नंदुरबार (महाराष्ट्र) में राष्ट्रपुरुषों के पुतलों की स्वच्छता के लिए नगरपालिका ने पानी का बंब भेजा !

परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के अमृतमहोत्सव के उपलक्ष्य में ‘हिन्दू राष्ट्र जागृति अभियान’ !

हिन्दू संघटन का दिखें अविष्कार, ‘हिन्दू राष्ट्र जागृति अभियान’ के उपलक्ष्य में।
राष्ट्र-धर्म रक्षा हेतु संघटित हुए धर्माभिमानी, जळगाव तथा नंदुरबार के ॥

शहर में स्वच्छता अभियान एवं व्याख्यानों को उत्स्फूर्त प्रतिसाद !

सुभाषचंद्र बोस के पुतले की स्वच्छता करते हुए धर्माभिमानी

नंदुरबार (महाराष्ट्र) : यहां पर सनातन संस्था के साधक एवं हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ताओं ने शहर में स्थित राष्ट्रपुरुषों के पुतले एवं मंदिरों की स्वछता कर, साथ ही व्याख्यान लेकर ‘हिन्दू राष्ट्र जागृति अभियान’ चलाया। शहर में स्थित नेताजी सुभाषचंद्र बोस की अर्धाकृति एवं वीर महायोद्धा महाराणा प्रताप के पूर्णाकृति पुतलों की स्वच्छता की गई। इसके लिए नगरपालिकाद्वारा बंब भेज कर सहयोग किया गया।

इन पुतलों के निकट फल-सब्जियां बेचनेवाले सर्वश्री मनोहर चौधरी, किशोर भोई, सदाशिव भोई, युवराज भोई एवं श्रीमती कमला भोई ने भी इस स्वच्छता अभियान में उत्स्फूर्तता से सहभाग लिया। हिन्दू जनजागृति समिति के डॉ. नरेंद्र पाटिल, श्रीमती भावना कदम एवं प्रा. डॉ. सतीश बागुल ने भी इस अभियान में भाग लिया।

अन्य स्थानोंपर चलाए गए उपक्रम

१. बालवीर स्मारक की भी स्वच्छता की गई। इस अवसर पर सर्वश्री पवन चव्हाण, प्रेम पेंढारकर, रोहित भावसार, ऋषीकेश सोनार आदि के साथ कपडे की दुकान में काम करनेवाले बच्चों ने भी उत्स्फूर्तता से इस अभियान में सहभाग लिया।

२. पखाली कुवा परिसर के श्री सप्तश्रृंगी माता मंदिर में ‘साधना एवं हिन्दू राष्ट्र’ विषयपर श्रीमती निवेदिता जोशी ने मार्गदर्शन किया। इस व्याख्यान में परिसर की महिलाएं एवं युवतियां उपस्थित थीं। समिति के प्रा. डॉ. सतीश बागुल ने भी आयोजन हेतु सहयोग किया।

३. मंदिर स्वच्छता हेतु स्थानीकों की ओर से सामग्री की उपलब्धता : भोणे के श्री हनुमानजी के मंदिर में भी स्वच्छता उपक्रम चलाया गया। इस अवसरपर स्थानीकों ने स्वच्छता हेतु सामग्री उपलब्ध करवाई। तत्पश्‍चात महाआरती की गई। समिति के डॉ. नरेंद्र पाटिल ने ‘मंदिरों का महत्त्व’ इस विषय पर व्याख्यान लिया। स्थानीय रहिवासी सर्वश्री मनोज माळी, राकेश माळी, राहुल निळे, कल्पेश चौधरी, सुरेश जैन, श्रीमती दर्शना माळी इन्होंने उपक्रम में सहभाग लिया।

४. युवकोंद्वारा प्रतिदिन सायंकाल में मंदिर की स्वच्छता करने का निश्‍चय : श्री मरिमाता मंदिर में भी स्वच्छता उपक्रम चलाया गया। महादेव ग्रुप नामक युवकों के गुट ने इसमें सहभाग लेते हुए प्रतिदिन सायंकाल में मंदिर की स्वच्छता करने का निश्‍चय व्यक्त किया। श्रीमती उषा मराठे, श्रीमती तेजश्री धात्रक, श्रीमती कुसुम हराळे एवं सर्वश्री भूषण पाटिल, गौरव मराठे, वैभव मराठे, हर्षल परदेसी, चेतन चौधरी, हितेश परदेसी, ऋषीकेश चौधरी एवं धीरज मराठे ने उपक्रम में सहभाग लिया।

५. वीर योद्धा महाराणा प्रताप के पुतले की स्वच्छता अभियान में शिवसेना परिवहन सेना के जिला प्रमुख श्री. जितेंद्र राजपूत, श्रीमती भावना कदम, हिन्दू जनजागृति समिति के डॉ. नरेंद्र पाटिल, श्री. मयूर चौधरी आदि ने इसमें सहभाग लिया।

६. शेतकरी सेवा संघ के संकुल में स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज के अर्धाकृति पुतले की स्वच्छता की गई। इसमें सर्वश्री नामदेव बालाणी, महेश बालाणी, संजय साळवे, दशरथ माळी एवं रमेश भोई सम्मिलित थे।

