कोयंबटूर में हिन्दू मंदिरों को ध्वस्त किए जाने का विरोध करने पर हिन्दू नेता अर्जुन संपत गिरफ्तार

हिन्दू एक्टिविस्ट और इंदु मक्कल काची (IMK) के प्रमुख अर्जुन संपत को तमिलनाडु के कोयंबटूर में गिरफ्तार कर लिया गया है। संपत मुथन्ननकुलम झील के किनारे स्थित हिन्दू मंदिरों को ध्वस्त किए जाने के विरोध में कोयंबटूर कॉर्पोरेशन और तमिलनाडु सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। शुक्रवार (23 जुलाई 2021) को IMK ने ट्वीट करके संपत की गिरफ्तारी की सूचना दी।

IMK ने अपने ट्वीट में कहा कि अर्जुन संपत हिन्दू मंदिरों को ध्वस्त किए जाने वाली जगह पर शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे, तभी उन्हें कोयंबटूर पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया। IMK ने संपत को रिहा करने और कोयंबटूर कॉर्पोरेशन से मंदिरों के पुनर्निर्माण की माँग की है। इससे पहले IMK प्रमुख संपत ने हिन्दू भक्तों से अनुरोध किया था कि वे ध्वस्त किए गए मंदिरों के स्थान पर 23 जुलाई 2021 को शांतिपूर्वक प्रदर्शन करें। उन्होंने यह भी कहा था कि शुक्रवार को उस जगह पर पूजा की जाएगी।

ज्ञात हो कि तमिलनाडु के कोयंबटूर कॉर्पोरेशन ने मंगलवार (जुलाई 13, 2021) को शहर के मुथन्ननकुलम झील के उत्तरी बाँध पर मौजूद 7 मंदिरों को विकास के नाम पर ध्वस्त कर दिया था। प्रशासन ने कथित तौर पर यह फैसला स्मार्ट सिटी मिशन के तहत झील के कायाकल्प और विकास के लिए लिया। द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, कॉर्पोरेशन के अधिकारियों ने अम्मन कोविल, बन्नारी अम्मन कोविल, अंगला परमेश्वरी, करुपरायण कोविल, मुनीस्वरन कोविल और कुछ अन्य मंदिरों को ध्वस्त करने के लिए अर्थमूवर और भारी मशीनरी का इस्तेमाल किया था।

बताया जा रहा है कि कार्रवाई के दौरान मौके पर भारी पुलिस बल तैनात था, जिसका काम विरोध करने वाले लोगों पर एक्शन लेना था। कुछ रिपोर्ट्स बताती हैं कि इस दौरान 150 लोगों को विरोध करने पर हिरासत में लिया गया, जबकि कुछ अन्य लोगों का कहना है कि 250 लोगों को पकड़ा गया। वहीं, प्रशासन ने इस कदम को उठाने से पहले साल 2020 में झील के आसपास अतिक्रमण का हवाला देते हुए कार्रवाई की थी। उस समय करीब 2,400 परिवारों को वहाँ से हटाकर उनके घर ध्वस्त किए गए थे। इन सभी लोगों को स्लम क्लीयरेंस बोर्ड परियोजनाओं में वैकल्पिक आवास प्रदान किया गया था।

संदर्भ : OpIndia


कोयंबटूर में तमिलनाडु प्रशासन द्वारा 7 मंदिरों के विध्वंस के खिलाफ हिंदू समूहों का विरोध प्रदर्शन तेज

July 17, 2021

कोयंबटूर नगर निगम द्वारा मुथन्ननकुलम के झील के किनारे पर सात हिंदू मंदिरों को ध्वस्त करने के कुछ दिनों बाद कई भक्तों और हिंदू कार्यकर्ताओं ने इसके विरोध में सड़कों पर प्रदर्शन किया रिपोर्टों के अनुसार, हिंदू मुन्नानी के हिंदू कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार (जुलाई 16, 2021) को कोयंबटूर के टाउन हॉल में निगम कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और नगर निकाय के विध्वंस अभियान की निंदा की।

मंगलवार (जुलाई 13, 2021) को कोयंबटूर नगर निगम ने शहर के मुथाननकुलम बाँध के किनारे 100 साल पुराने एक मंदिर समेत सात मंदिरों को ध्वस्त कर दिया था। निगम ने दावा किया था कि तालाब के उत्तरी बाँध के साथ अतिक्रमित भूमि पर मंदिरों का निर्माण किया गया था।

विध्वंस की निंदा करते हुए, हिंदू मुन्नानी के प्रदेश अध्यक्ष कदेश्वर सुब्रमण्यम ने कहा, “जब पीवी नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री थे, तो संसद में एक अधिनियम पारित किया गया था जिसमें 75 वर्ष से अधिक पुराने मंदिरों को ध्वस्त करने पर रोक लगाई गई थी। लेकिन कोयंबटूर निगम ने सदियों पुराने मंदिरों को ध्वस्त कर दिया। हम विध्वंस की कड़ी निंदा करते हैं।”

हिंदू कार्यकर्ता ने यह भी कहा कि तिरुपुर कलेक्टर कार्यालय सहित कई सरकारी कार्यालय मंदिर की भूमि पर हैं, इसलिए उन इमारतों को भूमि से हटा दिया जाना चाहिए।

सुब्रमण्यम ने कहा, “हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती (HR&CE) मंत्री कह रहे हैं कि विभाग मंदिर की भूमि को पुनः स्वामित्व में लेगा और मंदिरों की रक्षा करेगा। उन्हें इसके बारे में जानकारी देनी चाहिए।”

हिंदू मुन्नई के राज्य सचिव जेएस किशोरकुमार ने कोयंबटूर निगम पर अतिक्रमण हटाने के नाम पर जानबूझकर मंदिरों को निशाना बनाने का आरोप लगाया और दावा किया कि शहर में 150 साल पुराने मंदिरों को तोड़ा गया। इससे पहले विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने भी मंदिरों को गिराए जाने की निंदा की थी और कोयंबटूर के गाँधी पार्क में विरोध प्रदर्शन किया था।

कोयंबटूर में मंदिरों का विध्वंस अभियान

गौरतलब है कि तमिलनाडु के कोयंबटूर में निगम ने मंगलवार (जुलाई 13, 2021) को शहर के मुथन्ननकुलम तालाब के उत्तरी बाँध पर मौजूद 7 मंदिरों को विकास के नाम पर ध्वस्त कर दिया। प्रशासन ने कथिततौर पर यह फैसला स्मार्ट सिटीज मिशन के तहत झील के कायाकल्प और विकास के लिए लिया।

द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, निगम अधिकारियों ने अम्मान कोविल, बन्नारी अम्मान कोविल, अंगला परमेश्वरी, करुपरायण कोविल, मुनीस्वरन कोविल और कुछ अन्य मंदिरों को ध्वस्त करने के लिए अर्थमूवर और भारी मशीनरी का इस्तेमाल किया।

प्रशासन ने इस कदम को उठाने से पहले साल 2020 में झील के आस-पास अतिक्रमण का हवाला देते हुए अपनी कार्रवाई की थी। उस समय करीब 2,400 परिवारों को वहाँ से हटाकर उनके घर ध्वस्त किए गए थे। इन सभी लोगों को स्लम क्लीयरेंस बोर्ड परियोजनाओं में वैकल्पिक आवास प्रदान किया गया था।

संदर्भ : OpIndia

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