इस्लामी जिहाद के विरोध में निरंतर संघर्ष करना होगा – प.पू. यती चेतनानंद सरस्वती, महंत, डासना पीठ, गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश

रामनाथी (फोंडा) – ‘‘मुगलों से लेकर आज तक इस्लामी जिहाद के विरोध में निरंतर युद्ध जारी ही है । हिन्दुओं की हत्या, हिन्दू महिलाओं पर अत्याचार, बलात्कार करना, संपत्ति लूटना, धर्मपरिवर्तन करना, ‘लैंड जिहाद’, ‘लव जिहाद’इत्यादि; यही इस्लामी जिहाद की नीतियां हैं । इस्लामी जिहाद से घबराकर रोने के स्थान पर उनके विरोध में लडना चाहिए । देहली में धर्मांधों द्वारा घडवाए दंगे, कश्मीर में हिन्दुओं की होनेवाली हत्या, ऐसी अनेक घटनाएं भारत में हो रही हैं । इसलिए ऐसी घटनाओं के विरोध में निरंतर संघर्ष होता ही रहेगा ।’’, ऐसा प्रतिपादन उत्तरप्रदेश राज्य के गाजियाबाद के डासना पीठ के महंत प.पू. यती चेतनानंद सरस्वती ने किया ।

१५ जून को दशम अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन के सायंकाल के सत्र में ‘गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) में जिहादियों के विरोध में किया संघर्ष’ इस विषय पर मार्गदर्शन करते हुए वे बोल रही थी । इस अवसर पर व्यासपीठ पर उत्तर कन्नड (कर्नाटक) के इतिहासकार डॉ. लक्ष्मीश सोंदा, इंदौर (मध्यप्रदेश) के अयोध्या फाउंडेशन की अध्यक्षा श्रीमती मीनाक्षी शरण, उत्तरप्रदेश के गाजियाबाद के विचारक श्री. विनोद कुमार सर्वाेदय, हिन्दू जनजागृति समिति के कर्नाटक राज्य समन्वयक श्री. मोहन गौडा, कर्नाटक राज्य के बंगळुरू के हिन्दू जागरण वेदिका के मातृशक्ति प्रमुख श्रीमती पुष्पा आदि मान्यवर उपस्थित थे ।

प.पू. यती चेतनानंद सरस्‍वती, महंत, डासना पीठ, गाझियाबाद, उत्तर प्रदेश

महंत प.पू. यती चेतनानंद सरस्वती ने कहा,

१. हम सभी ने संगठित होकर इस्लामी जिहादियों के विरोध में बडा कार्य किया है । इस कार्य का संचलन दैवीय शक्ति ही कर रही थी । हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करने के लिए ईश्वर ने हमें चुना है ।

२. गाजियाबाद में इस्लामी जिहादियों के विरोध में संघर्ष हो रहा है । उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वहां के धर्मांधों के विरोध में कठोर भूमिका अपनाई है । भारत के अनेक सिद्धपीठ इस्लामी आक्रमणकर्ताओं ने नष्ट किए हैं ।

३. इस्लामी जिहाद की बलि चढे हिन्दुओं की हम सदैव सहायता करते हैं । उनके लिए हमारे मंदिर का द्वारा सदैव ही खुला रहेगा । कश्मीर में हिन्दुओं के पडोस में रहनेवाला धर्मांध उसका शत्रु हो गया । इसलिए कश्मीरी हिन्दुओं के समर्थन में हम यदि खडे नहीं हुए तो संपूर्ण भारत में कश्मीर जैसी परिस्थिति निर्माण हो सकती है । यह व्यक्तिगत नहीं, अपितु सभी का संघर्ष है ।

४. आज का समय लडने एवं संघर्ष करने का है । हमारी ही हिन्दू बहनें ‘लव जिहाद’की बलि चढ जाती है और हमें इसकी लाज भी नहीं आती ? अत: इस पर विचार करें कि ‘आखिर हिन्दुओं के संस्कार गए कहां ?’

५. मुसलमान अपने शरीयत कानून के अनुसार आचरण करता है, फिर हम हिन्दू धर्मानुसार आचरण क्यों नहीं करते ? हम सनातन अर्थात धर्म का कार्य कर रहे हैं । हिन्दुओं को अपनी साधना बढाकर आध्यात्मिक बल प्राप्त करना चाहिए ।

अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन में मैं सीखने के लिए आती हूं !

