मुख्यमंत्री के आदेश के उपरांत भी छत्रपति शिवाजी महाराज के प्राचीन मंदिर को धनराशि न देनेवाले अधिकारियों पर कठोर कार्यवाही करें !

शीतकालीन अधिवेशन समाप्त होने के पूर्व बढी हुई धनराशि का आदेश शासन जारी करे !

नागपूर विधान भवन के बाहर सिंधुदुर्ग किले पर स्थापित छत्रपती शिवाजी महाराज जी के प्राचीन मंदिर को धनराशी बढाकर देने की मांग करते हुऐ हिंदू संगठनो का पदाधिकारी !

सिंधुदुर्ग जिले के मालवण में स्थित सिंधुदुर्ग किले पर छत्रपति शिवाजी महाराज के ‘श्री शिवराजेश्वर मंदिर’ हेतु राज्य सरकार की ओर से प्रत्येक मास में केवल 500 रुपए का टुटपुंजिया भत्ता दिया जा रहा है । मुख्यमंत्री मा. एकनाथ शिंदे ने इस धनराशि में बढोतरी करने का आदेश देने के डेढ वर्ष उपरांत भी उनके आदेश का क्रियान्वयन न करनेवाले शासकीय अधिकारियों पर कठोर कार्यवाही की जाए । साथ ही नागपुर में चल रहा शीतकालीन अधिवेशन समाप्त होने के पूर्व यह मासिक धनराशि 500 रुपए से बढाकर न्यूनतम 25 हजार रुपए करने का आदेश तत्काल जारी किया जाए, ऐसी मांग हिन्दू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र राज्य संगठक तथा गड-दुर्ग रक्षण समिति के समन्वयक श्री. सुनील घनवट सहित अन्य हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों ने नागपुर विधान भवन के बाहर की । इस संदर्भ में श्री. सुनील घनवट ने सांस्कृतिक कार्यमंत्री श्री. सुधीर मुनगंटीवार से मिलकर इस गंभीर बात की ओर ध्यान आकर्षित किया ।

 

मंदिर के लिए धनराशी कम पडने कारण सार्वजनिक सूचना फलक पर लिखकर मंदिर के लिए दान मांगा जा रहा है !

 

सिंधुदुर्ग किले पर शिवाजी महाराज का प्राचीन श्री शिवराजेश्वर मंदिर में स्थापित छत्रपती शिवाजी महाराज जी की मूर्ती !

इस समय विधान भवन के बाहर फ्लेक्स फलक लेकर ‘चित्पावन ब्राह्मण महासंघ’ के सचिव श्री. उमाकांत रानडे, ‘राष्ट्रीय युवा गठबंधन’ के श्री. राहुल पांडे, ‘हिन्दू जनजागृति समिति’ के नागपुर जिला समन्वयक श्री. अभिजीत पोलके, श्री. अतुल अर्वेनला एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे । इस समय श्री. घनवट ने कहा, छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक का यह 350 वां वर्ष है । जिन छत्रपति शिवाजी महाराज ने अनेक गड-दुर्ग बनाए, जीते तथा असंख्य मंदिरों का जीर्णाेद्धार कर मंदिरों का रक्षण भी किया; उन्हीं शिवाजी महाराज का प्राचीन मंदिर आज उपेक्षित है । वर्ष 1695 में छत्रपति राजाराम महाराज द्वारा बनाए इस प्राचीन मंदिर को महाराष्ट्र शासन ने वर्ष 1970 से मासिक 250 रुपए का भत्ता आरंभ किया; परंतु आज वर्ष 2023 समाप्त होने को है, तब भी केवल उसमें 250 रुपए की बढोतरी कर 500 रुपए किया है । इसमें दीया-बाती, हार-फूल, बिजली की व्यवस्था, जलदर कर, मंदिर का सुधारकार्य, अन्य सुविधाएं तथा वार्षिक उत्सव कैसे मनेंगे, यह बडी समस्या है । अतएव विवश होकर मंदिर के न्यासियों को सार्वजनिक फलक लगाकर लोगों से मंदिर के लिए अर्पण मांगना पड रहा है, यह छत्रपति के महाराष्ट्र कहलानेवाले राज्य को शोभा नहीं देता । इसके लिए हिन्दू जनजागृति समिति ने डेढ वर्ष पूर्व तत्कालीन पालकमंत्री उदय सामंत, तदुपरांत मुख्यमंत्री श्री. एकनाथ शिंदे से मिलकर उन्हें इस स्थिति से अवगत कराया था । इस पर सकारात्मक उत्तर देते हुए तत्काल धनराशि में बढोतरी के आदेश दिए गए थे; परंतु अभी तक उसका कार्यान्वयन नहीं हुआ है ।

इसके लिए उत्तरदायी शासकीय अधिकारियों को एक मास के लिए दंड के रूप में सिंधुदुर्ग किले पर भेजकर 500 रुपयों में मंदिर चलाने के लिए कहा जाए । जिससे उन्हें इसकी गंभीरता समझ में आएगी, ऐसा भी श्री. घनवट ने कहा ।

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