७. चौपाळे के श्री दुर्गादेवी मंदिर में चलाए गए स्वच्छता अभियान में सर्वश्री ज्ञानेश्‍वर राठोड, लालचंद राठोड, पंडित महाजन, शिवसेना परिवहन सेना के जिला प्रमुख श्री. जितेंद्र राजपूत, श्रीमती भावना कदम, हिन्दू जनजागृति समिति के डॉ. नरेंद्र पाटिल एवं श्री. मयूर चौधरीसहित स्थानीय श्रद्धालु भी सम्मिलित हुए।

८. २ स्थानोंपर ‘साधना एवं हिन्दू राष्ट्र’ विषयपर आधारित व्याख्यान लिए गए। व्याख्यान के समय कभी शांत न बैठनेवाला तथा कुछ भी सुनने की स्थिति में न होनेवाला कु. यश उपासनी (आयु ९ वर्ष) भी एकाग्रता के साथ इस विषय को सुन रहा था।

९. श्री. कपिल भंडारी नामक युवक ने अध्यात्मप्रसार में अथवा धार्मिक कार्य में तन से सम्मिलित होने का निश्‍चित रूप से क्या अर्थ है, इसको समझ लेते हुए अध्यात्मप्रसार से संबंधित अपनी शंकाओं को भी जिज्ञासा के साथ पूछ कर निराकरण करा लिया।

वैशिष्ट्यपूर्ण गतिविधियां . . .

१. नेताजी सुभाषचंद्र बोस के पुतले के निकट बैठनेवाले फेरीवालों ने बताया कि विगत १५ वर्षों से हम यहां बिक्री हेतु बैठ रहे हैं; किंतु इस मूर्ति की स्वच्छता के कार्य में पहली बार ही सम्मिलित होने का हमें अवसर मिला। उन्होंने आगे ऐसा भी कहा कि, इसके आगे हर १५ दिनों में इस उपक्रम को हम स्वयं चलाएंगे।

२. श्री सप्तश्रृंगी माता मंदिर के व्याख्यान के पश्‍चात उपस्थित महिलाओं ने साधना के विषय में जिज्ञासा के साथ प्रश्‍न पूछकर यहां हर गुरुवार को धर्मशिक्षा वर्ग लेने की मांग की।

३. भोणे के एक मंदिर के सामने रहनेवाली एक महिलाद्वारा नियमित रूप से मंदिर के स्वच्छता की सिद्धता दर्शाई गई।

४. श्री मरिमाता मंदिर की स्वच्छता में सम्मिलित युवक क्रिकेट खेलकर आने के कारण थक गया था; किंतु उसी स्थिति में उसने उत्साह के साथ स्वच्छता की और उसने आनंद प्रतीत होने की बात कही। मंदिर के सामने रहनेवाले एक दांपत्य ने उत्स्फूर्तता के साथ आरती महाआरती का तबक सिद्ध किया। वहां की दुकान से प्रसाद हेतु सामग्री का क्रय करते समय दुकानदार श्री. हराळे ने उसके पैसे भी नहीं लिए।

गोवंश हत्याबंदी कानून के प्रभावशाली कार्यान्वयन हेतु गांव के कसाईयों को गांवबंदी करें ! – डॉ. नरेंद्र पाटिल

चौपाळे (जिला नंदुरबार) में ‘हिन्दू राष्ट्र जागृति सभा’

नंदुरबार : महाराष्ट्र में गोवंश हत्याबंदी कानून के लागू होते हुए भी प्रतिदिन गोवंश एवं गोधन की हत्या की जा रही है। इसे रोकने हेतु तथा इस कानून की प्रभावशाली रूप से कार्रवाई होने हेतु अब ग्रामवासियों को ही कसाईयों की गांवबंदी करनी होगी। हिन्दू जनजागृति समिति के डॉ. नरेंद्र पाटिल ने चौपाळे (तहसिल नंदुरबार) की ‘हिन्दू राष्ट्र जागृति सभा’ में ऐसा प्रतिपादित किया।

१. सभा के प्रारंभ में शंखनाद किया गया। छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को अभिवादन कर डॉ. नरेंद्र पाटिल के हाथों दीपप्रज्वलन किया गया।

२. श्रीमती स्वाती घोलप ने ‘साधना का महत्त्व एवं हिन्दू राष्ट्र की स्थापना की आवश्यकता’ इन विषयों पर मार्गदर्शन किया। प्रमुख मान्यवर डॉ. नरेंद्र पाटिल ने गोवंश की, की जा रही हत्याएं, साथ ही ‘हिन्दू राष्ट्र’ की आवश्यकता इन विषयों पर मार्गदर्शन किया। साथ ही समिति की ओर से ‘सामाजिक दुष्प्रवृत्ति निर्मूलन अभियान’ की जानकारी दी तथा सूचना अधिकार के अंतर्गत जानकारी लेना, आंदोलन करना और इसकी जानकारी हिन्दू जनजागृति समिति को देने का आवाहन किया।

इस अवसरपर सभी उपस्थित धर्माभिमानियों ने ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापना की प्रतिज्ञा ली। श्री. रोहित चौधरी ने प्रतिज्ञा वाचन किया। श्रीमती कल्याणी बंगाळ ने सूत्रसंचालन किया। सभा हेतु सर्वश्री ज्ञानेश्‍वर राठोड, लालचंद राठोड, पंडीत महाजन, क्षितिज मराठे, मयुर चौधरी, ऋषीकेश सोनार, जितेंद्र राजपूत, राजू चौधरी, श्रीमती भावना कदम एवं गांव का भजनी मंडल आदि ने परिश्रम किए।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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