प.पू. यती चेतनानंद सरस्वती बोली, ‘‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन में मैं सीखने के लिए आती हूं । यहां सभी मेरे भाई-बहन हैं । यहां आने के पश्चात मैं स्वयं को समर्पित कर देती हूं । अपने मन में अहंकार नहीं होना चाहिए; इसलिए कि हमें मन से संगठित होना है । यदि हममें अहंकार होगा, तो हम इस्लामी जिहाद अथवा अन्य हिन्दूविरोधी बातों का विरोध नहीं कर पाएंगे । मुझे अधिवेशन में सम्मिलित होने का अवसर दिया, इसके लिए मैं कृतज्ञ हूं ।’’

अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन में दैवीय शक्ति अनुभव करें ! – प.पू. यती चेतनानंद सरस्वती, महंत, गाजियाबाद, उत्तरप्रदेश

‘मैं १५.६.२०२२ सवेरे रामनाथी (गोवा) के अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशनस्थल पर आई । उस समय मेरे पैरों में बहुत वेदना हो रही थी । मुझे लगा ‘मैं बोल नहीं पाऊंगा और यहां ३ दिन कैसे रह सकूंगी ?’; परंतु मैं अपने पैरों पर खडी हुई हूं । यहां दैवीय शक्ति है । उसका अनुभव लें । अपनी आध्यात्मिक ऊर्जा का बल दें । दिनभर अधिवेशन में सम्मिलित होने के उपरांत अब मुझे अच्छा लग रहा है । वेदना कम हो गई है । मेरे पैरों को आराम मिला है ।’

हिन्दुओं के आक्रमकों के सामने झुकने के कारण ही इस्लामी आक्रमकों ने मंदिर उध्वस्त किए ! – विनोद कुमार सर्वाेदय, विचारक, गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश

विनोद कुमार सर्वोदय, विचारवंत, गाझियाबाद, उत्तर प्रदेश

दशम अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन में ‘इस्लामिक जिहाद से मुक्ति का मार्ग एवं हिन्दुओं में जागृति’ इस विषय पर उत्तरप्रदेश के विचारक श्री. विनोद कुमार सर्वाेदय ने उपस्थितों को संबोधित किया । उन्होंने कहा, ‘‘हिन्दुओं में देशभक्ति नष्ट की जा रही है । इसलिए देश के लिए कुछ करें, ऐसा हिन्दुओं को नहीं लगता है । धर्मकार्य करने के स्थान पर हिन्दू आराम से जीवन व्यतीत करना चाहते हैं । धर्म की रक्षा के लिए हिन्दुओं के बच्चों को धर्मशिक्षा देनी चाहिए । आत्मरक्षा के लिए सैनिकी प्रशिक्षण देना चाहिए । हिन्दू इस्लामिक आक्रमणों के आगे झुक गए । इसीलिए आक्रमकों ने मंदिर उध्वस्त किए । हम संविधान मानते हैं, इसलिए उसके विरोध में नहीं जाएंगे; परंतु यही वास्तविकता है । हमारे नेता कहते हैं, ‘‘हिन्दू एवं मुसलमानों का ‘डी.एन्.ए.’ एक है’; परंतु संस्कार एक नहीं हैं । काफिरों को नष्ट करना, उनका संकल्प है । जब तक यह संकल्प नष्ट नहीं होगा, इस्लाम नष्ट नहीं होगा, तब तक जिहाद नष्ट नहीं होगा ।’’

भारत पर किए आक्रमण एवं लूटपाट का इतिहास जानबूझकर छिपाया गया ! – डॉ. लक्ष्मीश सोंदा, इतिहासकार, उत्तर कन्नड, कर्नाटक.

डॉ. लक्ष्मीश सोंदा, इतिहासकार, उत्तर कन्‍नड, कर्नाटक.

‘‘भारत पर किए आक्रमण एवं लूटपाट के इतिहास को जानबूझकर छिपाया गया है । इतिहासकारों ने १० सहस्र वर्षाें का इतिहास २ सहस्र ३०० वर्षाें का दिखाया है । हम अपने पिछले ७ सहस्र वर्षाें के उज्ज्वल इतिहास को भुलाने के लिए बाध्य हुए । खिलजी एवं औरंगजेब का महिमामंडन किया गया है । विदेशी दृष्टिकोण रखकर इतिहास लिखा गया है । इतिहास की गंभीरता छिपाई । मुगलों द्वारा किए गए अत्याचार छिपाए गए । गणित एवं भौतिकशास्त्र में अपना इतिहास छिपाया गया । केवल मुगलों के आसपास इतिहास घुमाया । अब भी समय नहीं गया है । हमें अपना इतिहास नए सिरे से लिखना होगा ।’’, ऐसा प्रतिपादन इतिहासकार डॉ. लक्ष्मीश सोंदा ने किया । वे ‘भारतीय इतिहास के इस्लामीकरण एवं खरा इतिहास’ इस विषय पर बोल रहे थे ।

