इस लुटेरे के नाम पर है करीना के बेटे का नाम, शत्रू के सिर काटने का था शौक !

इंटरनेशनल डेस्क – बॉलीवुड अभिनेत्री करीना कपूर ने मुंबई में आज बेटे को जन्म दिया। करीना और सैफ ने बेटे का नाम तैमूर अली खान पटौदी रखा है। ये नाम उज्बेकिस्तान के खूंखार लुटेरे तैमूरलंग की याद दिलाता है, जो क्रूरता और अत्याचार के लिए प्रसिद्ध था। तैमूर ने १४वीं सदी में भारत के देहली और कश्मीर में भी जमकर लूटपाट की थी। १५ दिन में ही उसने देहली में लाशों के ढेर लगा दिए थे।

दुश्मनों के सिर काटकर ढेर लगाने का शौक था तैमूर को…

१. तैमूर का जन्म १३३६ में उज्बेकिस्तान के शाहरिसब्ज सिटी में एक आम मुस्लिम परिवार में हुआ था।

२. उज्बेकिस्तान सोवियत यूनियन का हिस्सा था। तानाशाही शासन की वजह से देश के हालात अच्छे नहीं थे।

३. परिवार की माली हालत के चलते तैमूर ने बचपन से ही छोटी-मोटी चोरियां शुरू कर दी थीं। धीरे-धीरे उसने अपनी गैंग बना ली।

४. गैंग बनाने के बाद तैमूर ने बड़ी-बड़ी लूटपाट की घटनाओं को अंजाम देना शुरू कर दिया और इस तरह वह खूंखार लुटेरा बन गया।

५. तैमूर ने सबसे पहले सन १३८० में इराक की राजधानी बगदाद पर आक्रमण बोला था, जहां हजारों लोगों का कत्ल कर उनकी खोपड़ियों के ढेर लगा दिए थे।

६. इस के बाद से उसकी बेरहमी के चर्चे पूरी दुनिया में फैल गए। तैमूर ने एक के बाद एक कई सौंदर्यपूर्ण राज्यों को खंडहर में परिवर्तित करना शुरू कर दिया।

७. तैमूर ने भारत के देहली और कश्मीर में भी जमकर लूटपाट की थी। १५ दिन में ही उसने देहली में लाशों के ढेर लगा दिए थे।

८. खूनी योद्धा के रूप में मशहूर तैमूर ने १४वीं शताब्दी में कई देशों में जीत हासिल कर ली थी।

९. अपाहिज होने के बावजूद तैमूर अपनी आखिरी सांस तक किसी से नहीं हारा। उसकी मौत १४०५ में बीमारी के चलते उस वक्त हुई, जब वह चीन पर आक्रमण करने जा रहा था।

देहली और कश्मीर में लगा दिया था लाशों का ढेर

तैमूर को भारत की दौलत ने आकर्षित किया। इसके लिए वह कश्मीर के रास्ते दिल्ली तक पहुंचा। दिल्ली में इस समय सुल्तान राज करता था, लेकिन इसकी रियासत सरहद पर मंगोलों से बराबर लड़ाई करते-करते कमजोर हो चुकी थी। इसलिए जब तैमूर मंगोलों की फौज लेकर यहां पहुंचा तो दिल्ली के सुल्तान की सेना उसका सामना नहीं कर सकी। तैमूर ने दिल्ली में जमकर कत्लेआम मचाया और लूटपाट की। बताया जाता है कि दिल्ली में जब कैदियों की संख्या बहुत ज्यादा हो गई तो तैमूर ने उनक कत्ल का आदेश दिया। मरने वालों में हिंदू-मुस्लिम दोनों ही शामिल थे। तैमूर को धर्म से ज्यादा लूटपाट से मतलब था। इतिहासकारों की मानें तो दिल्ली में वह १५ दिन रहा और उसने पूरे शहर को कसाईखाना बना दिया। इसके बाद में कश्मीर में लूटपाट मचाते हुए हुआ वह समरकंद वापस लौट गया था।

भारी-भरकम सेना से लैस होकर सबसे पहले सुल्तान तुर्की पर हमला बोला

कई देशों में लूटपाट के दौरान तैमूर ने न सिर्फ दौलत ही जमा की, बल्कि उसने विशाल सेना भी तैयार कर ली थी। तानाशाही देशों के पीड़ित लोगों को उसने अपनी सिपाहियों के तौर पर चुना। तैमूर एक तेज दिमाग व बहादुर लीडर भी था, जिसके चलते सैनिक उसका बहुत सम्मान करते थे। वह हर जंग में अगली लाइन में खड़ा होता था और यह बात सैनिकों के दिल में जोश पैदा कर देती थी। तैमूर ने १४०२ में तुर्की के सुल्तान बायाजिद प्रथम के खिलाफ जंग छेड़ी थी।

स्त्रोत : भास्कर

Leave a Comment

Notice : The source URLs cited in the news/article might be only valid on the date the news/article was published. Most of them may become invalid from a day to a few months later. When a URL fails to work, you may go to the top level of the sources website and search for the news/article.

Disclaimer : The news/article published are collected from various sources and responsibility of news/article lies solely on the source itself. Hindu Janajagruti Samiti (HJS) or its website is not in anyway connected nor it is responsible for the news/article content presented here. ​Opinions expressed in this article are the authors personal opinions. Information, facts or opinions shared by the Author do not reflect the views of HJS and HJS is not responsible or liable for the same. The Author is responsible for accuracy, completeness, suitability and validity of any information in this article. ​