हिन्दुओं के संगठित विरोध के बाद तनिष्क ने हटाया ‘लव जिहाद’ को बढावा देनेवाला ‘सेक्यूलर वीडियो’

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केवल यू-ट्यूब से हटाना नहीं है काफी, हमें चाहिए जाहीर माफी !

ज्वैलरी ब्रांड तनिष्क ने विवाद का कारण बने उस विज्ञापन को हटा लिया है जिसकी वजह से उस पर लव जिहाद को फैलाने का आरोप लगाया गया था। विज्ञापन (वीडियो) तनिष्क के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर साझा किया गया था जिसे फ़िलहाल प्राइवेट कर दिया गया है। इसके अलावा, आज पूरे दिन ट्विटर पर तनिष्क ज्वैलर्स के बहिष्कार का हैशटैग भी ट्रेंड में रहा था। हिन्दुओं ने इस विज्ञापन का जोरदार विरोध किया । #BoycottTanishq यह टॉप ट्रेंड था । अंत में तनिष्क को झुकना पडा और उन्होंने वीडियो हटा दिया।

इस विज्ञापन को लेकर सोशल मीडिया से लेकर तमाम दर्शकों और ग्राहक वर्ग ने तनिष्क ज्वैलर्स की खूब आलोचना की थी। इस वीडियो में एक गर्भवती हिन्दू महिला की मुस्लिम परिवार में गोदभराई की रस्म दिखाई गई थी।

हिन्दू समाज को यह ध्यान में लेना चाहिए की तनिष्क ने अपनी ‘गलती’ के लिए ‘क्षमा’ मांगते समय भी हिन्दू समाज को ही दोषी तथा हिंसक ठहराने का प्रयास किया है । इसके संदर्भ में ट्विट करने हुए उन्होंने कहा कि ‘हम अपने स्टोर्स तथा कर्मचारियों की सुरक्षा की हेतु यह वीडियो हटा रहे है ।’


मुस्लिम परिवार की गर्भवती हिन्दू बहू और गोदभराई : Tanishq का नया ‘सेक्युलर’ विज्ञापन

शुक्रवार (अक्टूबर 9, 2020) को ‘तनिष्क ज्वेलरी’ का एक नया प्रचार वीडियो आया, जिसमें एक गर्भवती हिन्दू महिला की मुस्लिम परिवार में गोदभराई की रस्म दिखाई गई है। इस वीडियो में दिखाया गया है कि गहनों से लदी हुई एक महिला गोदभराई की रस्म के लिए तैयार हो रही है। जानने लायक बात ये है कि ‘तनिष्क ज्वेलरी’ की इस वीडियो में एक जिस जोड़े को दिखाया गया है, वो इंटरफेथ कपल होता है, अर्थात पति-पत्नी अलग-अलग धर्म के होते हैं।

‘लव जिहाद’ की कई खबरों के बीच आए इस वीडियो में महिला को पारम्परिक साड़ी, बिंदी और गहने पहने हुए दिखाया गया है। हालांकि, उसके साथ परिवार में जो अन्य लोग हैं, वो मुस्लिम हैं। उसके साथ जो बुजुर्ग महिला दिख रही है, उसने बिंदी भी नहीं लगाई है। परिवार के लोग गहनों से लदी हिन्दू महिला को सरप्राइज के लिए बगीचे में लेकर जा रहे होते हैं। बैकग्राउंड में दीपमालाएँ हैं और नटराज की प्रतिमा भी है। मुस्लिम परिवार को एकदम ‘सहिष्णु’ दिखाने का प्रयास किया गया है।

साथ ही मुस्लिम परिवार का बुजुर्ग भी साज-सजावट में व्यस्त रहता है। बैकग्राउंड में एक महिला कहती है, “रिश्ते हैं कुछ नए-नए, धागे हैं कुछ कच्चे-पक्के। अपने बल से इन्हें सहलाएँगे, प्यार पिरोते जाएँगे। एक से दूजा सिरा जोड़ देंगे, एक बँधन बनते जाएँगे।” इस वीडियो में भरा-पूरा मुस्लिम परिवार दिखता है, जहाँ बुजुर्गों से लेकर बच्चों तक गर्भवती महिला को सरप्राइज देने के लिए बगीचे में इन्तजार कर रहे हैं।

अंत में वो महिला अपनी सास से पूछती है, “ये रस्म तो आपके घर में होती भी नहीं है न?” इस पर उसकी सास उसे जवाब देती है, “पर बिटिया को खुश रखने की रस्म तो हर घर में होती है न?“इसके बाद ‘एक जो हुए हम, तो क्या ना कर जाएँगे।‘ के साथ इस वीडियो में ‘एकता’ की बात की गई है। हालांकि, ध्यान देने वाली बात है कि इसमें दिखाया गया है कि एक हिन्दू महिला की मुस्लिम परिवार में शादी हुई है, जहाँ लोग उसे खासा प्यार कर रहे हैं।

विडम्बना देखिए कि ये वीडियो तब आया है, जब 19 साल के राहुल राजपूत को दिल्ली के आदर्श नगर में उसकी लड़की दोस्त के भाई मुहम्मद और अफरोज ने सिर्फ इसलिए मार डाला, क्योंकि दोनों आपस में प्यार करते थे। किशोरी ने बताया कि वो कहती रही कि राहुल की तबियत खराब है, उसे मत मारो – लेकिन वो उसे पीटते रहे। किशोरी ने बताया कि उसके भाइयों ने उसकी एक न सुनी। राहुल को धोखे से मिलने के लिए उसके भाइयों द्वारा बुलाया गया था।

हालांकि, प्रचार वीडियोज में इस तरह की चीजें दिखाना कोई नई बात नहीं है। इसी तरह ‘सर्फ एक्सेल’ के ‘रंग लाए संग’ इस टैग लाइन से जारी किए गए विज्ञापन में हिन्दू-मुस्लिम सेंटीमेंट उछालने की कोशिश की गई थी। इसकी आड़ में बच्चों के कोमल मन में भी ज़हर बोने का सुनियोजित प्रयास किया गया था। इस वीडियो में हिन्दू बच्ची अपने साइकिल के पीछे बैठाकर मस्जिद छोड़ने जाती है। शबाना आजमी ने इस वीडियो में अपनी आवाज़ भी दी थी।

स्त्रोत : OpIndia

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