डॉ. लक्ष्मीश सोंदा आगे बोले,

१. इतिहास एक प्रकार से जीवन का दर्पण है । तक्षशिला एवं नालंदा का इतिहास नष्ट किया गया । भारत पर किए गए आक्रमण एवं लूटमार, यह इतिहास जानबूझ कर छिपाया गया है ।

२. हडप्पा को पहला शहर माना जाना, यह पागलपन है । भारत का १० सहस्र वर्षोें का नागरी इतिहास है । रामायण एवं महाभारत, अपना इतिहास है । वेदकाल, अपना इतिहास है ।

३. इतिहास की पुस्तकों से राणा प्रतापसिंह, राजा विक्रमादित्य की जानकारी नहीं दी गई । ब्रिटिशों को हरानेवाला पहला भारतीय राजा हैदर अली नहीं, अपितु राजा सदाशिवराव कारवार था; परंतु वैसा उल्लेख इतिहास की पुस्तक में नहीं किया गया ।

४. राष्ट्रीय स्तर पर इतिहास शोधकर्ताओं की परिषद आयोजित करता हूं । उससे जनजागृति कर सत्य इतिहास सामने लाना, यही उपाय है ।

हिन्दुओं को अपने बच्चों को हिन्दुस्थान का भौगोलिक एवं धार्मिक इतिहास बताना चाहिए ! – मीनाक्षी शरण, अध्यक्षा, अयोध्या फाउंडेशन, इंदौर, मध्यप्रदेश

मीनाक्षी शरण, अध्‍यक्षा, अयोध्‍या फाऊंडेशन, इंदौर, मुंबई

मीनाक्षी शरण ने कहा, ‘‘हिन्दुस्थान में हिन्दुओं की भूमि हिन्दुओं का राष्ट्र है । इतिहास, राष्ट्र का भविष्य निश्चित करता है । इतिहास की संपूर्ण जानकारी लिए बिना हम नहीं लड सकेंगे, कारण इतिहास अपने जीवन से जुडा है । देश का विभाजन होने के उपरांत लाखों हिन्दुओं की हत्या की गई, यह इतिहास हम भुला नहीं सकते । मौलाना अब्दुल कलाम कहते हैं, ‘‘धर्मपरिवर्तन करके हम भारत नियंत्रण में लेकर उसका इस्लामीकरण करेंगे ।’’ अपने बच्चों को अपना भौगोलिक एवं धार्मिक इतिहास बताना चाहिए । मुसलमान अपने बच्चों को मदरसों में ले जाते हैं एवं कुरान पढवाते हैं, उसीप्रकार हिन्दुओं को भी अपने बच्चों को नृत्य, मुद्रा एवं शास्त्र की शिक्षा देनी चाहिए । घर में ब्राह्मण बुलवाकर बच्चों को शास्त्रों का ज्ञान दें ।’’

इस अवसर पर इतिहास के विविध संदर्भ देकर इतिहास की जानकारी दी ।

कर्नाटक के होसतोडकू उत्सव के समय आंदोलन एवं जनजागृति कर हलाल मांस पद्धति बंद की ! – मोहन गौडा, राज्य समन्वयक, हिन्दू जनजागृति समिति, कर्नाटक

मोहन गौडा, राज्‍य समन्‍वयक, हिंदु जनजागृती समिती, कर्नाटक

1. कर्नाटक की जिहादी एवं ईसाई गतिविधियों के विरोध में हिन्दू जनजागृति द्वारा किए संघर्ष की जानकारी देते हुए श्री. मोहन गौडा बोले, कर्नाटक में गुढीपाडवा के अगले दिन ‘होसतोडकू’ उत्सव मनाया जाता है । इसमें कालीमाता एवं कालभैरव को मांसाहार का नैवेद्य दिखाते समय झटका मांस देने के स्थान पर ‘हलाल’ पद्धति का मांस दिया जा रहा था । यह अनुचित होने के साथ-साथ हिन्दुओं के देवी-देवताओं एवं हिन्दुओं का अवमान करनेवाला था । तदुपरांत हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों को संगठित कर पत्रकार परिषद एवं आंदोलनों द्वारा हमने विरोध दर्शाया । ‘हलाल’के विरोध में मुहिम चलाकर जनजागृति की । हिन्दुओं को हमारा कहना ध्यान में आया । मुख्यमंत्रियों से लेकर भाजपा के अनेक राष्ट्रीय नेताओं ने इस मुहिम का समर्थन किया । हमने हिन्दू कसाई समाज को ‘झटका’ मांस देने के लिए प्रोत्साहित किया । उन्होंने भी उत्तम प्रतिसाद दिया और उनके भी झटका मांस विक्री का व्यवसाय आरंभ हुआ । धर्मांधों की दुकानें खाली हो गईं । हिन्दू कसाईयोेंं की दुकानों के सामने मांस खरीदने के लिए लोगों की भीड लग गई । ७०० स्थानों पर झटका मांस बिक्री की दुकानें शुरू करने की हिन्दुओं ने मांग की । इससे करोडों रुपए जो हलाल करनेवालों को मिलनेवाले थे, वे हिन्दू कसाई समाज को मिले । ईश्वर की कृपा से यह आंदोलन सफल हुआ ।

2. कॉन्वेंट विद्यालय में बायबल अनिवार्य करने के विरोध में चलाए अभियान को मिली सफलता !

