनजागृति समिति’के महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ राज्य संगठक तथा ‘महाराष्ट्र मंदिर महासंघ’के समन्वयक श्री. सुनील घनवट द्वारा दी गयी।

महाराष्ट्र में 239, कर्नाटक में 60, गोवा में 35 और उत्तर प्रदेश राज्य में 4 स्थानों पर सामूहिक गुढीपूजन किया गया । पुणे में ज्योतिर्लिंग श्री भीमाशंकर देवस्थान, छत्रपति संभाजीनगर में ज्योतिर्लिंग श्री घृष्णेश्वर देवस्थान, ओझर (पुणे) में श्री विघ्नहर गणपति मंदिर सहित कई मंदिरों ने सामूहिक गुढीपूजन किया गया । इसके अलावा कुछ स्थानों पर सार्वजनिक स्थानों, चौक-चौराहों, मैदानों पर सामूहिक गुढीपूजन किया गया । रामराज्य की स्थापना के लिए, साथ ही रामराज्य के लिए लड़ने वाले सभी भक्तों को शक्ति मिले इसलिए श्री घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग देवस्थान में भगवान शंकर को अभिषेक किया गया। इसमें विशेष बात यह है कि कई स्थानों पर गुढीपूजन के लिए महिलाओं की अधिक सहभाग है । हिन्दू जनजागृति समिति की ‘रणरागिनी शाखा’ने मुंबई-पुणे में स्वरक्षा के कुछ प्रदर्शन दिखाये। राज्य भर में कई हिंदू नववर्ष शोभायात्रा में भी सहभाग लिया गया।

इस संबंध में हिन्दू जनजागृति समिति’के श्री. सुनील घनवट ने बताया कि, हिन्दू धर्म में साढे तीन  मुहूर्ताें पर शुभ कृत्य करने का संकल्प किया जाता है । गुढीपाडवा, यह साढे तीन मुहूर्ताें में से एक मुहूर्त है । अयोध्या में हाल ही में श्री रामलला विराजमान होने के पश्चात देश को आध्यात्मिक अधिष्ठान प्राप्त हुआ है । अब देश को आवश्यकता है रामराज्य की अर्थात ‘स्वराज्य से सुराज्य’की ओर जाने की ! प्रभु श्रीराम ने सकल जनों का कल्याण करनेवाला  आदर्श रामराज्य स्थापित किया । इसके साथ ही आदर्श राज्य स्थापित होने के लिए सभी को अपने जीवन में और सामाजिक जीवन में रामराज्य लाने के लिए निरंतर कुछ वर्ष प्रयत्न करना होगा । व्यक्तिगत जीवन में साधना कर, नैतिक एवं सदाचारी जीवन जीने का संकल्प करना होगा । सामाजिक जीवन में भ्रष्टाचार, अनैतिकता और अराजकता का विरोध करने के लिए प्रयत्नशील होना होगा । सात्त्विक समाज के नेतृत्व में ही अध्यात्म पर आधारित राष्ट्ररचना, अर्थात रामराज्य संभव है; इसीलिए इस गुढीपाडवा से व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में रामराज्य लाने का संकल्प करें !’

मंदिर में सामूहिक गुढीपूजन करने उपरांत इकठ्ठा हुई महिला
पुणे में मंदिर में सामूहिक गुढीपूजन करने उपरांत इकठ्ठा हुई महिला
छत्रपती संभाजीनगर कें ज्योतिर्लिंग श्री घृष्णेश्वर मंदिर में गुढीपूजन किया गया
मुंबई-पुणे में हिंदू जनजागृति समिति की ‘रणरागिणी शाखे’ने स्वरक्षा के कुछ प्रदर्शन दिखाए

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