बंगळुरू के ‘क्लेरेंस कॉन्वेंट उच्च माध्यमिक विद्यालय में विद्यार्थियों को बायबल पढना अनिवार्य किया था । उसका भी हमने विरोध किया । तदुपरांत विद्यालय प्रशासन ने बायबल सिखाने पर प्रतिबंध लगाया । इस विद्यालय में विद्यार्थियों को प्रवेश देते समय विद्यालय प्रशासन ने विद्यार्थियों के माता-पिता से ऐसा शपथपत्र लिखवा लिया था कि ‘विद्यालय में बायबल लेकर जाने में कोई आपत्ति नहीं ।’ कानून के अनुसार यह अयोग्य था । इसके विरोध में भी हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से आंदोलन किया गया । तदुपरांत राष्ट्रीय बाल अधिकार सुरक्षा आयोग से समिति ने शिकायत की । तदुपरांत आयोग ने इसकी पूछताछ करने का आदेश दिया । साथ ही कर्नाटक शिक्षा महासचिव ने भी इस विद्यालय की पूछताछ करने का आदेश दिया । विद्यालय पत्रकार परिषद लेकर बायबल पुस्तक को अनिवार्य करने के सूत्र पर ‘प्रिटिंग की गलती’ ऐसे कहा । यह ‘प्रिटिंग चूक’ सुधार करने हेतु देश की कॉन्वेंट विद्यालयों के विरोध में आंदोलन आरंभ किए हैं ।

हिन्दू जागरण वेदिका की मातृशक्ति प्रमुख श्रीमती पुष्पा द्वारा प्रस्तुत ‘लव जिहाद’ संबंधी अपना हृदयविदारक अनुभव !

हिंदु जागरण वेदिकेच्‍या मातृशक्‍ती प्रमुख श्रीमती पुष्‍पा

मेरा एक मुसलमान युवक से बेंगळुरु की जामिया मस्जिद में विवाह हुआ । उसके परिवार में १८ सदस्य थे । घर में लडके की मां एवं बहन द्वारा मुझे निरंतर कष्ट दिया जाता था । बीमार होने पर भी मुझसे बर्तन मंजवाए जाते । रक्त बहने तक मुझे मारा-पीटा जाता था । गर्भवती होने पर भी पति मुझे लात-घूंसों से मारता था । यदि नमाजपठन नहीं किया, तो सास मुझसे कहती ‘तेरा लडका हराम होगा ।’ जन्म होने से पहले ही मेरे बच्चों के मुसलमान नाम रख दिए गए । मुझे ११ वर्ष वशीकरण करके रखा गया । एक दिन मैंने दुर्गामाता के मंदिर में जाकर प्रार्थना की । तब देवी का फूल मुझ पर गिरा । तदुपरांत हिन्दू जागरण वेदिका के कार्यकर्ताओं ने शुद्धीकरण कर मुझे हिन्दू धर्म में स्वीकार लिया । मेरे बच्चे अब सनातनी हैं । मैंने हिन्दू धर्म का मार्ग चुना । ‘लव जिहाद’की बलि चढे एवं घरवापसी करने के (शुद्धीकरण कर हिन्दू धर्म में पुनर्प्रवेश करने के) लिए तैयार लोगों का सहयोग करें, ऐसा आवाहन श्रीमती पुष्पा ने किया ।

इस अवसर पर ‘लव जिहाद’में फंसने के कारण श्रीमती पुष्पा की हुई दुर्गति सुनकर उपस्थितों की आंखें नम हो गईं ।

अधिवेशन के इस सत्र की कुछ झलकियां…

Leave a Comment

Notice : The source URLs cited in the news/article might be only valid on the date the news/article was published. Most of them may become invalid from a day to a few months later. When a URL fails to work, you may go to the top level of the sources website and search for the news/article.

Disclaimer : The news/article published are collected from various sources and responsibility of news/article lies solely on the source itself. Hindu Janajagruti Samiti (HJS) or its website is not in anyway connected nor it is responsible for the news/article content presented here. ​Opinions expressed in this article are the authors personal opinions. Information, facts or opinions shared by the Author do not reflect the views of HJS and HJS is not responsible or liable for the same. The Author is responsible for accuracy, completeness, suitability and validity of any information in this article. ​